ओह टोहनी मारने वाले पुरूषों – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बेचारी उमा ऑफिस के लिए जल्दी जल्दी घर से निकली… बाल अभी गीले ही थे… ठीक से सुखाने का समय नहीं मिला… बालों में एक बनाना क्लिप लगाकर , साइड से बैग टांगे वो माँ को बाय बोल जल्दी से घर के गेट पर लगे गणेश जी को सिर झुका चली गयी… तभी पीछे से माँ भी किचेन से दौड़ती हुई आयी..

गेट पर आकर बोली… ठीक से जाना बेटा.. जल्दबाजी मत करना… शायद दूर से उमा को अपनी माँ की आवाज सुनाई पड़ गयी थी तभी तो वो जोर से चिल्लाकर बोली… ठीक हैं मम्मा … रोड पर पहुँच ओटो वाले को हाथ दिखाया कि भईया बस स्टैंड जाना हैं… ठीक हैं… बैठ जाओ मैडम…

भईया इसमें तो पहले ही तीन लोग बैठे हैं पीछे. ..

आपको तो पता होगा रोज जाती हैं तो कि पीछे चार लोग बैठते हैं…

उमा भी जानती थी कि पीछे चार ही लोग बैठाते हैं ये ओटो वाले भले ही लटककर जाना पड़े… वैसे तो उमा जब दो य़ा एक लोग होते हैं पीछे तब ही बैठती हैं…पर आज लेट हो रही थी तो बैठ गयी… उसमें एक औरत , एक बुजूर्ग आदमी, एक यहीं कोई 40-45 साल का आदमी बैठा था … उमा ने उस आदमी को थोड़ा खिसकने को बोला… वो खिसक गया…

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अभी बस बैठकर वो अपनी सहेली को बता ही रही थी कि आज लेट हो जाऊंगी यार… तब तक उस आदमी ने टोहनी मारी.. एक बार तो उमा ने अन्देखा कर दिया.. पर उसके ध्यान ना देने पर उस आदमी ने अबकि और जोर से टोहनी मारी… उमा अभी भी कुछ नहीं बोली.. सोची बस एक किलोमीटर की बात हैं… पर वो आदमी था बड़ा बदतमीज … वो उमा के पीछे से हाथ लाकर उसकी कमर पर रखने लगा… चुटकी काटने लगा… अब उमा पर ना रहा गया.. वो चिल्लाकर बोली.. अंकल हाथ हटा लो..

अंकल शब्द सुन उस आदमी के तन बदन में आग लग गयी.. बोला… मैडम फिर कहां लेकर जाऊँ हाथ .. जगह ही नहीं हैं हाथ रखने की… उमा बिना कुछ बोले थोड़ा आगे खिसक गयी….

अब वो निहायती बेशर्म आदमी अपना फ़ोन दिखाने लगा उमा को… जिस पर उसका नंबर लिखा था.. और वो आँखों से इशारा कर रहा कि नोट कर लो… अब उमा का पारा भारी हो चुका था…. वो चिल्लाकर बोली… तेरी माँ बहन नहीं हैं क्या ?? उनके साथ भी ऐसी हरकतें करता हैं क्या ??

वो आदमी झेंप गया… तब तक बस स्टैंड आ गया… उमा उतरी .. सामने ही बस खड़ी मिली.. वो भी खचाखच भरी … उसमें लटककर खड़ी हुई तो पीछे के महाशय ब्रेक लगने पर जान बुझकर उमा के कंधे को पकड़ उसे छूने की कोशिश करते… उमा थोड़ी सी जगह बना आगे खिसक गयी.. वो महाशय फिर आगे आ गए…

ये तो ज्यादा ही फास्ट फॉरवर्ड थे.. सीधा आकर बोले… कहां जा रही हैं मैडम… कहां रहती हैं आप… लगता हैं नौकरी करती हैं… उमा कुछ ना बोली… ऐसे लोग कुछ ना कुछ हरकतें तो करते ही हैं… गंदे इशारे करने लगे… अब फिर हमारी उमा पर ना रहा गया… वो फिर चिल्लाकर बोली… तुम्हारी बीवी से कोई ऐसे इशारे करें तो कैसा लगेगा.. शर्म नहीं आती … बुलाऊँ क्या पुलिस को…. बस इतना सुन उस आदमी ने बस की छत पर जोर की आवाज की और वहीं उतर गया…. इस तरह बेचारी उमा अपने ऑफिस पहुँची… वहां जाकर अपनी सहेली को ये बात बतायी तो वो बोली.. उमा तू स्कूटी ले ले.. इन सब चक्करों से बच जायेगी… उमा ने सहेली के कहने पर फटफटिया भी ले ली… वो सहेली तो ऑफिस के पीछे ही रहती हैं उसे क्या पता स्कूटी से भी कोई ज्यादा बचाव ना होने वाला…

अब स्कूटी से ज़ाती हैं उमा… पर जब भी रेड लाईट य़ा सुनसान जगह से गुजरती हैं तो कोई गंदा गाना गाता हैं… कोई गंदे इशारे करता हैं.. कोई स्कूटी का पीछा करता हैं…

आखिर कब सुधरोगे तुम ये टोहनी मारने वाले पुरूषों… कहां कहां खुद को औरत बचाती फिरेगी… उसको भी चैन से जीने दो…. क्या मिलता हैं इस दो मिनट के नयन सुख में.. जो ऐसी हरकतें करते हैं वो इसे ज़रूर पढ़े .. कृपया औरतों को भी बिना डर के जीने दे….

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

1 thought on “ओह टोहनी मारने वाले पुरूषों – मीनाक्षी सिंह  : Moral Stories in Hindi”

  1. Bilkul sahi kha aapne ma’am 🙂… Pta nhi aise logo ko kb akkal aayegi 🙄…. Ki unki khud ki bhi maa, behane hoti h😌…. Aur to aur school🎒📚 and college🎓 jane wali ladkiyon ke sath bhi aisa hi hota h…. Btw I’m also a college going girl ☺…

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