नेकराम की जलेबी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

स्कूल से छुट्टी करके घर लौटा ही था की अम्मा दरवाजे का ताला लगाकर चाबी पड़ोसन को देते हुए कह रही थी जब नेकराम आए तो उसे चाबी दे देना मगर मुझे देखते ही कहा,, नेकराम तू आ गया,, बस्ता अपनी कमला आंटी को दे दे और मेरे साथ चल जल्दी कमला आंटी ने झट … Read more

क्या मैं बेटी नहीं – सुरभि शर्मा : Moral Stories in Hindi

घर और ऑफिस का काम निपटाते निपटाते सौम्या बहुत थक जाती |घर में सहायक थे पर वो काम कर के चले जाते और घर में छोटे छोटे काम भी बहुत हो जाते और साथ ही दो बच्चों की जिम्मेदारी भी थी, उसने अपनी सास को कुछ दिन के लिए आने को कहा, तो उन्होंने कहा … Read more

एक घुटन भरे रिश्ते से आखिर आज़ादी मिल ही गयी। – नितु कुमारी : Moral Stories in Hindi

आज फिर अनामिका की सुबह दर्द के साथ शुरू हुई। उसका बदन दर्द से टूट रहा था। उसमे उठ कर चलने की भी हिम्मत नही बची थी। लेकिन करण को ऑफिस जाना था और सारी चीजें समय पर नहीं मिलेंगी तो वो फिर गुस्सा करेगा। करण का गुस्सा मतलब अनामिका की पिटाई। शादी के एक … Read more

आखिरी मैसेज – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

आलमारी में अपने कपड़े जमा कर  पूनम पलटी ही थी कि फोन पर निगाह पड़ी, उठा कर देखा तो बहुत से मिस काल और मैसेज पड़े थे। क्या करें? जब से इस शहर में ट्रांसफर हो कर आई है, काम से फुर्सत ही नहीं मिल रही है। पतिदेव  और बिटिया आते ही अपनी व्यस्तता में … Read more

अफसोस – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

ट्रेन धड़-धडाते हुए उज्जैन की तरफ दौड़ी चली जा रही थी और काव्या अपने अतीत के गलियारे में खोई थी। आज भी उसे उस दिन का अफसोस था। जब उसने अपने माता-पिता की बातों को अनसुना कर घर से भाग जाने का निर्णय लिया। और अपना व अपने मम्मी-पापा का मान सम्मान सब तार-तार कर … Read more

अधूरी मुलाकात – रश्मि श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज विपुल जब से अपने दोस्त डॉ पराशर से मिलकर आया है कुछ अनमना बेचैन सा है और कारण है वही पुराना चेहरा और उस से जुड़ी सभी यादों का जिन्दा हो जाना। आज 20 साल बाद भी मानो कल की ही बात लगती है जब विपुल आस्था के घर अचानक ही रात में पहुंचता … Read more

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