कैसा हक़ – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हक़,किस हक़ की बात कर रही हो तुम , हक़ पाने के लिए हक़ जताना भी पड़ता है, हक़ के साथ साथ कुछ जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती है तब जाकर मिलता है । ऐसे हक़ हक़ चिल्लाने से नहीं मिलता हक़ आलोक जी बोले।जाओ तुम यहां से जिससे शादी की है उस पर हक़ जताओ … Read more

हक़ – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

” नीतू  तुम  अब छोटी बच्ची नहीं एक बेटी की माँ हो, थोड़ा बड़प्पन दिखाओ। क्या हर समय अपनी  ही बड़ी बहन से तुलना करती रहती हो? “ “पापा मैं उसे अपनी बड़ी बहन नहीं मानती… आप और मम्मी भी उसे अधिक प्यार करते हो। इसीलिए उसकी शादी बैंक मैनेजर से की और मेरी एक … Read more

जैनरेशन गैप – मधु वशिष्ठ   : Moral Stories in Hindi

स्कूल के स्टाफ रूम में लंच टाइम में सारी टीचर्स चाय की चुस्कियां लेती हुईं अक्सर अपनी बहुओं या सासों की बुराई करती हुई देखी जा सकती थीं। भावना मैडम को ऐसा करना बिलकुल अच्छा नहीं लगता था, वह यही सोचती थी कि बहु या सास का अच्छा या बुरा होना केवल और केवल हमारे … Read more

डर – बीना शर्मा   : Moral Stories in Hindi

कविता आज बेहद खुश थी काफी समय बाद वह अपने मम्मी पापा से मिलकर जो आई थी परंतु, जैसे ही अपने मम्मी पापा से मिलने के बाद अपनी ससुराल पहुंची तो उसने देखा उसकी सास  बिमला गुस्से में भरी बैठी थी कविता को देखते ही गुस्से में बोली”आज तू मुझसे बिना पूछे अपने घर चली … Read more

कटोरी का लेन- देन तो पड़ोसी का हक है – सविता गोयल   : Moral Stories in Hindi

 “मम्मी बहुत भूख लगी है। जल्दी से खाना डाल दो।”  “हाँ बेटा अभी लगाती हूँ खाना, बस सब्जी बनने ही वाली है।”  “क्या सब्जी बना रही हैं आप?”  “आज तो लौकी बनाई है बेटा।”  “लौकी!!” लौकी का नाम सुनते ही रोहन ने बुरा सा मुंह बना लिया।  “और कोई सब्जी घर पर थी ही नहीं … Read more

मुझे हक है…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

शाम से ही रिचा अनमनी सी हो रही थी। एक खबर जो उसे सुकून से रहने नहीं दे रही थी । उसे अभी ऑफिस से घर  लौटे ज्यादा समय नहीं हुआ था।वह अपने बिस्तर पर लेटी हुई खिड़की से बाहर देख रही थी। मौसम बहुत ही खुशनुमा था। बाहर बादल और हल्की-हल्की बारिश हो रही … Read more

बेटीयों का हक – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

मानसी की शादी मम्मी-पापा ने खूब ठोंक बजा कर अच्छा परिवार, अच्छा लड़का कम्पनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत। देखने में सुन्दर, सुशील, आकर्षक व्यक्तित्व  का धनी, विनम्र और क्या चाहिये एक इंसान में। शादी से पहले सास ससुर, ननद की बोली से भी शहद टपकता था अब किसी के मन में क्या चल … Read more

एक परिवार ऐसा भी – नेकराम : Moral Stories in Hindi

शिल्पा की शादी को 2 वर्ष बीत चुके थे देखने में एकदम सुंदर सुशील और गुणवान थी अपने घर के कामकाजों से फुर्सत पाने के बाद थोड़ा बहुत साहित्य पढ़ लिया करती थी शिल्पा की एक बर्ष की बेटी राधिका जो अभी चलना सीख रही थी उसकी प्यारी सी मुस्कान से घर महक जाता था … Read more

तुम्हारे जैसी बहन भगवान किसी को न दे – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

” तनु बेटा !  मिठाई खिलाने के साथ – साथ राखी बाँधते समय वचन दो अपने भाई जय को कि कभी उसे किसी परिस्थिति में अकेले नहीं छोडोगी । राखी सिर्फ बांधने का नाम नहीं , निभाने का भी वचन है । ये सब बातें बोलते हुए तनु की मम्मी सीमा की आँखें नम और … Read more

पापी चुड़ैल (भाग – 15) अंतिम भाग – शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

मेरा नाम चंद्रावती है और मैं कुसुमपुर राज्य की सबसे सुंदर और आकर्षक वैश्या थी……. ये किस कुसुमपुर की बात कर रही हो तुम ….( महाराज जी ने पूछा ) मैं पाटलिपुत्र जो आज पटना के नाम से विख्यात है उस कुसुमपुर की बात कर रही हूं महाराज जी आगे बोलो….( अहिधर ) नही ….. … Read more

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