अब कैसा हक? – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

” अभय..पापा मेरे साथ जायेंगे…उन्होंने मुझे पढ़ाया-लिखाया है…अब उनकी देखभाल करने का हक तो मेरा ही है।”      ” नहीं भाई…पापा को मैं ले जाऊँगा..बचपन में मैं जब बीमार पड़ता था तो पापा रात-रात भर मेरे सिरहाने पर बैठे रहते थें।इसलिये अब उनकी सेवा करने का हक मेरा है।” अभय बोला तो फिर अजय अपने छोटे … Read more

अपना घर अपना ही होता है – चम्पा कोठारी  : Moral Stories in Hindi

लता और कमल पति पत्नी हैं। दोनों ग्रामीण  परिवेश में रहते हैं दोनों पढ़े लिखे हैं लेकिन इस तरह की शिक्षा नहीं है कि वह कहीं सरकारी या प्राइवेट नौकरी कर सकें उनके दो बच्चे क्रमशः हर्षिता और अंशुल हैं।  कमल की परचून की दुकान है जिसमें रोजमर्रा की वस्तुएँ रखी रहती हैं घर की … Read more

मुझे हक है – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

“मुझे हक है” विवाह फिल्म का यह गाना ना जाने कितने ही लड़कियों की दिल की धड़कन बढ़ा देता हैं…. उस वक्त यह फिल्म आई थी, तब से आज तक जो लड़कियां नई-नई शादी के बंधन में बंधने जाती है… कहीं ना कहीं खुद को उस फिल्म की पूनम और अपने होने वाले पति को … Read more

यादों का कारवां – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

घूम फिर कर  देखा जग सारा, अपना घर सबसे प्यारा सबसे न्यारा  यह कहावत सौ प्रतिशत सही है कहीं भी रह आओ पर जो सकून, शांति और सन्तुष्टि अपने घर में मिलती है कहीं नहीं। चाहे फाइव स्टार होटल में रुक लो सारी  सुविधाएं होने के बावजूद दो-तीन दिन में ही लगने लगता है कि … Read more

बाबू काका का दर्द – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

बाबू काका क्या हुआ है आपको,इतने कमजोर?किसी डॉक्टर को दिखाया या नही?         बहुत क्षीण आवाज में बोले,बेटा कुछ नही बुखार आ गया था,कमजोरी के कारण उठा नही गया,डॉक्टर के पास कैसे जाता भला?        मुझे ही खबर भेज देते,मैं तो आ ही जाता।       तुम्हारा नंबर मिला ही नही,बुढापा है ना,पता नही कहाँ लिखा या रखा।      ओह, … Read more

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