काम करने की कोई उम्र नहीं होती – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“सुमिता बुटीक कलेक्शन” बड़े बड़े अक्षरों में लिखे इस नाम को देख कर आसपास खड़े सारे लोग सुमिता जी को बधाई दे रहे थे…सब की नज़रें कौतूहल से सुमिता जी को ही देख रही थी आख़िर पचास साल की उम्र में ये सब करने की हिम्मत कहाँ से जुटा सकी । इधर बाहर गेट पर … Read more

खत्म हो गई शिकायतें – रेखा शाह आरबी : Moral Stories in Hindi

मोनिका  को नौ  बजे वाली लोकल  ट्रेन पकड़कर ही ऑफिस जाना पड़ता था। आज थोड़ी सी देरी हो गई थी। इसीलिए खूब झुझलाहट की शिकार थी।  मोनिका सोच रही थी -पता नहीं समय से पहुंच पाऊंगी या नहीं गौरव को भी कोई सामान  खुद से कभी नहीं मिलता है.. सब चीज उन्हें उठा कर देनी … Read more

मतभेद, – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

एक सप्ताह के लिए ऑफिस के काम से अपने शहर में अर्थात मायके जाने का मौका मिला है.. मां के साथ कुछ खूबसूरत सकूं भरे पल बीतेंगे सोच कर कितना अच्छा लग रहा है…                     जानी पहचानी सी सड़क और आड़ी तिरछी गलियों से होकर पहुंच हीं गई अपनी मां के पास…शुभाआ मां गले से लग … Read more

सीमा रेखा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

बेटा… अगर हो सके तो तुम्हारी सैलरी आते ही इस बार सबसे पहले मेरा चश्मा बनवा देना या फिर नया ही दिलवा देना… बड़ी तकलीफ होती है बेटा… चश्मा के बगैर… अशोक जी ने अपनी बेटे नामित से कहा  नामित:   आपका ना मुझे समझ नहीं आता पापा… हर बार सैलरी आई नहीं उससे पहले … Read more

ये कैसी सीमा रेखा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ तुम पिता जी को समझा दो … मुझे अभी शादी नहीं करनी है और ये लड़कों के घर जा जाकर उन लोगों से मिलना छोड़ दें… मुझे अभी बहुत पढ़ाई करनी है और शादी ब्याह के पचड़े में जरा भी नहीं पड़ना।” ग़ुस्से में पैर पटकती नैना अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर … Read more

घर की बेटी अब और ना सहेगी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मालती का मन बड़ा ही बेचैन था, सुबह से शाम हो गई पर वो कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी, विनोद के ऑफिस से आने का समय हो गया था, उसने खाने की तैयारी कर ली और बेचैनी से बॉलकोनी में टहलने लगी, हर आती -जाती कार पर उसकी निगाह थी, जैसे ही विनोद … Read more

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