आसमान में उड़ना – खुशी : Moral Stories in Hindi

राजीव एक मेहनती लड़का था।गरीबी से ऊपर आया स्वमेहनत से समाज में एक मुक्क।म हासिल किया।घर में मां और राजीव ही थे।आज राजीव की गिनती बड़े अफसरों में होती।मां हमेशा कहती बेटा कभी भी ईमानदारी मत भूलना और गरीबों की मदद करना। बचपन से गरीबी भुखमरी देखने के बाद वो ऊपर आया था

तो उसे अपनी पोस्ट का घमंड हो गया वो आदमी को आदमी ना समझता।एक बार उसके ड्राइवर  राजू का लड़का बहुत बीमार था इसलिए उसे  पैसे चाहिए थे और छुट्टी चाहिए थी पर राजीव ने उसे एक जरूरी काम है कह कर छुट्टी भी नहीं दी ना ही पैसे दिए वो बिचारा सारा दिन इंतेज़ार करता रहा।पर राजीव उससे नहीं मिला

जब राजू  रात को घर पहुंचा तो इलाज ना मिलने के कारण उसके बेटे की मृत्यु हो गई इसी ग़म में वो काम पर नहीं गया। राजीव ने उसे काम से निकाल दिया।एक हफ्ते बाद जब राजू राजीव के घर  पहुंचा तो उसे पता चला कि उसकी जॉब जा चुकी है और उसके पैसे भी काट लिए।राजू बोला घमंड तो रावण का भी नहीं रहा ये क्या चीज है

जितना आसमान में उड़ रहा है उतनी तेजी से ही नीचे गिरेगा।  मेरा बच्चा तो बिना पैसे की वजह से मरा भगवान इसका हिसाब भी यही करेगा।समय बीता राजीव ऑफिस के काम से चेन्नई गया वहां भयंकर बारिश तूफान आया उस वजह से वहां फंस गया पीछे से उसकी मां की तबियत खराब हो गई।पैसा होते हुए भी वो अपनी मां को नहीं बचा पाया क्योंकि उसे फ्लाइट मिली

नहीं फोन का कनेक्शन ना लगने की वजह से किसी से बात ना हो पाई।घर में नौकर चाकर गाड़िया होने के बाद भी उसकी मां ना बची ।5 दिन बाद जब वो वापस आया तो मां का जनाजा रखा था उसी का इंतजार हो रहा था

और बाहर राजू खड़ा था जो आने जाने वालों को पानी पिला रहा था।आज राजीव को अपने किए पर पछतावा हो रहा था।  उसके झूठे घमंड की वजह से वो आज कही का ना रहा। इतना पैसा किस काम का जो अपनी मां को भी ना बचा सका। 

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

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