आप मेरी दादी हो! – प्रीति आनंद अस्थाना : Moral Stories in Hindi

“अरे वाह दादी, आपने तो मुझे घर की याद दिला दी!” प्रणय ने खुशी से दादी को गोद में उठा लिया। छोटे से शहर कानपुर का रहने वाला प्रणय मुंबई आया था एम.बी.ए. करने। साथ में तीन सहपाठी और थे। होस्टल न मिलने पर उन्होंने दो कमरे का एक मकान किराए पर लिया था। प्लान … Read more

चल खुसरो घर आपने – नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi

अमेरिका-डलास के उपनगर इरविंग का रोडियो पार्क।जनवरी का महीना।तीन डिग्री सेल्सियस तापमान ।तेज हवा के झोंके शरीर में नश्तर की तरह चुभ रहे हैं ।सीमेन्टेड शेड पर पड़ी बेंच पर बैठे वह पार्क के सूने रास्तों को निहार रहे हैं ।पत्ते विहीन सूनी शाख़ों वाले धुंध में निस्तब्ध खड़े वृक्ष उन्हें हमजोली से लग रहे … Read more

वो फरिश्ता – रेणु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“अंकल, आपने आज राखी क्यों नहीं बांधी? देखिये, मैंने कितनी सारी राखियां बाँधीं हैं। ये अनु  दीदी की, ये तनु  दीदी की, वो ना अंकल, दिल्ली में रहती हैं। और अब मेरी छोटी बहन भी मुझे  राखी बांधेगी। भगवानजी  ने मुझे एक छोटी बहना का गिफ्ट दिया है आज,” मेरे पाँच वर्षीय बेटे किंशुक ने … Read more

मजाक – श्याम आठले : Moral Stories in Hindi

“देखिये, दहेज के हम सख्त खिलाफ हैं। शादी तो आप अच्छी करेंगे ही।हमारी तरफ के लगभग दोसौ बराती रहेंगे। आप अपनी बेटी को पंद्रह तोले सोना दें। बाकी जो अपने दमाद को आप देना चाहें आपकी मर्जी।” विकास के पापा जगत नारायण जी बोले। “—————” ममता के पापा त्रिभुवन जी की तरफ से कोई जवाब … Read more

श्राद्ध – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

दादी पहली बार पूरब के घर आई हैं। छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर दुर्ग से कभी बाहर पांव भी नहीं रखा दादी ने। सारा जीवन घर परिवार को सम्हालने में खर्च करने के बाद एक रात दादी को सपने में गोपाल जी दिखाई दे गए। बस फिर क्या था उन्होंने बस माला जपनी शुरू कर … Read more

गुमशुदा – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

एक मन हुआ कि पार्क में बैठी उसकी हमउम्र सहेलियों से पूछ ले कि.. “आखिर दो दिनों से वह कहां गुम हो गई है?” फिर रुक गया यह सोचकर कि कहीं मेरी इस जिज्ञासा का कोई गलत मतलब ना निकाल ले। उम्र की ढलान पर ही सही लेकिन है तो औरतें ही,.और उसका उससे कोई  … Read more

बदचलन – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi

रमेश कुमार की शादी हुए लगभग एक साल हो चुके थे।को एक सरकारी कंपनी में मैनेजर के पद नियुक्त था।शादी से पहले वो एक हट्टा कट्टा नौजवान था।देखने में काफी स्मार्ट और सुंदर था।लेकिन शादी के बाद उसकी चुस्ती फुर्ती और स्मार्टनेस कम होने लगी थी।हालांकि वो एक खाते पीते परिवार का लड़का  था। किसी … Read more

*रेशम की डोर* – *मीरा सिंह* : Moral Stories in Hindi

लता देख रही थी आज सौरभ सुबह  उठ कर जल्दी जल्दी नहा धो रहा था । वह अपने पति का स्वाभाव जानती थी  । आज राखी था और साइत भी सुबह के सात बजे तक का ही था । वह भी तो अपने भाई भतीजों के लिए मुँह अंधेरे से ही रसोई में घुसी हुई … Read more

बड़ी बहू ये कोई बीमार पड़ने का समय नहीं है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बड़ी बहू जल्दी जल्दी हाथ चलाओ.. शादी का घर है सौ काम पड़े हैं….और तुम हो कि आराम आराम से सब कर रही हो।” सुनंदा जी ने बड़ी बहू रति से कहा. “ कर रही हूँ माँ जी आज तबियत थोड़ी सुस्त लग रही है इसलिए जल्दी जल्दी नहीं हो पा रहा।” सफ़ेद धोतियों … Read more

“ये क्या बहुरिया, अब तुम सास बन गई तो लापरवाह हो गई हो ” – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

“अरे बहुरिया, कहाँ हो अभी तक खाना नहीं बना क्या “बरामदे में पटले पर बैठी सावित्री जी जोर से चिल्लाईं। ऊषा सर पर पल्लू ठीक करती थाली में खाना ले, सासु माँ के पास पहुंची।खाना सासु माँ के सामने रख किनारे खड़ी हो गई। सब ,डाइनिंग टेबल खाना खाते हैं, पर इतनी उम्र हो जाने … Read more

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