समझदार सास और बहू – पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राम राम जिज्जी, आओ , बड़े समय के बाद आना हुआ । आप पहले से बता देतीं तो मैं बड़के बिटवा को स्टेशन आपको लेने भेज देती  , अपनी बड़ी बहन को आया देख कर रामकली बोली ।  अरे बहू सुषमा , तनिक एक गिलास पानी तो ला बेटा , देखियो तुम्हारी रामपुर वाली  बड़ी … Read more

मां का संघर्ष – मृणाल सिंह : Moral Stories in Hindi

सुनंदा विवाह के बाद ससुराल आई तो पाया कि पति का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है आत्मविश्वास से। हीं नहीं है व्यापार का सारा काम करने के बाद कमाईं भाभी भाई के पास जमा हो जाती निर्णय भी घर में उनका हीं चलता था। उनके बेटे बाहर हास्टल में पढ़ रहे थे। सम्पन्न घर था … Read more

“सुकून” – ममता चित्रांशी : Moral Stories in Hindi

    आज तो आपको बताना ही पड़ेगा दीदी …आप क्यों हमेशा चुप-चुप सी रहती हो ?? नीरा ने पूछा    कहां….!!, मैं बोलती तो हूं, तुम को ऐसा क्यों लगता है कि मैं बात नहीं करतीं, झूठी सी हंसी हंसते हुए,जिठानी रजनी ने कहा …और एक प्यारी सी चपत नीरा के गाल पर लगा दी ….!!     नीरा … Read more

इसका कारण केवल तुम हो – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

संगीता के पति अजय के जीवन का सूर्यास्त अमावस की रात को हुआ था। संगीता की ज़िंदगी में आई वह अमावस की काली रात इतनी लंबी थी कि पूनम आते-आते कई वर्ष बीत गए। पुत्र की अकाल मृत्यु के ग़म ने संगीता के सास-ससुर को अधिक दिनों तक जीवित नहीं रहने दिया। गर्भवती संगीता अब … Read more

परिवार – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

     रीना और विवेक की लव मैरिज थी और दोनों में अच्छी अंडरस्टैंडिंग भी थी । बहुत ही खुशहाल जीवन जी रहे थे पर विवेक की माँ और बहन गाँव में रहते थे । विवेक उन्हें हर महीने पैसे भेजा करता था । फोन पर हाल-चाल भी पूछता रहता था । उसे अपने मां और बहन … Read more

**गलती का एहसास** – ममता चित्रांशी : Moral Stories in Hindi

सुमेधा जी की नौकरीपेशा बहू रजनी हरदम कोशिश करतीं कि मम्मी जी को कोई परेशानी न हो,समय से पहले सारे काम निपटा कर आफिस जाती, और आकर रात का खाना बनाती .. रजनी के बच्चे तीन बजे तक स्कूल से आते … सुमेधा जी को बस उन्हें खाना परोसना होता था ….        लेकिन जब भी … Read more

ये घर तेरा भी है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

“कल दही भल्ले, गाजर का हलवा , राजमाह , मिक्स वैज राईस बनेगें और हां धनिया पुदीने की इमली वाली चटनी के साथ साथ बच्चों के लिए वाईट सोस का पास्ता भी और कुल्फी बाजार से मंगवा लेगें”। “ और हां मीठे पीले चावल भी” बंसत पंचमी है, शिल्पा को जैसे एकदम से याद हो … Read more

कच्चा चिट्ठा खोलना – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

गांव की‌ सड़क पर जैसे जैसे गाड़ी बढ़ रही थी वहां की‌ तरक्की देखकर मन खुश हो रहा था पर सड़क बहुत ही खराब थी मेरा तो सारे हाथ पैर कमर सब दर्द होने लगी थी कैसे सब लोग वहां से शहर आते होंगे मैं यही सोचने लगा. इधर काफी टाइम बाद में गांव जा … Read more

समझौता – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

 राधा, किस सोच में डूबी हो, कहते हुए सुधीर अंकल कब उसके केबिन में आ गये उसे पता ही नहीं चला ।     जी अंकल, कहिए  । आप कब आए ?      राधा, तुम इतनी उदास क्यों रहती हो । बताओ क्या बात है? कुछ दिनों से देख  रहा हूँ । किसी से बातचीत नहीं करती । … Read more

कच्चा चिट्ठा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

  सुमन कैसी हो उसके माँ ने हाल-चाल जानने के लिए फोन किया ।    माँ कैसे अच्छी रहूँगी । ऐसे घर में आप लोगों ने शादी कर दी मेरी । हमेशा तनाव में रहती हूँ ।    पर सुमन तुम्हारा ससुराल तो बहुत ही अच्छा है । इतने अच्छे लोग हैं । कैसे बोल रही हो । … Read more

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