स्नेह का बंधन – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

 14 वर्ष की अल्पायु में उसके सिर से पिता का साया उठ गया था। गरीबी इतनी कि 2 जून की रोटी की भी जुगाड़ नहीं। राजन….. जी हां यही नाम था उसका, परिस्थितियां बिल्कुल नाम के विपरीत, हौंसले यथा नाम। पिता की असमय मृत्यु ने अंदर तक झकझोर दिया था उसको, उसका बाल मन समझ … Read more

कांता बाई के केक की मिठास – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

लॉक डाउन के बाद कांता बाई का आज काम पर जाना हुआ। अंदर ही अंदर डर समाया हुआ था पता नहीं मालिक काम पर रखेंगे या नहीं। लेकिन कांता बाई को देखकर कोठी वाली मेमसाब की खुशी देखते ही बन रही थी, वो भी थक चुकी थी रोज काम करते हुए, सोच रही थी पता … Read more

संस्कार – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

नई नई बहु आई थी हमारे घर में। उसके पति से लेकर सास, नंनद, और घर के सभी बच्चे बहु के आगे पीछे घूम रहे थे। बहु थोड़ी परेशान सी नजर आ रही थी। तो मैने उससे कहा बेटा थोड़ा आराम कर लो अपने कमरे में चले जाओ। नहीं पापाजी ऐसी कोई बात नहीं है। … Read more

बच्चों का इंतजार – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

दशहरे की छुट्टियों में बच्चों को साथ लेकर आने का वायदा किया था ,अंकित ने । मिश्रा दंपत्ति बहुत खुश थे। कुछ दिनों के लिए ही सही, घर के एकान्त को चीरने के लिए रौनक आ रही है । बहुत बड़ा घर बनाते हुए ,एक सपना पाल लिया था ,मिश्रा जी ने । दोनों बहुओं … Read more

दिखावा हार गया – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

सूरज और किशोर बचपन से ही एक साथ ही खेलकूद कर बड़े हुए। दोनों के ही परिवार शुरू से ही एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते हुए, एक अच्छे पड़ोसी होने का धर्म निभाते रहे । सूरज और किशोर की उम्र बराबर होने के कारण ,दोनों दिनभर एक साथ खेलते रहते । सूरज … Read more

सोने की मुर्गी! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह जैसे ही मानसी के बाबा बरामदे में रक्खी कुर्सी पर आ कर बैठे, मोहिनी जी ने चाय-नाश्ते की ट्रे कांच के टी-पॉय पर रख दी और खुद सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई। मानसी के पिताजी रतनचंद जी शहर के नामी-गिरामी कॉलेज में प्रोफेसर थे। राज्य सरकार के अधीन महाविद्यालय होने के कारण उनकी … Read more

सुनो, बहू क्या लाई हो – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

शादी को अभी कुछ ही वक़्त हुआ है… मायके से ससुराल वापसी पर…सासू मां और संग सहेलियां पूछने लगती हैं अक्सर …. मायके गई थी क्या लायी… एक तो वैसे ही मायके से आकर मन वहीं के गलियारों में भटकता रहता है… उस पर सभी का बार बार पूछना। हो सकता है ससुराल के हिसाब … Read more

माँ मुझे माफ़ कर दो – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

राजीव का घर दुल्हन की तरह सजा हुआ था रंग-बिरंगे फूलों से बने हार, रंगीन बल्बों की सीरीज, बेहद आकर्षक मंडप और कानों को प्रिय लगे ऐसा लाजवाब संगीत चल रहा था। कोई भी राह से गुजरने वाला व्यक्ति दो मिनट रुककर, उस बंगले को देखता ज़रूर था। घर में आने-जाने वालों की भीड़ लगी … Read more

ननद – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

सविता शहर की एक पढ़ी-लिखी लड़की थी और एक संयुक्त परिवार की बेटी थी।उसके पिताजी उसके लिए लड़का देख रहे थे। सविता के पिताजी जब भी कोई इकलौता लड़का देखते तो सविता कहती….. नहीं पापा परिवार में ननद हो ,देवर हो, जेठ हो, तो कितना अच्छा लगता है भरा-पूरा  परिवार हो सब एक साथ खाना … Read more

सुजाता – इंदु विवेक : Moral Stories in Hindi

अचानक ऊंघते हुए उसके हाथ से कलम गिर गई,वो हड़बड़ा कर उठी,तब तक नींद उसकी आँखों से दूर जा चुकी थी। वह डूब गई जीवन के तमाम उतार चढ़ावों में।                 सुजाता यही नाम था उसका,,,,,,जब दुल्हन बन कर आई तो कैसे वह सुजाता से राधिका हो गई,अब घर के सभी लोग उसे राधिका कहते।उसके पुराने … Read more

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