समझौता – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

 राधा, किस सोच में डूबी हो, कहते हुए सुधीर अंकल कब उसके केबिन में आ गये उसे पता ही नहीं चला ।     जी अंकल, कहिए  । आप कब आए ?      राधा, तुम इतनी उदास क्यों रहती हो । बताओ क्या बात है? कुछ दिनों से देख  रहा हूँ । किसी से बातचीत नहीं करती । … Read more

कच्चा चिट्ठा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

  सुमन कैसी हो उसके माँ ने हाल-चाल जानने के लिए फोन किया ।    माँ कैसे अच्छी रहूँगी । ऐसे घर में आप लोगों ने शादी कर दी मेरी । हमेशा तनाव में रहती हूँ ।    पर सुमन तुम्हारा ससुराल तो बहुत ही अच्छा है । इतने अच्छे लोग हैं । कैसे बोल रही हो । … Read more

“पत्नी तो कब की बन गई थी, पर बहू और भाभी आज बनी…” – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

रूपा की शादी को आज पूरे आठ साल हो गए थे। गांव के नज़दीक एक छोटे कस्बे में उसका ससुराल था। शादी के दिन उसे सजाकर जैसे ही विदा किया गया था, घर भर में मानो कोई देवी आई हो—सबके चेहरे पर मुस्कान थी। लेकिन ये मुस्कान रूपा की किस्मत में जिंदगी भर के लिए … Read more

सच का आइना – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर के आँगन में अदरक वाली चाय की सोंधी खुशबू के साथ अजीब सी खामोशी घुली हुई थी। लीला जी खामोश थीं,  उनकी आँखों की थकान उम्र की नहीं आत्मा व मन की ,अनकहे  जज़्बातों के उपेक्षा की थी। उनका बेटा विवेक, हमेशा से, ऑफिस से लौटते ही लैपटॉप में घुस जाता। घर को आफिस … Read more

बहू और भाभी आज बनी है – आकाश गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

(एक पारिवारिक और भावनात्मक कहानी) गाँव के उस बड़े से पुश्तैनी घर में चहल-पहल थी। आँगन में रंगोली बन रही थी, दरवाज़े पर केले के पत्तों और गेंदे के फूलों की बंधनवार लटक रही थी। रसोई से पकवानों की खुशबू हवा में घुली थी। आज रोहित और साक्षी की शादी की सातवीं सालगिरह थी। परिवार … Read more

नई  दिशा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

रीना के बेटे ने आज ऐसे खुशखबरी दी थी कि रीना के पैर  धरती पर नहीं पड़ रहे थे । मारे खुशी के आज तो नींद भी नहीं आ रही थी ।  रीना के गले में उसका बेटा रोहित बाहें डालकर कहा था मुझे आपको कुछ बताना है माँ और यह कहते हुए उसका गोरा … Read more

“समझौता अब नहीं” – समिधा नवीन वर्मा : Moral Stories in Hindi

बाजार में अचानक अपने बचपन की सहेली को देख मुझसे रहा नही गया । मैने उसे आवाज़ लगाई। उसने मुड़कर देखा भी ,पर न जाने क्यूं मुझे अनसुना कर वो तेजी से आगे बढ़ गई । मुझे लगा वो मुझे नज़रअन्दाज़ कर रही है । बारहवीं तक मै और विशाखा साथ साथ पढ़े थे ।स्वभाव … Read more

शहाबो की बारात – हेमलता श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

मेरा विवाह संभ्रांत परिवार में हुआ था और खेती-बाडी भी थी, विवाह के कुछ दिनों बाद जब  सासूमां के साथ उनके गांव गई तो आदतन  मुझे हर जगह डर लग जाता था पर नई होने के कारण किसी से कुछ कह न पाती।  एक दिन पति से पूछ ही लिया आपको डर नही लगता लाइट … Read more

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नयी दिशा – डा० विजय लक्ष्मी : Moral stories in hindi

बारिश की बूँदें खिड़की से टकरा रही थीं, और कैफे के भीतर आकाश चुपचाप मेजें साफ कर रहा था। कभी जो हाथ ब्रश से सपनों के रंग भरते थे, आज वही हाथ झूठी प्लेटें समेट रहे थे। भीड़ के शोर में भी उसका मन अजीब सी खामोशी में डूबा बुझा सा था। “क्या यही मेरी … Read more

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अब और नहीं – सुधा शर्मा : Moral Stories in Hindi

 करुणा खुद को विकट मानसिकता से निकालने  का प्रयास कर रही थी । क्या आसान था यह? किसी बात की भी हद होती है ।  कितना कितना सहन किया था ।होश  संभालने  से लेकर आज तक ।क्या उसकी तकलीफें कभी खत्म नहीं होगी ।   चारों तरफ देखो लडकियों  कितनी सहज जिंदगी जी रही है … Read more

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