लिव इन –  अमित रत्ता

श्रेया बहुत ही पढ़ीलिखी होनहार होशियार और आत्मनिर्भर लड़की थी। माँ बाप का मानना था कि हमारी बेटी एकदिन हमारा नाम रोशन करेगी। श्रेया अभी बाइस साल की हुई थी। आज सुबह जैसे ही वो आफिस जाने लगी तो माँ ने टिफिन हाथ मे पकड़ाते हुए कहा कि पापा तुम्हारे रिश्ते के बारे में बात … Read more

दर्द के आँसू  – मीनाक्षी सिंह

माँ ,जल्दी आओ….देखो पापा ने फिर बिस्तर गंदा कर दिया ….आप कहां चले ज़ाते हो इनके पास से….पता हैँ ना आपको आज मेरे सिनियर सर अपनी फैमिली के साथ खाने पर आ रहै हैँ…पूरे घर में बदबू आ रही हैँ…साफ कीजिये जल्दी… बेचारी 70 वर्षीय रमावती जी को अपने सगे बेटे कुनाल के मुंह से … Read more

अब पछताये होत क्या? –  मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani

  रात के अंधकार को चीरते हुए बस पूरी रफ्तार से गीली सड़क पर दौड़ रही थी। रह-रहकर बादल के गरजने और बिजली के चमकने का क्रम जारी था।   पानी भी घंटे-आध घंटे के अंतराल पर बरस रहा था पर कमलेश के अंतस्थल में उमड़ते- घुमड़ते दुख के बादल उसकी आंँखों के माध्यम से लगातार बरस … Read more

पछतावा – पुष्पा पाण्डेय | best family story

ये सोशल मीडिया भी कमाल की  है। कभी- कभी बरसों बिछड़े लोगों को सामने ला खड़ा कर देती है। अचानक फेसबुक पर एक तस्वीर देखकर जैसे नासूर बने घाव के पीर से कराह उठी। हाँ निःसंदेह यह तस्वीर आरती की ही है। वही आरती जो प्रन्दह साल पहले अपनी चाची के साथ छुट्टी के दिन … Read more

यत्र तत्र सर्वत्र – मनीषा देबनाथ

अमन एक इंजीनियर होने के साथ-साथ एक अच्छा लेखक भी था। लेकिन एक इंजीनियर होने के बावजूद अमन को ज्योतिष, वास्तु, तंत्र मंत्र के विषयों में जानना और लिखना उसे बहुत शौक था।रात के दो बजे थे। अमन एक जन्मपत्री का अध्ययन कर रहा था। वह संसार की सुध-बुध खोये एक अनजान लड़की की कुण्डली … Read more

 पछतावा – रणजीत सिंह भाटिया | best hindi kahani

जब भी मां का फोन आता वह एक ही बात कहती ” बेटा जल्दी आजा कब आएगा….? ” मैं कहता  “हाँ माँ मैं जल्दी आ रहा हूं तुम्हारे लिए क्या लेकर आऊं…? ” फिर मां कहती  ” बेटा तू परदेस में कितनी मेहनत करता होगा सब कुछ है बस सिर्फ तेरी कमी है तू आजा … Read more

दुआएँ – गुरविंदर टूटेजा

 नीतू तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही चलो डॉ० को दिखा आते है…अंकित आज पीछे ही पढ़ गया था…!!!!   अंकित अभी ठीक लग रहा है रहने दो ना मैं नहीं जा रही डॉ० को दिखाने…!!!!  नहीं आज तुम्हारी नहीं चलेगी तुम्हे चलना ही पड़ेगा तुम जानती हो कि दिखायेंगे तो डॉ० सर्जरी का बोल देगें … Read more

हीरे की परख – डा.मधु आंधीवाल | best family story

दिल्ली से मुम्बई जाने वाली ट्रेन की आर ए सी सीट में बैठी कनिका मन ही मन दुआ कर रही थी कि काश दूसरे यात्री की ट्रेन छूट जाए ताकि उसे पूरी बर्थ मिल जाए। ये सोचते हुए उसने पैर फैला पूरे बर्थ पर कब्जा कर लिया लेकिन हर बार वह कहाँ होता जो आपने … Read more

कैसी माँ हो तुम! – विभा गुप्ता | best hindi kahani

      ” माँ, आप एक बार आशु से बात तो कीजिए, आप  की बात वो नहीं टालेगा।एक अरसा हो गया उसे …।”      ” नहीं आकांक्षा, मैं अब उससे कुछ नहीं कहूँगी।जहाँ तक एक अरसे की बात है तो तुमने तब क्यों नहीं सोचा जब उसे…।छोड़,मैं उन बातों को फिर से अब दोहराना नहीं चाहती।” कहकर आकांक्षा … Read more

मेरी माँ और यादें – family drama story

बचपन से ही मैं अपनी माँ के बहुत करीब रही हूँ । हम दोनों माँ बेटी होने के साथ ही एक अच्छी दोस्त भी हैं। जब भी हमें फुर्सत होती माँ अपने जीवन की हर छोटी बड़ी घटनाओं को मुझे बताती । आज माँ के द्वारा बतलायी वे सभी बातें मैं अपने पाठकों तक उन्हीं … Read more

error: Content is protected !!