अपना अपना भाग्य – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

भागो,बहू कहाँ हो सब? कोई सुन क्यों नहीं रहा? इस बुढ़िया को कोई एक लोटा पानी देगा? बूढ़ी दादी अपनी बहू और पोती को पानी के लिए आवाज लगा रही थी, पर कोई सुन नहीं रहा था। दादी को तीन दिन से बुखार था इसलिए वे बहुत कमजोर हो गईं थी। उन्हें चलकर रसोई मे जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी पर जब कोई उनकी आवाज नहीं सुना

तो प्यास से मजबूर होकर वे उठकर रसोई मे जाने लगी।तभी उनकी बहू ने घर मे प्रवेश किया और उन्हें उठते देखकर बोली अम्मा जी आप जग गईं? आप उठ क्यों रही है?अभी कमजोरी है गिर जाएंगी। कुछ चाहिए तो मै लाती हूँ। कब से तो तुमको और भागो को आवाज लगा रही हूँ। तुम सब सुन ही नहीं रही हो। मेरे लोटे मे पानी नहीं है।

लाकर दो।अभी लाती हूँ अम्मा,कहकर भागो की माँ पानी लाने चली गईं। पानी लाकर देते हुए कहा भागो कॉलेज गईं है और मै बगल के दुकान से चायपत्ती लाने गईं थी।मैंने देखा कि आप सो रही है तो आपको बिना बोले चली गईं।मै भागो के पापा से चाय लाने को कहना भूल गईं थी और आप तो जानती ही हो वे दुकान से आते ही चाय पीते है। नहीं रहने पर गुस्सा होंगे।

अभी दादी पानी पीने ही जा रही थी कि उनकी पोती भागो आई और बोली दादी पानी नहीं पीओ पहले मिठाई खा लो फिर पानी पीना। तेरी माँ मुझे मिठाई खाने देगी? सास जब बूढी हो जाती है तो आजकल की बहूए उनकी सास बन जाती है और जितना रोक टोक सास जवानी मे उनके साथ की रहती है उसका बदला निकालती है। मै तो तेरी माँ पर कोई रोक टोक भी नहीं करती थी

फिर भी वह आजकल का रिवाज़ मेरे उपर चला रही हैदादी ने पोती की मिठाई खाने वाली बात सुनकर बहू को उलाहना देते हुए कहा।आप भी ना अम्मा जी आपके भले के लिए ही न मना करती हूँ। शुगर बढ़ जाएगा तो बिस्तर पकड़ लीजिएगा। ना दादी आज माँ मना नहीं करेगी। तुम खा लो भागो ने कहते हुए मिठाई दादी के मुँह मे डाल दिया।

मना क्यों नहीं करूंगी? अभी दादी का बुखार ठीक से उतरा भी नहीं है और तु लगी उन्हें मिठाई खिलाने, कहकर भागो की माँ ने उसे डांटा।आज दादी का पूरा अधिकार बनता है मिठाई खाने का, उसके बाद भले ही दादी को कुछ भी हो जाए, क्योंकि आज दादी का सपना पूरा हो गया है, भागो ने दादी से लाड़ लगाते हुए कहा।

तेरा रिजल्ट आ गया? हाँ दादी, तुम्हारी यह पोती अब बैंक मैनेजर बन जाएगी।यह सुनकर भागो की माँ सोचते हुए भागो के जन्म के वक़्त मे चली गईं।भागो के एक भाई और बहन के बाद जब भागो के जन्म होने की आहट उसकी माँ को सुनाई दिया तो वे और उनके पति बहुत चिंतित हो गए।पहले से दो बच्चे थे ही अब तीसरे का जन्म, सीमित आय मे तीन तीन बच्चो को पोसना – पालना आसान काम नहीं

था।भागो के पिता एक प्राइवेट कम्पनी मे गार्ड की नौकरी करते थे।वेतन बहुत कम था इसलिए उनदोनो ने फैसला किया कि इस अजन्मे बच्चे को कोख मे ही मार दिया जाय। यह बात सुनते ही भागो की दादी गुस्साते हुए बोली, अजन्मे बच्चे की हत्या, यह पाप मै अपने घर मे नहीं होने दूंगी। उनदोनो ने उन्हें कितना भी समझाया पर वे अपने फैसले से नहीं हटी।

उन्होंने साफ कह दिया अगर तुमलोग अपने मन का करोगे तो तुम्हे मेरा घर छोड़ कर जाना होगा। बच्चा नहीं चाहिए तो पहले सोचना था, पर अब जब बच्चा कोख मे आ गया है तो हत्या का पाप इस घर मे नहीं होगा।  तुमलोगो को जब इस बारे मे सोचना चाहिए था तब नहीं सोचे अब चिंता क्यों कर रहे हो,सभी बच्चे अपना अपना भाग्य लेकर पैदा होते है। भगवान जीवन देगा

तो उसके जीने का आधार भी देगा। आखिर अम्मा के दबाव मे बच्ची का जन्म हुआ। दादी ने उसका नाम भाग्यवंती रखते हुए कहा इसने तुम दोनों के ना चाहने पर भी जन्म लिया है। मेरी पोती बहुत भाग्य से इस दुनिया को देख रही है इसलिए मै इसका नाम भाग्यवंती रख रही हूँ। कुछ दिनों बाद संयोग से वह कम्पनी बंद हो गईं जिसमे भागो के पिता काम करते थे।

अब दोनों पति – पत्नी अम्मा को सुनाते हुए बोले लो माँ तुम्हारी भाग्यवंती के भाग्य से जो भी हमारे जीने का आधार था वह भी खत्म हो गया। अम्मा ने समझाया धीरज धरो बेटा कठिनाईयां सभी के जीवन मे आती है उनसे  घबराना क्या।भागो के दादाजी के रिटायरमेंट के वक़्त कुछ पैसे उन्हें मिले थे जिसे उन्होंने यह सोचकर बैंक मे रख दिया था

कि पोती बड़ी होंगी तो उसके विवाह मे काम आएगा क्योंकि उनके बेटे की आमदनी उतनी नहीं थी कि खा पीकर कुछ बचाया जा सके। उसी पैसे को उन्होंने निकाल कर एक कपड़े का दुकान खोल लिया। बाप बेटे के मेहनत से दुकान अच्छा चलने लगा, घर से पैसो की तंगी खत्म हो गईं। कुछ समय बाद जब दादाजी की मृत्यु हुई तब तक पोता बड़ा हो गया था।

अब ये दोनों बाप बेटा मिलकर दुकान चलाने लगे। बड़ी बेटी का विवाह भी अच्छे घर मे हो गया था। आज दूसरी बेटी का भी उसके मेहनत और शौक के बदौलत बैंक मैनेजर के लिए चयन हो गया था।

बहू को चुप देखकर दादी ने कहा क्या हुआ बहू? कहाँ खो गईं? मैंने तो इसके जन्म के वक़्त ही कहा था कि तीसरा बच्चा है तो देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है, पर सभी बच्चे अपना अपना भाग्य लेकर पैदा होते है।

वाक्य — देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है 

लतिका पल्लवी

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