कुटील चाल – अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi

भास्कर राव त्रिवेदी जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जज के पद पर आसीन थे, उनकी ईमानदारी ही उनकी दौलत थी, उनके कार्यकाल के दौरान ही उन्हें करोड़ों रुपए की रिश्वत के ऑफर मिले होंगे उनको, फिर भी कभी कोई उनको सच्चे फ़ैसले से नहीं डिगा पाया, छोटा सा परिवार था उनका, पतिव्रता पत्नी सुलक्षणा और … Read more

सुबह का भूला – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

फाइव स्टार होटल जैसा अस्पताल, भीड़-भाड़ के बीच अल्पना अकेली बैठी है बड़ी सी लॉबी में कॉफी शॉप की एक टेबल पर। कॉफी से उठता धुँवा अल्पना की आंखों में उतर आया है। पापाजी का ऑपरेशन चल रहा है, तीन दिन पहले सुबह-सुबह सीने में दर्द उठा। अल्पना ने जैसे तैसे व्यवस्था कर अस्पताल में … Read more

मन का अब इलाज और नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

यह आत्मसम्मान विषय पर रची गई कहानी एक विवाह योग्य पुरुष के मन के घांवों की वेदना है।जब पीड़ा का आभास होना ही खत्म हो जाता है,तब चोटिल होता है आत्म सम्मान। नीता के परिवार के पुराने मित्र ,जो अब स्थानांतरित होकर कोरबा में रह रहें हैं ,थॉमस परिवार।जाति में भिन्नता होते हुए भी नीता … Read more

समस्या – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 मिनी और राघव का विवाह हुए 7 साल बीत गए थे लेकिन उनके घर अभी तक कोई शिशु का आगमन नहीं हुआ था। हालांकि उन दोनों को इस बात से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था लेकिन पड़ोसी रिश्तेदार आने जाने वाले और अब तो कामवाली भी——-। जी हां यहां तक कि घर की कामवाली … Read more

आत्म सम्मान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी कल मैं वापस जा रहा हूं आप भी अपना समान पैक कर लें हमारे साथ चले यहां अकेले कैसे रहेंगी नमिता का बेटा आकाश बोला । नहीं आकाश में तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी , लेकिन मां तुम यहां कैसे रहोगी अकेले ।रह लूंगी बेटा मैं अकेले अभी तक तो तुम्हारे पापा थे लेकिन मैं … Read more

बात आत्मसम्मान की ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

सुमन अपने ससुराल मैं बहुत खुश थी शादी के पांच साल हो गए थे उसने पूरे घर को अपना बना लिया था सास ,ससुर ,देवर ,पति और एक प्यारी सी बेटी पा कर सुमन खुश थी सब लोग सुमन को मान भी बहुत देते ।सुमन का ससुराल भी मध्यम वर्गीय है और मायका भी तो … Read more

लोग क्या कहेंगे। – कामनी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूनम और राज की ज़िन्दगी बहुत अच्छे से चल रही थी। गाँव में संयुक्त परिवार था, छोटी मोटी नोंक झोंक भी कम ही देखने को मिलती। दोभाई एक साथ बहुत खुशी से रहते थे। एक बूढ़ी माँ भी थी, बड़े भाई की शादी जल्दी हो गई थी, राज छोटा था पर उनसे उम्र में भी … Read more

तलाक की दहलीज़ पर – अविनाश स आठल्ये : Moral Stories in Hindi

जज साहिबा अनुराधा ने कहा-आप दोनों के विवाह को अभी 7 वर्ष भी नहीं हुये हैं, इसलिए मैं समझती हूँ, कि आप लोगों को थोड़ा और समय दिया जाना चाहिये एक दूसरे को समझने के लिये, आप दोनों ने ही बहुत सी नादानियां की हैं। आप लोगों को अपने तलाक़ के फ़ैसले पर पुनर्विचार करने … Read more

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