मौत – बेला पुनिवाला

मौत दरवाज़े पे दस्तक दे रही है, में अपने  बिस्तर पे लेटा  हुआ था, मौत ने कहा, ” तेरा वक़्त आ चूका है तू चल मेरे साथ। “      पहले तो मुझे लगा, कि कोई सपना होगा, फ़िर दूसरी बार फ़िर से आवाज़ आई, ” तेरा वक़्त ख़तम हुआ, तू चल मेरे साथ।” मैंने पलट के … Read more

कुंडी रिश्तों की -श्वेत कुमार सिन्हा

फैमिली कोर्ट में जज साहब अपने चैम्बर में बैठे आरव और वर्षा की दलीलें ध्यान से सुन रहे थें। आज उनदोनों की आपसी सहमति से तलाक की आखिरी सुनवाई थी। जज साहब ने दोनों पति-पत्नी को समझाने का काफी प्रयास किया कि तलाक न लें और अपनी डेढ़ साल की शादीशुदा ज़िंदगी को एक और … Read more

एक मासूम ख़्वाहिश – दीप्ति मित्तल

पार्किंग में पहुँच कर जैसे ही स्नेहा ने अपनी छः साल की बेटी कुहू के लिए कार का बैक डोर खोला, वह मुँह चढ़ा कर फ्रंट डोर के सामने जा खड़ी हुई। “कुहू बच्चे पीछे बैठते हैं, वहाँ मम्मा बैठेगी।” स्नेहा समझाते हुए बोली मगर कुहू कहाँ सुनने वाली थी। उसका गोलू सा मुँह फूल … Read more

कचौरियां-संजय सहरिया

रसोई में लन्च का काम निपटाकर  हेमा अपने कमरें में लौटी तो बिस्तर पर पड़े उसके मोबाइल पर तीन तीन मिस कॉल थे. हेमा ने जल्दी से फोन उठाकर देखा तो तीनो कॉल उसके पिताजी दयानंदजी के थे. बाबुजी के तीन तीन कॉल देख हेमा कुछ परेशान सी हो गयी थी. उस ने जल्दी से … Read more

पापा की बेटी – अंजु पी केशव

पापा नें कुर्सी से उठने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। आभा तेजी से उनकी सहायता के लिए उठी। पापा को जोर लगा कर उठाया और दीवान तक पहुँचा दिया। बाथरूम से तुरंत नहा कर निकली सिम्मी नें भाभी के कंधे पर पापा का हाथ देखा तो उसे अजीब लगा लेकिन कुछ कहा नहीं … Read more

सेवा के बदले मेवा नहीं मिलता- सोनी शांडिलय

रोहन फोन पर बात कर रहे थे! वो चुपचाप खड़ी सुनती रही पति को बात करते! फिर फोन रखते हि रोहन रोने लगा! वो डर गयी फ़िर पूछा उसने तो बताया , ‘ बाबूजी कि तबियत ठीक नहीं है, कोरोना से शरीर पुरा टूट गया है, क्या करू समझ में नहीं आ रहा’। सोनाली ने … Read more

मेरी बेटी वारिस ही नहीं, मेरा गुरूर है” -सुधा जैन

संजीव की शादी को 7 साल हो गए थे ,पर संजना मां नहीं बन पाई। चिकित्सीय परामर्श, देवी देवता ,पूजा ,पाठ सब कुछ कर लिया पर कुछ नहीं हुआ ।संजीव की मां बहुत चिंतित थी ,सोचती थी मेरे एकलौते बेटे के यहां संतान नहीं होगी तो वारिस कौन बनेगा? एक दिन संजना ने कहा” क्यों … Read more

किसका घर/ माता पिता का या बेटे का – रचना कंडवाल

“पापा नया घर बिल्कुल तैयार हो चुका है। सोच रहा हूं कि वहां दीपावली पर शिफ्ट कर लूं।” सिद्धार्थ ने अपने पापा गोविंद प्रसाद जी से कहा। सिद्धार्थ गोविंद जी और सुधा का इकलौता बेटा है। सुधा वहीं पर बैठी मूकदर्शक बनी चुपचाप सुन रही है। पिछले कुछ दिनों से उसने किसी भी बात पर … Read more

वो चार दिन-गीता वाधवानी

छोटी-छोटी आंखों में बड़े-बड़े सपने लिए 14 वर्षीय सोनू अपने गांव से भागकर मुंबई आ गया था। मुंबई की ऊंची ऊंची आलीशान इमारतें देखकर बहुत अचंभित था। दिनभर मस्ती में घूमता रहा, वह बहुत खुश था। सोच रहा था, अब पता चलेगा बाबू को, जब देखो मुझे डांटते रहते हैं और जब मैं गाना गाकर … Read more

रंग-मीनाक्षी चौहान

मम्मी जी और बगल वाली आँटी में खूब जमने लगी है। इस नये घर में आये हमें अभी दो हफ्ते ही हुए हैं लेकिन दोनों ऐसे बतियातीं हैं जैसे एक-दूसरे को बरसों से जानतीं हैं। दोनों शाम ढ़लते ही अपनी-अपनी कुर्सियाँ लिये गेट के बाहर डट जातीं। हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर गप्प चर्चा चलने … Read more

error: Content is protected !!