फ़ैसला – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

यह कहानी एक ऐसी महिला, शमा, की है जिसने सामाजिक बंधनों और कठिनाइयों का सामना करके, न केवल अपने लिए बल्कि अपनी बेटी के भविष्य के लिए भी एक नई शुरुआत की है। शमा की कहानी संघर्ष और साहस की एक प्रेरक मिसाल है, और यह हर उस महिला के लिए एक प्रेरणा बन सकती … Read more

दस रुपए की तोरई – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

साल भर से बिस्तर पर पड़ी अम्मा जी की तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। पहले तो सब उम्मीद लगाए बैठे थे कि अम्मा जी जल्दी ठीक हो जाएंगी और घर में पहले जैसी रौनक लौट आएगी। पर जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, उनकी हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती गई। अब सरला के लिए ये सब … Read more

अब अफ़सोस कर क्या मिलेगा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मम्मा कहाँ हो आप…. ?”दस साल का ध्रुव पूरे घर में नित्या को खोजता हुआ घूम रहा था  “ तेरी माँ कहाँ होगी बस बैठ कर अफ़सोस करती रहती है पहले ही समझ जाती तो आज ये दिन तो ना देखना पड़ता… और बेटा तुम भी तो जानते ही हो ना…. तुम्हारी माँ कहाँ … Read more

अफ़सोस – सोनिया सरीन : Moral Stories in Hindi

दिल्ली जैसे महानगर के एक मध्यम वर्ग पर शिक्षित परिवार में जन्मी माधुरी अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी । माता पिता दोनों शिक्षित थे सो उसने परिवार में कभी भी कोई भेद भाव महसूस नही किया था। उन्ही की अच्छी परवरिश के कारण माधुरी को अपने जीवन में एक राह मिल गई थी। … Read more

अफसोस – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मैने अपनी जिंदगी मैं “ना ” कहना नही सीखा था | इसका अफसोस हमको हमेशा होता है | मैने ” ना ” कहा होता तो शायद मेरी जिंदगी आज इस मकाम पे नही होती | मैं अपने परिवार वालो की हर सही ,गलत  बातो को मानती | कभी मना नही किया |इस कारण मेरे परिवार … Read more

मसाले वाली चाय – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        आज सुबह सो कर उठने के बाद से ही आशुतोष जी बड़े खिन्न से थे।असल मे उन्हें सुबह सुबह ब्रश करने के तुरंत बाद चाय पीने की आदत थी,आदत क्या तलब थी,मसाले वाली चाय पीने मात्र से ही वे अपने मे स्फूर्ति महसूस करते थे।अपने समय मे अच्छी पर्सनालिटी के आशुतोष जी बड़े ठसके के … Read more

*आपसी सामंजस्य* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सीताराम जी शिक्षक थे। उनकी पत्नी रौहिणी कुशल गृहिणी थी। उनका इकलौता बेटा मनीष सीधा साधा, संस्कारी और प्रतिभाशाली था। गाँव में हायर सेकण्डरी की पढाई की और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ। आगे की पढ़ाई के लिए वह शहर में गया। वहाँ पर उसने बी.ई. की पढ़ाई की और एक प्राइवेट कम्पनी में उसकी … Read more

मुझे मेरे मायके जैसा ससुराल नहीं चाहिए… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कर रही है बेटा रसोई में… चल जा मैं कुछ बना देती हूँ खाने के लिए नहीं तो बहू से कहती हूँ… तू हॉस्टल से आई है आराम करने रसोई के काम करने नहीं?” सुमिता जी राशि को रसोई में देख बोलीं. “ माँ वो भाभी के पैरों में बहुत दर्द हो रहा … Read more

पुरानी बातें – नीरजा कृष्णा : Moral Stories in Hindi

” पापा, मेरा मन बहुत घबड़ा रहा है। रजत को मैं अपने कड़वे अतीत से अवगत करा देना चाहती हूँ।” रजत से रिश्ता तय होने के बाद से उसका चेहरा सूखता जा रहा था। उन लोगों से उसके मम्मी पापा ने सच्चाई छुपा ली थी और उसे डांट दिया था, “भोलेपन में अपने सुख को … Read more

परिवार ही सबसे बड़ी जमापूंजी है – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

 रमा जी के लिए यह दिन विशेष रूप से कठिन था। उनके पति रात में घर में अचानक गिर पड़े थे, और डॉक्टर ने बताया कि उनकी पैर की हड्डी में फ्रेक्चर है। उम्र के इस पड़ाव पर एक छोटी सी चोट भी बड़ी मुश्किल बन जाती है, और वे अकेले अपने पति की देखभाल … Read more

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