अस्तित्व – डॉ. इन्दुमति सरकार : Moral Stories in Hindi

घड़ी की टिक-टिक ने मीनाक्षी को जगा दिया। सुबह के 5:30 बजे थे। उसने आँखें मलते हुए अलार्म बंद किया और धीरे से बिस्तर से उठी ताकि उसके पति अंकित की नींद न खुल जाए। रसोई में जाते हुए उसने बरामदे में पड़े कपड़े उठाए—कल रात सोने से पहले बच्चों ने वहीं फेंक दिए थे।   … Read more

हाय राम मेरी तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आईं – सविता शर्मा : Moral Stories in Hindi

नवीन नूतन की शादी को ६वर्ष  बाद एक बेटा हुआ । बड़े लाड़-प्यार से पाला।हर ख्वाहिश उसकी पुरी करी। पढ़ाई में  बहुत ही होशियार था। हमेशा अव्वल नंबर से पास होता था। बेटा पढ़ाई करके नौकरी में लग गया माता-पिता ने कहा अब शादी कर देते हैं बेटे ने कहा पापा अभी नहीं मुझे अभी … Read more

मुझे फक्र है,मैं  उस घर की बहू हूं! – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi

रामप्रसाद जी और कौशल्या जी अपनी तीन लड़कियां और दो लड़कों के साथ दिल्ली के करोल बाग में हंसी-खुशी जीवन यापन कर रहे थे… सीता गीता ,मीता ,राम और श्याम सभी बच्चों में बहुत प्यार और अपनापन था….. सबसे बड़ी बेटी सीता देखने  में बहुत खूबसूरत थी… गीता भी सुंदर थी… पर  मीता का रंग … Read more

चाय पानी हो गई – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

———————– फोन की घंटी बजाते ही सिंक में बर्तन धो रही शोभा ने झट आंचल में हाथ पोछ उसकी तरफ लपकती और फूर्ती से उंगलायां चलाते हुए रिसीब करते हुए बोली – हेलो बेटा जय श्री राधे कैसी हो ।उधर से आवाज आई ठीक हूँ मां और तुम  कैसी हो। अच्छी आदत हो गई है … Read more

सुखमय जीवन – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

——————– खाना परोस कर टाठी पति की ओर सरकाती हुई बेना  हांकते हुए बोली सुनिये ना अब तो बिट्टू की नौकरी भी लग गई तो अब  बिआह करे में काहे की देर ।अरे देख लो कोई सुघड़ लड़की और उसके हाथ पीले कर दो। आखिर कब तक अपने से रोटी बनाई खाई। अधिकतर  तो होटले … Read more

मेरे जीवनसाथी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए मुझे डोर कोई खींचे …….”  ये वो गाना है जो वाणी और विमल के जीवन को बखूबी बयां करता है। उनकी हर शाम सुहानी, मस्तानी और सुकुन से भरी हुई जो होती थी। सुकूं ऐसा कि दुश्मन तो दुश्मन ,दोस्त भी रस्क करें। मौसम तो आज भी सुहाना ही … Read more

जो तुम्हारे साथ हुआ वहीं तो आज तुम कर रही हो !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

रश्मि आज फटाफट रसोई का काम निपटा रही थी और उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी चमक रही थी , खुशी छलके भी क्यों ना आज उसकी और राहुल की पाँचवी शादी की सालगिरह थी और राहुल सुबह ही यह कहकर ऑफिस गया था कि आज शाम वह रश्मि को कहीं बाहर घूमाने लेकर … Read more

मिसरी सी बतियां – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां ये करेले का जूस वैसा ही पड़ा है।इसको कौन पियेगा।सुबह से झक मार रही हूं मैं।जूस निकालने में कितनी मेहनत और समय लगता है आप क्या जाने बैठे बैठे पीने को मिल जाता है फिर भी पिया नहीं जाता आपसे..निमी की तीखी आवाज से मां जी झट से बिस्तर पर उठ कर बैठ गईं … Read more

अस्तित्व – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह की धूप अब आंगन में उतर आई थी। चिया अपने बैग से योगा मैट निकाल रही थी, और मम्मी—सुनीता जी—रसोई में अदरक काटती हुई बड़बड़ा रही थीं। “ढेले भर काम का सहारा नहीं ऊपर से एक्सरसाइज करवा कर और थका दो! काम क्या कम हैं?” चिया ने रसोई के दरवाज़े पर आकर मुस्कराते हुए … Read more

अब और नहीं – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

पूर्णिमा..!! इस गुलदस्ते पर धूल क्यों जमी हुई है? तुम आजकल कामकाज करना ही नहीं चाहती, सारा दिन क्या करती हो..? बस खाना बना दिया और खिला दिया इसके अलावा बताओ मुझे..? कुंतल पूर्णिमा पर बरस पड़ा। कुंतल ऑफिस से आने के बाद घर में घूम-घूम कर सब कुछ व्यवस्थित देखना चाहता और यदि थोड़ा … Read more

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