देवकन्या (भाग-10) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

सम्मान” संध्या बेला का समय, चारों तरफ अफरा तफरी मची थी””” सौन्दर्य पूर्ण कन्याओं का आगमन हो चुका “” नगर के सबसे बडे मैदान को समतल करके,चारों तरफ से कनाते लग दी गयी थी””” मसनद चौकियां, बडे बडे मल मल के गद्दे”विछा दिये गये थे”” गलियों  मे केवडे का छिडकाव मिट्टी मे मिलकर सुगंधित हो … Read more

देवकन्या (भाग-9) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

मृगनयनी “ ******** मदनिका जैसे जैसे वस्त्र हटाती जा रही थी, वैसे वैसे सौंदर्य बढता  जा रहा था ,जलराशी मे जैसे   चंद्रमा आज खुद उतर आया””” कुवांरी  हमने अबतक आपसे सुन्दर युवती नही देखी, चपला अमरा,की ओर उन्मुख होकर बोली”” वो रूपराशि  के चक्कर में,द्धार बंद करना  भूल गयी”” चंदन और सुन्दर गंध से … Read more

देवकन्या (भाग-8) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

प्रेमलाप शिक्षा””” देवी आप अस्वस्थ है कक्ष मे चलकर वार्तालाप करते है, जी””निरीहता से हर्षदेव की ओर देखा, अमरा ने”” चले “” अमरा को  बाजुओं का सहारा  देते हुऐ हर्षदेव  बोला “ अमरा पर हर्षदेव  का प्रभाव पडता  जा रहा था “” उसकी बलिष्ट   भुजाऐं चौडा सीना, अमरा  के ग्यारहवें  बंसत की दहलीज पर … Read more

देवकन्या (भाग-7) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

 आप धैर्य रखिऐ,  सब कुछ ठीक हो जाऐगा “” युवक ने दक्षांक को ढंढास बंधाया “” युवक को पहचान कर भी राजनायक  अंजान बन गये”” और यही स्थिति  उस युवक की भी थी! पुत्र आप सही समय न मिलते तो आज मै अम्बा को खो चुका होता, जो भी होता है अच्छे के लिऐ होता … Read more

देवकन्या (भाग-6) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

पाणिनी  का मार्गदर्शन “” (पहली जनपद  कल्याणी गणिका का निवार्चन) “सभी सभासदो की उपस्थिति  में, बिना संशय सभी के मतानुसार ,बाहुलता के अनुरूप हर जाति से  एक पदाधिकारी  चुनों” ” प्रमुख का चयन करते ही”मंत्रिपरिषद  के सुझाव के अनरूप गढंप्रमुख का चयन किया जाऐ” व्यवधान को ही समाधान करने दो राजन्” अन्य मंत्रीगण समीप ही … Read more

देवकन्या (भाग-5) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

विरक्ति “राजा का वियोग” देवी,,मेरे मन मे अंसतोष  का वो अंकुर फूट गया है,जो मुझे दग्ध कर रहा है””मै इस महाप्रतापी इक्ष्वाकुवंश का   मान न रख सका””आह””” आंखों से सैलाब फूट पडा, पुरी  नरेश के”” पति की ऐसी स्थिति  देख, विहृवल हो उठी रानी त्रिशला”” आप इस तरह स्वयम् को अपराधी न समझे” कदाचित  … Read more

देवकन्या (भाग-4) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अब तक “”” अमरा की बाते सुनकर  दक्षांक    ने मन ही मन ,विशालपुरी  वापस जाने का फैसला किया “नदी नालों को पार कर वो विशालपुरी पहुंचा,आश्रय की तालाश मे उसकी मुठभेड़, तमोली”” और दो युवको  से हुई””छोटी झडप के बाद उसमे से एक युवक  राजनायक के मित्र का पुत्र  निकला “” आगे””” आरम्भ – … Read more

देवकन्या (भाग-3) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अब तक—- विशालपुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी “व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए “ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ ” था”””उसी विशालपुरी  को पुरी नाम से भी जाना जाता था”””मगध के राजा का,राजनायक  सेनापति दक्षांक  था,जो शूरवीर के … Read more

देवकन्या (भाग-2) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अबतक आपने पढा”” पुरी,  उन्नतिशीलता की दृष्टि  धन सम्पदा  से परिपूर्ण  नगरी थी”व्यापारिक दृष्टि  से भारत वर्ष  के सभी राज्य इस नगर से जुडे हुए थे”ऐतिहासिक  दृष्टि से परिपूर्ण नगर खुद मे बहुत कुछ समेटे हुआ “”” था””” आगे—— ढोल ताशे बज रहे है,लगता है पुरी मे कोई उत्सव है,, चपला ने पास बैठी स्त्री … Read more

देवकन्या (भाग-1) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

ये गाथा  शुरू होती है,उस समय से जब ,विशालपुरी के युवराज  ने,संसारिक जीवन से वैराग्य जीवन को अपनाया, पिता महाराज सिद्धार्थ  ने  जीवन से मोह त्याग कर खुद को कोपभवन  में कैद कर लिया,चारों ओर अराजकता फैल गयी” प्रजा ने क्रोधित होकर ,एक दूसरे  पर  आरोप प्रत्यारोप लगा दिये” युवावर्ग, —-अक्रोशित हो,राज्य को नष्ट करने … Read more

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