अनमोल रिश्ते – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

महेश की बुआजी से फोन पर हुई बातों  से गरिमा बहुत परेशान हो गई थी और सोचने पर मजबूर हो गई थी कि सही तो कह रही हैं  बुआ जी जब से मैं इस घर में आई हूं अपनी सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभाई है  और जब मेरे बच्चों का समय आया तो मैं … Read more

मेरी गुड़िया – नीलू सुराना : Moral Stories in Hindi

एक दुकान से मन्नू खरीददारी कर रही थी । तभी दुकान के मालिक को 6-7साल के लड़के से कहते सुना। बेटा तुम्हारे पास गुड़िया खरीदने के पूरे पैसे नहीं हैं। तभी लड़के ने मन्नू की तरफ देखकर पूछा क्या आपको भी लगता है कि मेरे पास पूरे पैसे नहीं हैं। मन्नू ने पैसे गिनकर कहा,हां … Read more

एक अजनबी – बेला पुनिवाला. : Moral Stories in Hindi

     राह चलते, जाने अनजाने एक अजनबीने हमारी ज़िंदगी ही बदल दी। दर्द हम को इस बात का नहीं की उसने हमें छोड़ दिया, दर्द इस बात का है, की बिना किसी वज़ह और बिना बताए उसने हमें छोड़ दिया और  उनके यूँ  चले जाने से बेवफ़ा हम ने उनको समज लिया, शायद हमें कुछ बता … Read more

काश ….. – विमला भंभाणी लखवाणी : Moral Stories in Hindi

मेरे मोबाइल पर एस एम एस था प्लीज़ इस एड्रेस पर जल्दी आ जाओ| देखा ये वो ही अननोन नंबर है जहाँ से मुझे हर रोज़ सुबह एस एम एस आता था| लगातार तीन महीने तक ये सिलसिला जारी था|अपने ऑफिस के काम में इतना व्यस्त कि,मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया|सोचा कोई फारवर्ड मैसेज … Read more

प्रतीक्षा – डॉ प्रिया : Moral Stories in Hindi

बनी ! जैसा कि आपको नाम से ही मालूम पड़ रहा होगा एक बहुत ही प्यारा,छोटा खरगोश जिसे मैंने ही नाम दिया था, बनी! बनी चेहरे पर मासूमियत लिए हुए एक प्यारा सा बच्चा था,जब मैं उसे डब्बे में लेकर घर आई थी।   कैसे? चलिए बताती हूं।मेरा एक दोस्त व भाई कुणाल एक बार उसने … Read more

माँ का प्यार – संजय निगम : Moral Stories in Hindi

“सुबह का समय था। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से अंदर झांक रही थीं। माँ अपने छोटे बेटे को निहारते हुए मुस्कुरा रही थी। बेटा, जो शायद अभी-अभी चलना सीख रहा था, छोटे-छोटे कदमों से कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक जा रहा था। उसके पैरों की थोड़ी लड़खड़ाहट और संतुलन बनाने की … Read more

एक पाप, एक अधर्म – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

देवार्चन की समझ में नहीं आ रहा था कि उसने जो किया है वह गलत है या सही। कुछ लोग उसके इस कार्य के लिये उसे पापी और विधर्मी भी कह सकते हैं लेकिन उसके मन में कोई ग्लानि या अपराध बोध नहीं है बल्कि उसके मन में सन्तोष और तृप्ति का उजाला फैला है। … Read more

मिट्टी की पुकार – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

गौरांश के बेटे गन्धर्व की पसंद मुरलिका अपने मम्मी पापा के साथ आज उसके घर आने वाली है। इसलिये घर में काफी चहल पहल थी। उसकी अपनी कम्पनी में ही इन्जीनियर है मुरलिका, इसलिये वह कई बार मुरलिका से मिल भी चुका था लेकिन दोनों परिवार आज पहली मिल रहे थे। कार दरवाजे पर आकर … Read more

जीत या हार – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        मेरे पास एक पोस सोसायटी में एक अच्छा खासा फ्लैट था,मुझे इस फ्लैट में कोई दिक्कत भी नही थी।यह फ्लैट मेरे बेटे ने खरीदा था,उसने इसे खूब अच्छे से फर्निश करा रखा था।सबसे अच्छी बात यह थी इसी फ़्लैट में उसने एक खूब सुंदर मंदिर भी बनवाया था।मुझे मंदिर में बैठकर पूजा करना काफी सुकून … Read more

जीवन की सांझ – रचना कंडवाल : Moral Stories in Hindi

सुनो मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। क्या है? कोई और काम नहीं है।हर समय मुंह चलाने के अलावा आनंद जी ने न्यूज पेपर में सिर घुसाये हुए चिड़चिड़ा कर कहा फिर पेपर में और गहराई तक सिर घुसा लिया। मीरा रूआंसी हो गई। धम्म से सोफे पर बैठ गई और सोच में डूब गई। … Read more

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