बात ऐसे बनी – गीतांजलि
उसको जब पहली बार देखा था आँखें हटने का नाम ही नहीं ले रहीं थीं गोरे रंग के चेहरे पर तीखे नाक नक्श कितना तेज़ बिखेर रहे थे। गुलाबी साड़ी में कितनी मोहक लग रही थी। पूछने पर कुछ झिझकते हुए अपना नाम मेखा बताया। मेरे बेटे के लियें इससे अच्छी लड़की कहाँ मिलेगी। शीतल … Read more