आँसू बन गए मोती – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

शाम का धुंधलका धीरे-धीरे गहराता जा रहा था। गांव के किनारे बहती नदी की लहरों पर सूरज की अंतिम किरणें ठिठक कर बिखर रही थीं। इसी नदी के किनारे बैठी थी राधा—चुपचाप, अपने विचारों में खोई हुई। उसकी आँखों में आँसू थे, जो मोती की तरह चमक रहे थे। राधा इस गाँव की सबसे सुंदर … Read more

निपुण ही चमकते हैं – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

दिवाकर जी ने अपने बेटे राहुल का अपनी पहुंच और पैसे के लेनदेन से अच्छे स्कूल में एडमिशन करवा दिया और सोचा अच्छे स्कूल की स्टैंडर्ड की पढ़ाई से उनका बेटा जरूर ऊंचे पद पर पहुंचकर भविष्य में उनका नाम रोशन करेगा,इसी सोच में उनके भीतर घमंड ने भी पैर फैलाना शुरू कर दिए , … Read more

अनमोल उपहार – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

वर्मा जी की गिनती शहर के अमीर लोगों में हुआ करती थी वर्मा जी की बर्तन बनाने की फैक्ट्री थी, और वह अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए अक्सर छोटे-मोटे आयोजन किया करते रहते। वर्मा जी के पिता जी ने शहर में काफी बड़ी हवेली बनवाई और मंदिर के साथ ही धर्मशाला भी जहाँ हर पूर्णिमा … Read more

ऑंसू बन गए मोती – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

  अनुभा ओ अनुभा… सास की आवाज सुनकर थकान से बोझिल ऑंखों को अनुभा ने जैसे ही खोला सामने अपनी सास को देखा। वे उसके अनुराग की निशानी को गोद मेें लिए ससुर जी के साथ खड़ी थीं। खुशी से चहक उठीं और बोलीं- देखो बेटी तुमने आज हमारे अनुराग को वापस हमारी गोद मेें देकर … Read more

आंसू बन गए मोती – ऊषा बुच्चा : Moral Stories in Hindi

रवि , ८ साल का बच्चा , गोरा और नाक नक्श भी अच्छे , रास्ते पर खड़ा आने – जाने वाली गाड़ियों की सफ़ाई कर रहा था !  सिगनल के कारण रमा जी की गाड़ी खड़ी हो गई थी और रमा जी रवि से पूछ बैठे , यहाँ धूप में गाड़ियाँ साफ करने का काम … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – राजेश कुमार : Moral Stories in Hindi

क्या टका सा मुंह ले के बैठे हो सुबह सुबह। चलो उठो और पार्क में सैर करके आओ। पिता ने अपने मायूस हो रहे बेटे को कहा। क्योंकि की कल ही उसका रिजल्ट आया था और वो फिर से  कुछ मार्क से रह गया था । ये उसका तीसरा अटेम्प्ट था। पिताजी ने रात को … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे कहां है आप ?कब से पुकार रही हूं।चाय है कि ठंडी हुई जा रही है।अनिका ने अपने पति अनय को आबाज लगाते हुए कहा और चाय लेकर बरामदे की तरफ आई।आप यहां चहलकदमी कर रहे हैं और मैं गला फाड़कर आपको पुकार रही थी।अनिका ने चाय की प्याली को पास की मेज़ पर रखते … Read more

मेरी नहीं दीदी की चिंता कीजिए – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

रमा तीन बहन भाइयों में सबसे छोटी थी, उसके पापा एक वर्ष पहले गुजर गए, तब से वह कभी दादी के यहां तो कभी नानी के यहां, ना चाहते हुए भी झूलती रही। बड़ी बहन की शादी हो गई, उस ने स्वयं को सुसराल में खपा दिया। जिससे कोई दहेज का ताना ना मार सके। … Read more

टका सा मुँह लेकर रह जाना – रीतिका सोनाली : Moral Stories in Hindi

ससुर के वर्षगांठ की तैयारियों के बीच अचानक सुधा चिल्ला पड़ी। कर ही तो रही हूँ अब क्या चूल्हे में झोंक दूँ ख़ुद को और अपने बच्चे को ! दुध पिते बच्चे को छोड़कर सुधा रसोई का काम संभालने में लगी है तीन दिनों से। घर का अच्छा बेटा बनने के चक्कर में कैलाश सुधा … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

दोहरे चेहरे – डॉ बीना कुण्डलिया नेताजी के भाषण ने लोगों का दिल जीत लिया.. कितना सुन्दर बोले दहेज प्रथा पर…”  दहेज जैसी समस्या जिसके कारण बेटियों को शारीरिक मानसिक प्रताड़ना जीवन से भी हाथ धोना पड़ जाता है। इसको हटाने के लिए जागरुकता चाहिए…! खूब जिन्दाबाद के नारे लगे । मगर ये क्या ….? … Read more

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