काश मैं कमजोर न पड़ती – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

गरिमा शाम को अपनी छत पर बैठी शून्य में कुछ ख़ोज रही थी, गरिमा हर शाम छत पर आकर बैठ जाती वो कभी आसमान पर उड़ते पक्षियों को देखती कभी चलते हुए बादलों को कभी वो शून्य में कुछ खोजती जैसे उसका कुछ खो गया हो और वो उसे दोबारा पाना चाहती हो पर जो … Read more

अंगारे उगलना – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi

हरि का दोस्त मनोहर बाहर से आवाज दे रहा था “अरे ओ हरि! खेलना नहीं है क्या आज? “हांँ-हांँ चलता हूँ”   हरि व मनोहर अच्छे दोस्त थे। एक ही मोहल्ले में रहते थे। साथ खेलते साथ ही शाला जाते थे। हरि के पापा एक प्राइवेट कंपनी में  काम करते थे। उनकी कमाई से घर आसानी … Read more

वो काला दिन – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

उस दिन मौसम बहुत सुहावना था । दोनो भाई अमित, अनंत घूमने निकले । मुश्किल से दो घण्टे की दूरी पर वो रहते थे । आपस में अच्छी बनती थी उनकी , जब ज़िन्दगी के लुत्फ उठाना हो सैर- सपाटे के लिए निकल पड़ते । ये विभिन्न डे मनाने का प्रचलन विदेशों की ही तो … Read more

हाय राम! मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू मिली – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“हमें दहेज वहेज कुछ नहीं चाहिए बहन जी!जिसने अपने जिगर का टुकड़ा अपनी बेटी दे दी  बस यूं समझिये हमें तो जैसे सारे जहाँ की दौलत मिल गई और हमें क्या चाहिए?” मुकुल जी ने हाथ जोड़कर शीला जी से कहा! शीला जी की इकलौती बेटी मैना को मुकुल जी के बेटे मदन ने एक … Read more

अंगारे उगलना – खुशी : Moral Stories in Hindi

रवि मां बाप का लाडला बेटा था।1 बहन आरती और भाई विशाल था।पिताजी सरकारी नौकरी में थे मोतीलाल मां सरिता देवी गृहिणी थीं पर पति और रवि को अपने काबू में कर रखा था।रवि का बहुत बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर था। उसकी शादी सविता से हुई । समय के साथ पिता जी का स्वर्गवास हो गया। … Read more

अस्तित्व – डॉ. इन्दुमति सरकार : Moral Stories in Hindi

घड़ी की टिक-टिक ने मीनाक्षी को जगा दिया। सुबह के 5:30 बजे थे। उसने आँखें मलते हुए अलार्म बंद किया और धीरे से बिस्तर से उठी ताकि उसके पति अंकित की नींद न खुल जाए। रसोई में जाते हुए उसने बरामदे में पड़े कपड़े उठाए—कल रात सोने से पहले बच्चों ने वहीं फेंक दिए थे।   … Read more

हाय राम मेरी तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आईं – सविता शर्मा : Moral Stories in Hindi

नवीन नूतन की शादी को ६वर्ष  बाद एक बेटा हुआ । बड़े लाड़-प्यार से पाला।हर ख्वाहिश उसकी पुरी करी। पढ़ाई में  बहुत ही होशियार था। हमेशा अव्वल नंबर से पास होता था। बेटा पढ़ाई करके नौकरी में लग गया माता-पिता ने कहा अब शादी कर देते हैं बेटे ने कहा पापा अभी नहीं मुझे अभी … Read more

मुझे फक्र है,मैं  उस घर की बहू हूं! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi

रामप्रसाद जी और कौशल्या जी अपनी तीन लड़कियां और दो लड़कों के साथ दिल्ली के करोल बाग में हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे थे… सीता गीता ,मीता ,राम और श्याम सभी बच्चों में बहुत प्यार और अपनापन था….. सबसे बड़ी बेटी सीता देखने  में बहुत खूबसूरत थी… गीता भी सुंदर थी… पर  मीता का रंग … Read more

चाय पानी हो गई – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

———————– फोन की घंटी बजाते ही सिंक में बर्तन धो रही शोभा ने झट आंचल में हाथ पोछ उसकी तरफ लपकती और फूर्ती से उंगलायां चलाते हुए रिसीब करते हुए बोली – हेलो बेटा जय श्री राधे कैसी हो ।उधर से आवाज आई ठीक हूँ मां और तुम  कैसी हो। अच्छी आदत हो गई है … Read more

सुखमय जीवन – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

——————– खाना परोस कर टाठी पति की ओर सरकाती हुई बेना  हांकते हुए बोली सुनिये ना अब तो बिट्टू की नौकरी भी लग गई तो अब  बिआह करे में काहे की देर ।अरे देख लो कोई सुघड़ लड़की और उसके हाथ पीले कर दो। आखिर कब तक अपने से रोटी बनाई खाई। अधिकतर  तो होटले … Read more

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