कृतज्ञता! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

“मन्या! दो कप चाय लाओ! साथ में गर्म नाश्ता” बच्चू जोर से चिल्लाया! उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसकी प्रिय शिक्षिका वझे बाई (तब मैडम कहने का चलन नहीं था) उस के सामने खड़ी है! वह तपाक से उठा और उसने उनके पैर छुएँ और उन्हें कुर्सी पर बैठने की विनती की … Read more

‘ननद’ – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

मिथिला की ननद मोहिनी उसकी हम उम्र थी। ननद भाभी के रिश्ते से ज्यादा दोनों प्यारी सखियां थी। दोनों की पसंद,  रहन-सहन, विचार, व्यवहार मेल खाते थे। सबको लगता वे दोनों बहने ही हैं। साईकिल सवार हो दोनों साथ प्रशाला जाती। मिथिला बाहर से ही मोहिनी को पुकारती। जब कभी मोहिनी का भाई आतिश घर … Read more

आपने मेरे भाई को अपने वश मे कर लिया है : Moral Stories in Hindi

“सासू माँ आप यह कैसी बात कर रही है??? संजना मेरी छोटी बहन जैसी ही है… मेरी हम उम्र है… मैं भला क्यो उसकी बातों का बुरा मानूँगी ।” “ नहीं बहू … वो घर में सबसे छोटी और सब भाइयों की दुलारी है ना… इसीलिए कभी-कभी ऐसी बातें कह देती है…।” “ कोई बात … Read more

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

प्रतीक्षा और मुकुंद दोनों कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे, वहीं एक दूसरे को पसंद करने लगे। यह बात जब मुकुंद ने घर आकर अपने माता पिता को बताई,तो उनका कहना था, हम इस पर लड़की के परिवार वालों से मिलकर विचार करेंगे। वैसे तो मुकुंद के माता-पिता करुणा व अनुमोदन जी दोनों ही आधुनकि … Read more

नई कार – चांदनी : Moral Stories in Hindi

**** क्या बात है आदि.. पिछले कई दिनों से मानवी नहीं आई अपने घर! मुझे क्या पता.. कहीं बाहर वाहर गई होगी.. अच्छा! पर तुम्हें बिना बताए.. मैंने तुरंत दूसरा सवाल दागा! अब थोड़ा वह झल्ला गया.. मैं क्या उसका सेक्रेटरी हूं.. जो उसके एक एक दिन का हिसाब किताब रखता फिरुं! यह कैसी बेवकूफी … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – डॉ ममता सैनी : Moral Stories in Hindi

सरकारी अस्पताल के धुंधले गलियारों में, राजीव बेचैनी से बैठा हुआ था, अपने फोन को कसकर पकड़े हुए। उस सुबह ही खबर आई थी—उसके पिता, जो उसके लिए सब कुछ छोड़ चुके थे, को लकवा मार गया था। मुंबई में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी बनने के बाद, राजीव ने पिछले पांच वर्षों में अपने माता-पिता को … Read more

आत्मसम्मान का निर्णय – डॉ ममता सैनी : Moral Stories in Hindi

गाँव की पगडंडियों पर चलते हुए संध्या के कदम डगमगा रहे थे, लेकिन उसके हृदय में एक अदम्य साहस था। वह जानती थी कि आज का दिन उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा। संध्या का विवाह पच्चीस साल पहले अनुराग से हुआ था। अनुराग एक शिक्षित व्यक्ति था, लेकिन समाज के पुराने रीति-रिवाजों … Read more

बड़ी बहू – विनय मोहन शर्मा : Moral Stories in Hindi

   आज सुमित्रा के देवर राहुल का तिलक समारोह है। हमारी कहानी की पात्र बड़ी बहू यानि सुमित्रा को पल भर के लिए भी फुरसत नहीं थी। तिलक समारोह का कार्यक्रम  निखिल माथुर जी ने अपने ही घर पर रखा था। अरे बहू! कहां हो, देखो अभी तक नाश्ता भी तैयार नहीं है। लड़की और उसके … Read more

पैरों की धूल समझना – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

राहुल पिछले काफी टाइम से उदास और परेशान रहने लगा था मां ने एक दिन पूछा भी की क्या बात है बेटा तबीयत नहीं ठीक है? ऑफिस में कोई परेशानी है? नहीं मां ऐसी कोई बात नहीं है,  राहुल हर बार मना कर देता था कि नहीं कोई परेशानी नहीं है वह कैसे किसी को … Read more

संस्कारी बहू – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

राधिका संयुक्त परिवार में पली बढ़ी।उसके परिवार में दादा-दादी,ताऊ-ताई ,उनके तीन बेटे  ,राधिका के माता-पिता ,राधिका और उसका भाई  सब मिल-जुलकर रहते थे। राधिका घर में सबसे छोटी थी और सबकी लाड़ली।  उसके दादा -दादी की तो उसमें जान  बसती थी। जहाँ चार बर्तन हों वे बजते ही हैं।छोटी-छोटी तकरार तो कहाँ नहीं होती लेकिन … Read more

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