मेरे जीवनसाथी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए मुझे डोर कोई खींचे …….”  ये वो गाना है जो वाणी और विमल के जीवन को बखूबी बयां करता है। उनकी हर शाम सुहानी, मस्तानी और सुकुन से भरी हुई जो होती थी। सुकूं ऐसा कि दुश्मन तो दुश्मन ,दोस्त भी रस्क करें। मौसम तो आज भी सुहाना ही … Read more

जो तुम्हारे साथ हुआ वहीं तो आज तुम कर रही हो !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

रश्मि आज फटाफट रसोई का काम निपटा रही थी और उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी चमक रही थी , खुशी छलके भी क्यों ना आज उसकी और राहुल की पाँचवी शादी की सालगिरह थी और राहुल सुबह ही यह कहकर ऑफिस गया था कि आज शाम वह रश्मि को कहीं बाहर घूमाने लेकर … Read more

मिसरी सी बतियां – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां ये करेले का जूस वैसा ही पड़ा है।इसको कौन पियेगा।सुबह से झक मार रही हूं मैं।जूस निकालने में कितनी मेहनत और समय लगता है आप क्या जाने बैठे बैठे पीने को मिल जाता है फिर भी पिया नहीं जाता आपसे..निमी की तीखी आवाज से मां जी झट से बिस्तर पर उठ कर बैठ गईं … Read more

अस्तित्व – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह की धूप अब आंगन में उतर आई थी। चिया अपने बैग से योगा मैट निकाल रही थी, और मम्मी—सुनीता जी—रसोई में अदरक काटती हुई बड़बड़ा रही थीं। “ढेले भर काम का सहारा नहीं ऊपर से एक्सरसाइज करवा कर और थका दो! काम क्या कम हैं?” चिया ने रसोई के दरवाज़े पर आकर मुस्कराते हुए … Read more

अब और नहीं – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

पूर्णिमा..!! इस गुलदस्ते पर धूल क्यों जमी हुई है? तुम आजकल कामकाज करना ही नहीं चाहती, सारा दिन क्या करती हो..? बस खाना बना दिया और खिला दिया इसके अलावा बताओ मुझे..? कुंतल पूर्णिमा पर बरस पड़ा। कुंतल ऑफिस से आने के बाद घर में घूम-घूम कर सब कुछ व्यवस्थित देखना चाहता और यदि थोड़ा … Read more

सिसकती हुई लड़की – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सुबह से लेकर रात तक घर और परिवार के लोगों के बीच चकरघिन्नी बन सारे काम करने के बाद अपराजिता अपने कमरे में आकर बैठ गई। कमरे में बहुत ही ज्यादा उमस थी।पंखा चला कर उसने अपने साड़ी का पल्लू खिसका कर थोड़ा लेट गई। पसीना, थकान से कहीं ज्यादा वह हताश थी अपने ससुराल … Read more

अधिकार – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

बिल्कुल नही ….अमन! ये संभव नहीं। ये शादी नहीं हो सकती, तुमने सोच भी कैसे लिया ,तुमने फैसला कर लिया,आगे बढ़ने से पहले हमें बताते तो सही..! मां मैं आशना से प्यार करता हूं और प्यार क्या मैं आपसे पूछ कर करता ? नही अमन। ये नही होगा,तुम्हें अपना फैसला बदलना होगा। मां फैसला आपको … Read more

पिता की मजबूरी : नैतिक या अनैतिक – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

मनोज के घर पर सभी नई बहू का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मनोज का बारात कल पटना से मिथिलाँचल के एक गाँव मे गया था। कल विवाह था और आज नई बहू को लेकर बारात लौटनी थी। महिलाएं बहू की स्वागत की तैयारी कर के अब इंतजार कर रही थी कि कब बहू … Read more

स्नेह का बंधन – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

आज मीरा का मन बहुत बेचैन था। उसे अपनी माँ की बहुत याद आ रही थी। माँ की फ़ोटो हाथ में लेकर वह सुबक रही थी। कमरे के एक कोने में बैठी हुई अपनी माँ को याद कर रही थी। उसकी माँ उसके बचपन में ही उसे छोड़कर भगवान के पास चली गई थी। उस … Read more

आखिर तिरस्कार कब तक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

शिवानी अपनी नन्ही सी परी को लेकर रेलवे स्टेशन पर बैठी थी और सोंच रही थी अब क्या करूं कहां जाऊं कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है । मां को फोन करूं, फिर मन से आवाज आई अरे नहीं इतनी रात को फोन सुनकर मां परेशान हो जाएगी।और जिस घर में खुद मां को … Read more

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