अमर और रीना दो बेटों अमन और नमन तथा एक बेटी ऋद्धि के माता पिता थे।अमर जी की मार्केट में स्टेशनरी की दुकान थी।बच्चे पढ़ने में अच्छे थे तो दोनों का ही सपना था बच्चे तरक्की करे । समय बिता बड़ा बेटा अमन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया और अमेरिका की कंपनी में उसे नौकरी लग गई ।
और वो अमेरिका चला गया।छोटा mbbbs कर रहा था तो वो भी स्पेशलाइजेशन के लिए स्कॉलर शिप पर बाहर चला गया।दोनो बेटे बाहर है अमर दंपति सबको बड़े गर्व से बताते कि हमारे बेटे बाहर सेटल है। बेटी ऋद्धि भी कहती मुझे भी भेज दजिए तो रीना कहती बेटा तुम यहीं रहो तुम्हारी तो शादी हो जाएगी।
उन्होंने ऋद्धि को b.Ed करवाया और उसके लिए लड़का देखने लगे। तब उन्होंने अमन और नमन को बोल बेटा वापस आओ बहन की शादी करनी है। लड़का हमने देख लिया है बैंक में ऑफिसर है उसका नाम नितिन है। तुम अपने आने की तारीख बताओ तो हम शादी की पक्की करते है। दोनों भाइयों की सहमति से अगले महीने की तारीख पक्की हुई।
अमर और रीना बहुत खुश थे सब रिश्तेदारों को बुलाया गया और अमन और नमन के आने का दिन भी आ गया। अबकी बार अमर और रीना ने सोच रखा था की अमन के लिए भी लड़की देखकर उसकी भी शादी कर देंगे और बहु बेटे के साथ हम भी अमेरिका चले जाएंगे।
अमन जब आया तो उसके साथ एक लड़की भी थी रीना ने पूछा यह कौन है? अमन बोला यह मेरी पत्नी पूजा है। अमर बोले क्या तुमने हमें बताया भ नहीं
इस कहानी को भी पढ़े
और शादी करली हम तुम्हारे कुछ नहीं लगते? अमन ने पूजा से कहा तुम अंदर चलो मैं आता हूं? फिर अपने मां-बाप को एक कोने में ले गया और बोला मुझे अमेरिका में सिटीजन शिप चाहिये थी। जिसके लिए मुझे शादी करना जरूरी हो गया। पूजा मेरे साथ ही काम करती है। उसका जन्म अमेरिका में ही हुआ है
तो उसके पास सिटीजन शिप थी। हम आप लोग पूजा को स्वीकार कर लजिए और शादी में सभी लोगोंको अपनी बहू की तरह पूजा का परिचय करवाइए नहीं तो मै बिना शादी अटेंड किए हुए।निकल जाऊंगा। रीना मन मसोस कर रह गई। बहू का गृह प्रवेश कराया गया। और सभी रिश्तेदारों को बताया गया कि हम आप सबको सरप्राइस देना चाहते थे।
कुछ रिश्तेदारों ने दबी छुपी जुबान में कह भी दिया कि क्या पता मां-बाप को भी बुलाया हो या नहीं। नमन भी आ गया और रिद्धि की शादी निपट गई। शादी के बाद अमन बोला पापा मुझे पैसों की जरूरत है तो आप मुझे पैसे दे दीजिए। अमर ने पूछा कितने पैसे बेटा अमन बोला कम से कम 75 से 80 लाख। अमर ने कहा इतना पैसा तो मेरे पास नहीं है।
अमन बोल आप और मां छोटे घर में शिफ्ट हो जाइए । अब इतने बड़े घर की जरूरत आपको तो है नहीं। रिद्धि की शादी हो गई और नमन और मै बाहर है फिर मैं अमेरिका में अपना घर खरीद कर आप लोगों को भी बुला लूंगा। अमन की बात सुन नमन भी बोला हा पापा मुझे भी मेरा हिस्सा दे दो मै भी कनाडा में सिटीजन शिप के लिए अप्लाई कर दूंगा और वही बस जाऊंगा।
आप लोग आते जाते रहिएगा अमेरिका और कनाडा ।फिर मां आप अकेली कहा इतना बड़ा घर मेंटेन कर पाएगी। अमर बोले ठीक है कल से कोई बायर ढूंढते है फ्लैट भी तो देखना पड़ेगा। अमन कहता है आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने सब कर लिया है बस आप पेमेंट की तैयारी कीजिए। अमर और रीना अपने बच्चों के व्यवहार पर आश्चर्यचकित थे
इस कहानी को भी पढ़े
