आत्म-सम्मान की सीमा – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

रचना के जीवन में यह घटना एक ऐसे अंधेरे पलों में आई, जिसे वह कभी भूल नहीं सकती। कोचिंग से लौटने के बाद जब वह अपने कमरे में गई, तो गुस्से और दुःख से भर गई थी। उसने अपना बैग मेज पर फेंका और कुर्सी पर थक कर बैठ गई। उसकी आंखों में अपार गुस्सा … Read more

खुशियों के दीप – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

शकुन के चेहरे की खुशी आज देखते बन रही थी।सही मायने में तो दीपावली आज मन रही थी शकुन के घर खुशियों के दीप जो जले थे। नाचती फिर रही थी शकुन ।आज तीन सालों बाद घर में खुशियों के दीप जलें है । नन्ही मुस्कान भी नई मां की गोद पाकर खुश थी । … Read more

अफ़सोस – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

देवी अपने माता-पिता की तीसरी संतान थी उसके दो भाई थे । माता-पिता भाई अत्यधिक लाड़ प्यार के कारण उसे घर से बाहर निकलने नहीं देते थे। जब भी वह कहती थी कि माँ बाहर भाइयों को खेलते हुए देखूँगी तब भी माँ बाहर बैठने नहीं देती थी कहतीं थीं कि लड़कियों को चारदीवारी पार … Read more

मायके में हस्तक्षेप ना करो बिटिया रानी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

प्रतिदिन की तरह फोन पर आरना का पहला सवाल….. ” हैलो मम्मी क्या कर रही हो …??”  “कुछ नहीं बेटा वो सब्जी बना रही हूं…!” ” तुम क्यों सब्जी बना रही हो…? भाभी कहां गई …..?” ” आज रेनू के कमर में दर्द है इसीलिए वो लेटी है, मैंने सोचा तब तक मैं ही सब्जी … Read more

रिश्ते में एक नयी शुरुआत – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 राधिका का ब्याह दो वर्ष पूर्व नंदिनी के छोटे भाई श्याम से हुआ था, जो अग्रवाल हार्डवेयर नाम की दुकान संभालता था। श्याम एक नेक और हंसमुख इंसान था, और उसने राधिका को अपने जीवनसाथी के रूप में पूरे दिल से अपनाया था। शादी के बाद राधिका और श्याम का जीवन खुशहाल था, दोनों अपने … Read more

पछतावा – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

सुवर्णा का मन सदियों से ठहरा हुआ प्रतीत हो रहा था, मानो उसकी भावनाएँ कहीं जड़ हो गई हों। जब वह सामने खड़ा था, उसकी आँखों में पछतावे और शर्म का भाव था, लेकिन वह वह भावनाओं को फिर से सहलाना नहीं चाहती थी। सुवर्णा और उसके पति के बीच का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता … Read more

नमक की मिठास – सरला मेहता : Moral Stories in Hindi

शेखर जी के मन में अपनी बेटी के लिए अनगिनत भावनाएं उमड़ रही थीं। आज उनकी लाड़ली बेटी लावण्या की विदाई थी और उसे एक नए घर में भेजने का समय आ गया था। एक पिता के लिए अपनी बेटी को विदा करना हमेशा ही कठिन होता है, और शेखर जी के लिए यह पल … Read more

क्यों लोग बार-बार मेरे जख्मों पर नमक छिड़कते हैं? – ऋतु रानी : Moral Stories in Hindi

यह कहानी मोहिनी की है, एक साहसी और दृढ़ निश्चयी महिला की जो अपने पति के निधन के बाद अकेले अपनी बेटी को पालती है और तमाम मुश्किलों के बावजूद उसकी परवरिश को एक नेक और शिक्षित इंसान बनाने में सफल होती है। मोहिनी का दृढ़ संकल्प और समाज के ताने-सुनने के बावजूद भी अपनी … Read more

गरीब मायका – अंजना ठाकुर . : Moral Stories in Hindi

इस कहानी में दो बहुओं की भावनाओं और उनके बीच की खटास का चित्रण है। आरती और विधि, दो बहुएँ जो एक ही परिवार का हिस्सा थीं लेकिन एक-दूसरे से बहुत अलग। जहाँ आरती संपन्न परिवार से थी, वहीं विधि का मायका साधारण था। इसी असमानता ने दोनों के बीच एक खाई बना दी थी। … Read more

भेदभाव – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

इस कहानी में समाज के पुराने रूढ़िवादी विचारों, औरतों के संघर्षों, उनकी भावनाओं और आपसी प्रेम का सुंदर चित्रण है। यह कहानी एक ऐसी महिला, बड़की बहू, की है जो एक बेटी की माँ है, लेकिन बेटे की माँ न बन पाने की टीस उसके दिल में हमेशा से है। रमा चाची जैसे लोग, अपनी … Read more

error: Content is protected !!