आंखें नीची होना – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

नमिता जी को रिटायर हुए करीब एक साल हो रहा था। वे एक इण्टरमीडिएट स्कूल में सीनियर अध्यापिका के पद से रिटायर हुईं थीं। बड़ी कुशलता से उन्होंने अपना अध्यापन कार्य समाप्त किया था। उनके पढ़ाने का तरीका इतना रोचक होता था कि बच्चे उन्हीं से हिंदी विषय पढ़ना चाहते थे। कुछ अध्यापक भी अपने … Read more

झूंठा दिखावा – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

मीनल जब भी अपनी सहेली राखी के घर जाती राखी मीनल को नया- नया सामान बड़े चाव से दिखती देखा आज—– मैंने नया बेड खरीदा, पुराना टीवी वेंच दिया, नया टीवी बड़ा वाला खरीद लिया! कई बार तो राखी मीनल से कहती है—-अरे तुम्हारे पास तो साड़ी भी नहीं है—- देखो मैं 5000 की 10,000 … Read more

अपनों की पहचान विपत्ति में ही होती है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुमित बेटा… तू किसी भी तरह से जल्दी आजा… बहु को दर्द शुरू हो गए हैं तुझे तो पता है तेरे पापा को गाड़ी चलाना भी नहीं आता घर में गाड़ी होते हुई भी अपाहिज सी हो गई हूं, कैसे अस्पताल लेकर जाऊं दिमाग सुन्न हो गया है, उधर बहू दर्द के मारे चिल्ला रही … Read more

अकेलापन – रीटा मक्कड़  : Moral Stories in Hindi

“मम्मी जी ये लो आपकी चाय…” नीलू ने चाय की ट्रे हाथ मे पकड़े हुए जैसे ही सासु माँ के कमरे में अन्दर आने लगी तो देखा मम्मी जी अखबार हाथ मे पकड़े गुमसुम सी किसी और ही दुनिया मे खोई थी।उन्हें जैसे नीलू के आने का अहसास ही नही हुआ।जबकि रोज़ तो वो पहले … Read more

गृह प्रवेश

सोफे पर बैग पटकते हुए मीना धम्म से बैठ गई।सर भी भारी लग रहा था। इतने में मम्मी (पूनम जी) भी पानी लेकर आ गईं। “क्या हुआ मीना बेटा, बड़ी थकी-थकी सी लग रही हो। तबीयत तो ठीक है ना?” “हाँ, बस थोड़ा सर भारी है… ज़रा अपने हाथों से दबा दो ना।” कहते हुए … Read more

“कौन अपना, कौन पराया”

गिरीजा देवी का चेहरा उस दिन कुछ खास चमक रहा था। वजह थी – उनके सबसे बड़े बेटे नरेश की सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट पार्टी।पार्टी बड़े होटल में रखी गई थी, पूरा परिवार सजधज कर पहुँचा था। गिरीजा देवी का छोटा बेटा महेश, उसकी पत्नी दीपा, और बेटी  प्रिया – सब व्यस्त थे मेहमानों को … Read more

दिखावे का सच – विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

बरसों पुरानी हवेली का चौड़ा आँगन सुबह की धूप से नहा रहा था। तुलसी चौरे से आती सुगंध और रसोई से छनती बर्तनों की आवाज़ घर को जीवंत बना रही थी। यह था श्री धर प्रसाद जी का घर—गाँव का सम्मानित और सम्पन्न परिवार, जिसे लोग जमींदार जी कहकर पुकारते थे। श्री धर जी के … Read more

कभी हार नहीं मानना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    अजी सुनते हो, जंयत ने तो हमारी नाक कटवा दी, दूसरी बार भी उसका बैंक का पैपर क्लीयर नहीं हुआ, और वो देखो, तुम्हारा भतीजा रोनित , पिछली बार रह गया था लेकिन इस बार क्लर्क की नौकरी मिल गई। आज जब जिठानी मिठाई का डिब्बा देने आई तो बड़ी अकड़ में थी, मेरी तो … Read more

अपनों की पहचान -के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

गोविंद और रमा जिस ऑटो में बैठे थे , वह ऑटो गोविंद के घर के सामने रुकी । वह खुद उतरकर माँ को भी ऑटो से उतारकर उसने जल्दी से घर का दरवाज़ा खोल दिया और माँ से कहा माँ आज रुक जाएगी क्या? रमा ने उत्तर दिया कि नहीं पल्लवी की तबीयत ठीक नहीं … Read more

एन ० आर० आई – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

मम्मी, रोज़ – रोज़ यहाँ नुमाइश लगाने की ज़रूरत नहीं है । मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ , फ़ोन मत करना । मैं नहीं आऊँगी फिर मत कहना कि तुम्हारी बेइज़्ज़ती हो गई । सोना …. सुन तो सही , बहुत अच्छा खाते- पीते घर का लड़का है, सरकारी नौकरी है ।  … Read more

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