रिश्तों की मिठास – ममता भारद्वाज

मालती और उसके पति मोहित ने अपना एक छोटा सा प्यार भरा आशियाना बनाया हुआ था ।घर छोटा था पर खुशी और प्यार से परिपूर्ण।मालती के पति मोहित एक छोटे से कारखाने में बहुत ही साधारण सी नौकरी करते थे।मालती भी एक लिफाफे बनाने के छोटे से कारखाने में काम करती थी। वह यह कार्य … Read more

जमा पूंजी – गीता वाधवानी

 बसंत आज बहुत उदास था। उसकी पत्नी कंचन ने पूछा, पर बसंत ने कुछ नहीं बताया। कंचन को लगा कि कुछ दिनों बाद उनकी बिटिया रिद्धि का विवाह है। वह ससुराल चली जाएगी, शायद यही सोचकर उदास हो गए हैं, रिद्धि का एक छोटा भाई सचिन भी था।        यह परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार से … Read more

कंगन की हकदार

सुषमा का फोन बज रहा था ,इतनी रात गए किसका फोन होगा? सोचते हुए उसने उठाया!  राधा उसकी देवरानी का फोन था। “हेलो दीदि अम्मा जी की हालत बिल्कुल ठीक नहीं है, आप सबको बहुत याद कर रही है ।डॉक्टर ने जवाब दे दिया है। पता नहीं एक-दो दिन– -कहते-कहते राधा की आवाज रूंध गई।  … Read more

सात तोले के कँगन – संगीता त्रिपाठी 

 “माँ मुझे प्लाट खरीदने के लिये पैसे कम पड़ रहे, पापा से तो मांगने पर वे देंगे नहीं, आप ही कुछ मदद कर दो, मैं आपका ये पैसा जल्दी ही वापस कर दूंगा “बड़े बेटे तुषार ने माँ नंदा देवी से गुहार लगाई तो माँ का दिल पसीज गया,उन्होंने अपनी बचत के पैसे, जो छोटी … Read more

पुत्री मोह

नीना का ससुराल लोकल ही था सो जब मन में आए मायके आ धमकतीऔर साधिकार अपनी फरमाइशें मम्मी मनीषा जी के सामने रखती। बेटी के मोह में वे उसकी सारी इच्छाएं पूरी करतीं। अपने ससुराल में वह ना तो ढंग से काम करती और ना ही उसका व्यवहार अन्य सदस्यों से सौहार्दपूर्ण था।बस अपनी मनमानी … Read more

लेना देना तो प्रकृति का नियम है

बधाई हो सेठानी,पोता हुआ है इसबार पैसो से काम नहीं चलेगा, सोने का हार लुंगी।आज सेठ रामदयाल जी के यहाँ पोता का बधाई गाने किन्नर समाज के लोग आए थे और इस ख़ुशी के अवसर तरह तरह के नेग न्योछावर की माँग कर रहे थे। सेठानी नें कहा दूंगी,क्यों नहीं दूंगी? भगवान की दया से … Read more

सोने के कंगन – मधु वशिष्ठ

आज मालती जी की 50वीं सालगिरह थी। भारी भरकम साड़ी और गहने पहनी हुई इस उम्र में भी वह दुल्हन सी प्रतीत हो रही थीं। होटल में जाने के लिए सब बच्चे बाहर गाड़ी में दादू के साथ बैठे हुए दादी के आने की इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक मालती जी को कुछ याद … Read more

खूनी कंगन

सौदामिनी नही रही! जैसा दमदार नाम वैसा ही दमदार व्यक्तित्व था।उनके नही रहने की खबर जो भी सुनता मन ही मन चैन की साँस लेता। सौदामनी का भरापूरा घर था।पति बेहद सीधे-सरल,चार बेटे-बहू दो बेटी-दामाद,छः पोते, दो नाती,दो पोतियाँ और तीन नातिन थी। बड़ी सी हवेली,सैकड़ो बीघे खेती,धन संपत्ति से घर भरा था। घर के … Read more

सोने के कंगन – सुदर्शन सचदेवा

नवेली बहू सान्या अभी-अभी इस घर की दहलीज़ पर आई थी। शादी को एक महीना भी नहीं हुआ था। उसकी मुस्कान में अब भी नई ज़िंदगी की चमक थी, पर मन के कोने में एक हल्की सी झिझक भी। सासु माँ कमला देवी सख्त मिज़ाज की थीं — घर का हर काम उनके तय नियमों … Read more

अनमोल तोहफा

“देख लता,मैं अपनी बहु के लिए सोने का सेट लाई हूँ उसका पहला करवाचौथ है।कैसा लग रहा है?” रमा ने लता को सेट दिखाते हुए पूछा। “बहुत सुंदर लग रहा है।कहाँ से खरीदा है?”लता ने उत्सुकता से पूछा तो रमा चहकते हुए बोली-“अरे वो तेरे घर के पास एक नया शो रूम खुला है,वहीं से … Read more

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