बिगड़ते रिश्ते को हवा मत दो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शाम का समय था। रसोई में नंदिता चुपचाप बरतन धोकर पोंछ रही थी। पूरे दिन का काम ख़त्म होने के बाद भी उसके चेहरे पर थकान से ज्यादा सोच का बोझ झलक रहा था। तभी अचानक एक छोटी-सी बोनचाइना प्लेट उसके हाथ से छूटकर फ़र्श पर जा गिरी और टुकड़ों में बिखर गई। आवाज़ सुनते … Read more

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