मिट्टी में तो पानी मिल गया – उषा शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : राजेन्द्र जिस स्कूल में पढ़ता है उस स्कूल में बहुत पेड़ लगे हुए हैं  , वह अपने आदत के अनुसार उछल कूद करने में पीछे नहीं हटता और मौका मिलते ही पेड़ पर चढ़ जाता ।

आज फिर से वह पेड़ पर चढ़ गया और हनुमान जी बनकर सबको दिखा रहा था उसने हनुमान जी की तरह पेड़ पर कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर चढ़ने लगा, नीचे खड़े हुए उसके साथी उसे उछल कूद करते हुए देख कर ताली बजाने में लगे हुए हैं, उनकी तालियों की आवाज से राजेंद्र कुछ ज्यादा ही मस्ती में आ गया और उसने जय श्री राम बोल कर पेड़ के ऊपर से ही नीचे छलांग लगा दी ।

पेड़ बहुत ऊंचा था जिसके ऊपर से गिरने से उसका उल्टा हाथ चोटिल हो गया और वह दर्द से कराहने लगा ।

सभी बच्चे शोर मचाने लगे राजेंद्र का हाथ टूट गया , राजेन्द्र का हाथ टूट गया , स्कूल से सभी मास्टर और मैडम बाहर निकल कर आए देखा तो उसका हाथ उठ ही नहीं रहा था और सूज कर बहुत मोटा हो गया । मास्टर ममता को घर खबर देने के लिए घर भेज देते है  , लेकिन राजेंद्र इसमें भी अपना दिमाग लगाता है और ममता को समझाता है , कि  घर पर यह मत बताना कि मैं पेड़ से कूदा था , उनसे कह देना पानी पीने हेडपंप पर गया था तो मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गया राजेंद्र उसे अच्छी तरह से समझा कर भेज देता है

राजेंद्र का भाई महेंद्र स्कूल पहुंच जाता है वहां से राजेंद्र को घर लेकर आता है और फिर अपनी साइकिल पर बैठा कर उसे एक डॉक्टर की दुकान पर ले जाया जाता है डॉ , महेंद्र को बताता है इसके हाथ की हड्डी टूट गई है इस पर तो पलास्टर चढ़ाना पड़ेगा।

महेंद्र उसे डाॅक्टर के पास छोड़ कर अपने मम्मी पापा को साथ ले जाता है 

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डॉक्टर इंजेक्शन लगाता है जिससे अभी दर्द में थोड़ी सी राहत मिल जाए और कुछ दवाइयां देता है एक गोली दुकान पर ही खिला देता है क्योंकि सूजन से हाथ में बहुत दर्द बढ़ गया फिर उसके हाथ पर प्लास्टर चढा़ते हैं  ।

डॉक्टर राजेंद्र के हाथ पर पलास्टर  कर देते हैं और उसे आराम करने के लिए कह देते हैं , महेंद्र  ,राजेंद्र को घर लेकर आ जाता है मां  उसे देखती है तो बहुत दुखी होती है , दादा जब राजेंद्र को देखते हैं तो उस पर चिल्लाते हैं , साले तू कभी नहीं सुधर सकता ऐसा क्या कर रहा था जिससे तेरा हाथ टूट गया ? 

राजेंद्र बोला कुछ नहीं बाबा मैं तो पानी पी रहा था तो वहां पर मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गया , गिरने से मेरा हाथ टूट गया ।

बाबा बोले हमें पता है कि तू गिर गया लेकिन गिरने से हाथ नहीं टूटता जरूर तू कोई नया कारनामा कर रहा होगा और तू हमें झूठ बता रहा है राजेंद्र बोला नहीं बाबा मैं सही कह रहा हूं ना माने तो ममता  ( बहन ) से पूछ लो , दादा बोले ममता से क्या पूछूं हम तुझे अच्छी तरह से जानते हैं अब मालूम पड़ेगी ।

साले कभी तू  हाथ तोड़ लेता है, कभी पैर तोड़ लेगा , कभी सिर फोड़ कर घर वापस आता है , तूने तो हमारा  ” नाम मिट्टी में मिला दिया है  

राजेंद्र लपक कर बोल उठा , नहीं बाबा , मिट्टी में तो पानी मिल गया था तभी तो मैं फिसल गया ।

राजेंद्र की बात सुन कर सभी को हंसी आ गई

बाबा गुस्से से बोले” पूरे मोहल्ले में हमारी ” नाक कटवा कर रख दी है  ” इसी तरह तू तोड़ फोड़ करता रहेगा तो तुझसे कोई लड़की शादी भी ना करेंगी।

और वही राजेंद्र बड़ा हो कर बहुत ही नेक दिल इंसान बन गया और एक पढ़ी लिखी, खुबसूरत लड़की से उसकी शादी हो गई 

स्वरचित,,,,, उषा शर्मा

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