कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

जाओ बेटा तुम दोनों आपस में बातें कर लो, हम अपनी बातें करते हैं तुम्हें भी तो आपस में थोड़ा समझ लेना चाहिए, एक दूसरे की प्रकृति के बारे में। लड़के वाले शर्मा जी और मिसेज शर्मा ने अपने बेटे से कहा। मिसेज शर्मा अपनी बात जारी रखते हुए बोलीं, लड़की तो हमें पसंद है … Read more

चन्दन – विनय मोहन शर्मा : Moral Stories in Hindi

लगभग सात वर्ष की आयु रही होगी; चंदन की, जब उसके माता-पिता उसे इस संसार में अकेला और बेसहारा छोड़ कर चले गए। चंदन के मामा मनोहर बाबू चंदन को अपने साथ ही हमेशा के लिए शहर ले आये थे। चंदन को देखकर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कंचन को इस बात से गहरा सदमा लगा कि … Read more

बुढापे की लाठी सुपात्र बेटी – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

लोकपरिवहन बस के कंडेक्टर ने तेज आवाज लगाई “गंगा पुर…. गंगापुर….गंगापुर!” प्रकाश बस से उतरा । वह शहर से अपनी बेटी के नामकरण संस्कार की सामग्री का थैला थामे अपने घर की ओर रवाना हो गया ।  वह एक मध्यम वर्गीय मौहल्लै में अपनी पत्नी आशा व बेटी सुमित्रा के साथ रहता था । पति-पत्नी … Read more

मन का मैल – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi

डिंग डांग डोर बेल बजी तो सुभाषिनी बिस्तर से उठ कौन हैं कह कर दरवाजा खोलने चल पड़ी सोचती जा रही थी इस भरी दोपहरी भला कौन आया होगा दरवाजा खोलते ही अवाक रह गई रत्ना कह कर सुभाषिनी रत्ना के गले लग कर रो पड़ी पूरे तीन साल बाद रत्ना को देख रही थी … Read more

बिंदी – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi

 भाई साहब बिंदी भी क्या चीज है । नारी के माथे पर लगे तो नारी का श्रृंगार पुरूष के माथे पर लगे तो तिलक  । बिंदी को नारी के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। सच कहू तो ब्रम्हांड का आकार भी तो बिंदी के समान है । जीवन के आरंभ में भी बिंदी और … Read more

आपबीती – चांदनी खटवानी : Moral Stories in Hindi

जया और मैं अपनी अपनी बेटी को लेकर.. रोज पार्क जाते एक नियत समय पर! दोनों बच्चियां खेलती रहतीं और हम लोग भी क्वालिटी टाइम स्पेंड करते! इधर तीन-चार दिनों से जया की मां का लगातार फोन आ रहा था.. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.. तो जया से मिलने आने को‌ कहती रहतीं.. पर वह … Read more

मुक्ति- बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज पापा की आरिष्टि है।पापा खुद नगर में लोकप्रिय रहे है और मैं स्वयं प्रतिष्ठित डॉक्टर हूँ तो इस कारण नगर के काफी लोग हमारी कोठी के बड़े से लॉन में एकत्रित हुए हैं।एक प्रकार से यह एक शोक सभा हो गयी है।नगर की कई संस्थाओं ने अपने अपने शोक प्रस्ताव भेजे हैं, जिन्हें पढ़ने … Read more

कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – पूजा दत्ता : Moral Stories in Hindi

सारा काम ख़त्म करके चाय का कप लेकर बालकनी में बैठी ही थी कि दरवाज़े की घंटी बजी… इस समय कौन आया होगा, सोचती हुई गेट पर गई तो मेरी बचपन की सहेली सुमेधा सामने खड़ी थी। “अरे सुमेधा, तुम… आओ ना… कितने दिन बाद आई हो…” उसे बिठाकर मैं उसके लिए भी एक कप … Read more

गुरु दक्षिणा – विनय मोहन शर्मा : Moral Stories in Hindi

देवव्रत शास्त्री शहर में एक माध्यमिक विद्यालय में हिंदी के शिक्षक थे। उनको छात्र मास्साब कहकर संबोधित करते थे। वह अपने छात्रों से पुत्रवत स्नेह रखते थे और उनकी गल्तियों पर उन्हें डांटने के स्थान पर स्नेह पूर्वक समझाते। अपने छात्रों को पढ़ाने में बहुत मेहनत करते थे, जिसका ही परिणाम था कि उनके विद्यालय … Read more

कुछ गुनाहों का प्रायश्चित नहीं होता – ममता सिंह : Moral Stories in Hindi

घड़ी की सूइयाँ रात के तीन बजा रही थीं। बाहर घना अंधेरा था और अंदर उतनी ही गहरी ख़ामोशी थी। राजन की आँखों में नींद का नामोनिशान नहीं था। वह कुर्सी पर बैठा सामने रखी शराब की बोतल को घूर रहा था। हर घूंट के साथ एक चेहरा उसकी आँखों के सामने आता— एक खूबसूरत … Read more

error: Content is protected !!