मिट जानी हैं दूरियां – साहिबा टंडन : Moral Stories in Hindi

मालती की बोर्ड परीक्षाएं बस शुरु होने की थीं. सुजाता दिन रात उसका ख्याल रख रही थी. अनिल भी ऑफिस से आते जाते मालती को उसकी तैयारियों के बारे में पूछ लेते थे. मालती कोचिंग सेंटर भी जाती थी. हालांकि कोचिंग संस्थान दूर था और बच्चे भी क्षमता से ज्यादा थे पर अनिल और सुजाता … Read more

खट्टे रिश्ते हो गए मीठे – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

आंगन में बैठे सभी बातें कर रहे थे । गजेन्द्र चार पाई पर लेटकर आकाश को निहारते हुए बोला “कितना सौभाग्यशाली है ये सौर परिवार जिसमें सितारे, सप्तर्षि मंडल, ग्रह, नक्षत्र सब साथ रहते हैं, न किसी से ईष्या और न किसी से द्वेष! सब अपनी मर्यादा और कर्तव्य निष्ठा के प्रति प्रतिबद्ध ! आपस … Read more

जिगर के टुकड़े – रेनू देवी : Moral Stories in Hindi

बीबी वो बीबी तुम जो कहोगी ,वही मैं करूंगा ।  मां से नाता तोडूंगा, बहन को मैं छोड़ूंगा । तेरी पल्लू से ही बंध कर मैं दिन रात रहूंगा ।  बीबी वो बीबी तुम जो कहोगी, वही मैं । यह क्या कर रहे हो बेटा, हम सब को छोड़कर जा रहे हो…..  एक बार भी … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

अरे भाभी ये टॉप्स तो पुराने हैं।… परम ने भाभी को ठोकते हुए कहा.. भाभी की आंखों में दुख के आंसू छलक गए। उन्होंने तुरंत पलट करके कहा…. परम सोना चांदी कभी पुराना नहीं होता।ये नये लाये थे कई साल से ऐसे ही रखें थे ।पहने हुए नहीं हैं।       परन्तु परम कुछ सुनना नहीं चाहता … Read more

नन्हा पारस – डा. सुखमिला अग्रवाल,’भूमिजा’ : Moral Stories in Hindi

  महा नगर की सडकें रोज की तरह आज भी सरपट दौड रहीं थी।सडक किनारे एक बुजुर्ग दम्पत्ति बहुत उदास अनमने से उस पार जाने की प्रतीक्षा में न जाने कब से खडे थे । पुरूष बहुत कमजोर व अस्वस्थ लग रहा था ।महिला गुमसुम सी एक हाथ में गठरी लादे व दूसरे हाथ से पति … Read more

टूटे रिश्ते जुड़ने लगे – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

“माँ कहाँ हो, कहाँ हो? किचेन से बाहर निकलो देखो कौन आया है” यह सुन कर मैं किचेन से बाहर आई. देखा की आज मेरे भाई-भाभी, देवर-देवरानी, ननद-नन्दोई सभी अपने बच्चों के साथ मेरे ड्राइंग रूम में खड़े थे और मुझे देखते ही हैप्पी ऐनवर्सरी कहने लगे।  आज मेरी पच्चीसवी वैवाहिक वर्षगाठ है। बच्चों ने  … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

 दोनों परिवार अपने हैं – विभा गुप्ता         ” क्या…! तुमने मुझे उसी समय क्यों नहीं बताया…मैं उसका हाथ तोड़ देती…।” मालिनी अपनी ननद आरती को चीखते हुए बोली तो वो बोली,” भाभी..मेरे लिये तो दोनों परिवार अपने हैं।बंटी के जन्मदिन पर घर मेहमानों से भरा हुआ था..उस समय आपको बता देती कि आपके छोटे भाई … Read more

कल की आई – अन्नु गोन्द : Moral Stories in Hindi

“सुजाता ओ सुजाता जल्दी आओ, देखो मयंक हम सब को छोड़ कर जा रहा है”- दीनानाथ चिल्लाते हुए पत्नी सुजाता को बुलाया रहे थे । दीनानाथ जी की आवाज सुन सुजाता जी कमरे से बाहर आ गई | बाहर आकर उन्होंने जो घर का नजारा देखा तो उनकी आँखों को विश्वास नहीं हुआ । बाहर … Read more

बेटा हुआ पराया – शैलबाला रवि : Moral Stories in Hindi

माँ हमारा  बैंगलुरू जाना  कनफर्म हो गया है ओर परसों की फलाइट है। क्या ? माँ ने खिन्नता से पूछा। बेटा पहले नही बताया ओर टकिट बुक करते समय भी  नही बताया ? बस माँ यूंही काम की व्यस्तता के कारण दिमाग से निकल गया। ठीक है जाओ हमारा आशिर्वाद है। अंबिका बेटे के व्यवहार … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

*रिश्तों की महक* पुष्पा जोशी कल किसी परेशानी के चलते,राज ने  सुमी की बहिन को बिना सोचे समझे उल्टा-सीधा बोल दिया,वह चली गई, सुमी को बहुत बुरा लगा, मगर वह कुछ नहीं बोली, उसके ऑंसू देखकर राज को अपनी गलती का एहसास हो गया। कल राज की दीदी पूरे पॉंच साल बाद विदेश से आने … Read more

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