उन्होंने कितने प्यार से अपने बच्चों को पाला था और बच्चे उनका घर बिकबने पर लग गए। इतने अरमानों से उन्होंने ये घर बनाया था।घर बिक गया इतना अच्छा पास पड़ोस छोड़ वो एक टू bhk फ्लैट में शिफ्ट हो गए।वहां से दुकान भी दूर थी। अमन बोला दुकान भी बेच दे।अमर बोले चुप रहो हम खाएगे कहा से मैं देख लूंगा
क्या करना है।घर २ करोड़ में बिका ४५ लाख फ्लैट का दे कर दोनों भाई आधा आधा पैसा बाट कर चलते बने। पीछे सामान कैसे जाएगा घर कैसे एडजस्ट होगा उन्हें कोई चिंता नहीं थी।l काफी सारा सामान तो रीना ने बेच दिया और कुछ सामान के साथ फ्लैट में आ गए। ऋद्धि जब हनीमून से वापस आई तो उसने अमर को फोन किया।
अमर ने उसे नए घर का पता दिया ऋद्धि आई सब सुन कर उसे बहुत दुख हुआ और वो अपने मां के गले लग रो पड़ी अच्छा हुआ आप लोगों ने मुझे बाहर नहीं भेजा। रीना बोली नहीं मेरी बच्ची उनकी भी मजबूरी थी।अमर बोले तुम्हारी चिंता करना जायज़ है पर क्या उन्हें हमारी चिंता है उन्होंने ये भी ना सोचा कि इस बुढ़ापे में मां बाप नई जगह कैसे बसेंगे।
अमन तो दुकान भी बेचने चला था।रीना बोली इतना गुस्सा मत करो हमारे लिए ही तो घर खरीदने वाला है ।बात आई गई हो गई कितने दिन रीना फोन का इंतजार करती रही। फिर एक दिन अमन का फोन आया मां घर खरीदने को पैसे कम पड़ रहे हैं तुम पापा को बोलो दुकान बेच कर १ करोड़ के लगभग पैसे भेज दे ।
हा और नमन को भी उसका हिस्सा दे देना आप पापा से बात करो मैं बायर देखता हूं।शाम को जब अमर घर आए तो चाय पी कर वो रीना से बोले क्या बात है बड़ी चिंता में लग रही हो।रीना बोली चिंता की तो बात है? अमर बोले क्या हुआ ?
रीमा बोली अमन को और पैसा चlहिए घर खरीदने के लिए वह कह रहा था कि आप दुकान बेच कर पैसा दे दीजिए। अमर बोले तुम सीधी हो कुछ नहीं समझती उसके पास घर है वो सिर्फ अपना और नमन का हिस्सा निकल वा रहा है।वो अब वापस कभी नहीं आयेगे। ना ही हमें बुलाएंगे। रीना बोली आप झूठ बोल रहे हैं? आपको कैसे पता?
इस कहानी को भी पढ़े
अमर बोला यह सब मुझे तुम्हारे अमेरिका वाले भाई साहब ने।बताया। अमन वहां बहुत अच्छा कमा रहा है।घर उसने पहले ही ले लिया था अब ये पैसा वो अपने बच्चों और भविष्य के लिए जोड़ रहा है। तुम मां हो तुम चिंता करती हो इसलिए तुम्हें यह सब नहीं बताया। रीना रो पड़ी हमारे बच्चों ने ही हमे लूट लिया दिन हफ्ते महीने बन गए पट पर अब बेटों का फोन ना आता।
ऋद्धि और नितिन अमर और रीना का ध्यान रखते।अमर की तबियत आज कल खराब रहने लगी थी।इसलिए उन्होंने वकील से बात कर सब बेटी के नाम कर दिया था।एक रात वो ऐसे सोए की उठे ही नहीं।अगली सुबह जब रीना उन्हें उठाने गई तो वो गहरी नींद सो चुके थे ये सदमा वो भी बर्दाश्त नहीं कर पाई और दुनिया को अलविदा कह दिया।
आस पास वालो ने ऋद्धि को कॉल किया। कॉन्टैक्ट में अमन और नमन का भी नंबर था उन्हें भी खबर दी गई दोनो ही ना आ पाए ।दिन पूरे होने पर अमन और नमन ने ऋद्धि को फोन किया घर और दुकान बेच कर हमें पैसे दे दो।पर वकील ने उन्हें बता दिया
कि आपके माता पिता की एक ही संतान है ऋद्धि जिसके नाम घर और दुकान है ।उसके अलावा किसी को भी इस पर अधिकार जमाने का अधिकार नहीं है।
अमन और नमन अपना सिर पकड़ कर बैठ गए आखिर उनके धोखे की सजा उनके मां बाप ने भुक्तती।
दोस्तो बच्चे स्वार्थ में कितने अंधे हो जाते है कि उन्हें अपने मां बाप भी याद नहीं रहते और वो उन्हीं से धोखा कर बैठते है।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी