अस्तित्व – डॉ. इन्दुमति सरकार : Moral Stories in Hindi
घड़ी की टिक-टिक ने मीनाक्षी को जगा दिया। सुबह के 5:30 बजे थे। उसने आँखें मलते हुए अलार्म बंद किया और धीरे से बिस्तर से उठी ताकि उसके पति अंकित की नींद न खुल जाए। रसोई में जाते हुए उसने बरामदे में पड़े कपड़े उठाए—कल रात सोने से पहले बच्चों ने वहीं फेंक दिए थे। … Read more