देवकन्या (भाग-10) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi
सम्मान” संध्या बेला का समय, चारों तरफ अफरा तफरी मची थी””” सौन्दर्य पूर्ण कन्याओं का आगमन हो चुका “” नगर के सबसे बडे मैदान को समतल करके,चारों तरफ से कनाते लग दी गयी थी””” मसनद चौकियां, बडे बडे मल मल के गद्दे”विछा दिये गये थे”” गलियों मे केवडे का छिडकाव मिट्टी मे मिलकर सुगंधित हो … Read more