ग्रहण – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
“रानो,रानो बहू कहाँ हो? सुनो तो जरा |” विमलादेवी सत्संग से आकर अपनी बहू रानो को खोज रही थी | “यहीं हूँ,माँजी” चाय लेकर आते हुए रानो ने कहा | दोनों चाय पीने लगी | चाय पीते-पीते विमलादेवी ने कहा “रानो परसों सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सूर्य-ग्रहण है | इस बीच … Read more