उल्टी पट्टी पढ़ाना – खुशी : Moral Stories in Hindi

रमा जी की बहु आज पांचवीं बार डिलीवरी के लिए दाखिल हो रही थी।बहु श्यामा डरी सहमी सी थी कमजोरी से चेहरा पीला पड़ रहा था और उनके पति विद्याधर भी पीछे पीछे हस्पताल में दाखिल हुए। रमा जी डाक्टर से बोली इस बार लड़का ले कर जाऊंगी वरना इसे और उस कुलक्षिणी को यही … Read more

बोझ नहीं डालना – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रात के सन्नाटे को चीरती हुई एक ऐसी खबर आई थी की मां बाप को पूरी तरह तोड़ गई थी। कोचिंग सेंटर से एक विद्यार्थी मनीष जो मेरे बेटे संदीप का मित्र था, उसने बताया की “संदीप ने खुदकुशी करने की कोशिश की है। अंकल वो अस्पताल में भर्ती है आप जल्दी से आ जाइए।” … Read more

पछतावे का बोझ – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज के हरे-भरे कैंपस की भीड़-भाड़ के बीच रिया अक्सर पेड़ों की छाया तले किताब लेकर बैठी मिलती। आस-पास दोस्तों की हंसी-ठिठोली गूंजती रहती, क्रिकेट और डिबेट्स की आवाज़ें माहौल में तैरतीं, पर उसकी दुनिया किताब के पन्नों और सपनों की खामोश गलियों तक ही सिमटी रहती। उसी भीड़ में एक चेहरा … Read more

अब छोटी बहू किसी काम की नहीं रही – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

जब से डिलीवरी हुई हैं , छोटी बहू कामचोर हो गई हैं मांजी , वर्ना पहले तो फटाफट हाथ चलाती थी , अब तो महारानी को बच्चे का ही ख्याल रहता हैं पुरे दिन , मैं अभी बाथरूम में गई थी तो मैंने देखा कि मैले कपड़े अब तक यूं ही पड़े हैं मांजी , … Read more

आँखें नीची होना – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

ताराचंद जी ‘,टेलीविजन पर समाचार देख रहे थे ,तभी एक ऐसी खबर आई, जिसे देखकर ,उनकी ”आँखें नीची हो गयीं। ” और उन्होंने तुरंत ही टेलीविजन बंद कर दिया। तब अपने बेटे ‘प्रभात’ को बुलाया और उससे पूछा -क्या तुमने आज का ”समाचार- पत्र ”पढ़ा है ? नहीं तो….. आज ऐसी कौन सी ख़बर ख़ास … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

हरीश बेटा देख कर आओ, चाची अपने कमरे में क्या कर रही है। उसके मायके वाले आए हुए हैं। जरा सुन के आओ। उनकी आपस में क्या बातें चल रही है। मैं जानती हूं, तुम्हारी चाची और उसके मायकेवाले जितने भले दिखते है। उतने वो है नहीं इसीलिए पता तो रखना ही पड़ेगा।  रमा यह … Read more

ममता – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

“सर जितनी फीस आप के मैनुअल में लिखी हुई थी, मैं सारी जमा करा चुका हूँ। अब ये लैब चार्ज, लाइब्रेरी फीस अलग से कहाँ से आ गई।” “ये तो होता ही है।” सामने बैठे क्लार्क से रुखाई से जवाब दिया।  “मगर मैं तो पिछले बीस दिन से आप के कौलेज का एक एक एक्स्पैंस, … Read more

बेटे के घर रहने का मन नहीं करता – अर्चना खण्डेलवाल : Moral Stories in Hindi

चल,  माधुरी जल्दी से तैयार हो जा, आज हम बाहर खाना खाने चलेंगे, मेरा घर पर खाने का मूड नहीं है,  कमल जी चहकते हुए बोले। हां, वो तो ठीक है, पर आज अचानक कैसे? मैंने तो रात के खाने के लिए सब्जी भी काट कर रख ली है, कोई ना फ्रिज में रख देती … Read more

ज़िंदगी और कुछ भी नहीं , तेरी मेरी कहानी है – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रिचा एक  प्रतिष्ठित परिवार की संस्कारी लड़की थी संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी, बड़े भाइयों के सानिध्य में सुरक्षित ,अपनी भाभी से मित्रवत व्यवहार रखने वाली रिचा का जीवन बहुत आराम से व्यतीत हो रहा था ।वह पढ़ाई कर रही थी और संयुक्त परिवार में रहने का भरपूर आनंद उठा रही थी। अचानक रिचा के जीवन … Read more

विश्वासघात – के आर अमित : Moral Stories in Hindi

दोनों गाड़ी में बैठ गए पहले से ही सोचकर आए सोहैल की नीयत उसके कपड़ो उसके गले मे सोने की चैन हाथों में अंगूठियां देखकर खराब हो गई और मन ही मन उसने सोचा कि ये घर आने वाला है मेरे अलावा किसी को पता नही है अगर मैं इसको ठिकाने लगा दूं तो ये … Read more

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