बुढ़ापा -शनाया : Moral Stories in Hindi

बुढ़ापा एक सच्चाई है , जिसे कोई बदल नहीं सकता न ही झुटला सकता है।  बुढ़ापा तो आना ही है ये ही परम सत्य है।  लेकिन कुछ लोग अपनी जवानी के दिनों में ये भूल जाते हैं कि आज भले से वो जवान हैं लेकिन एक दिन उन्हें भी बूढ़ा होना है।  आज की ये … Read more

बेटे का निर्णय -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तीन साल का विनय जैसे ही सोकर उठा,बाहर के रूम से चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। डरा सहमा विनय अपनी मां सरला के पीछे चुपचाप खड़ा हो गया।बैसे घर में इस तरह का ड्रामा रोज ही होता था।विनय को समझ ही नहीं आता था कि उसके पेरेंट्स के बीच आखिर रोज झगड़ा होता … Read more

चलो घर चलें -रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“आज क्या सत्यानाश कर दिया तुमने खाने का… एक चीज में स्वाद नहीं है… कच्ची अधपकी रोटियां… बेस्वाद सब्जी… एक सलाद तक ढंग से नहीं काट पाई…!” ” अरे यह क्या बात हुई… एक ही रट लगाए हुए हैं आप… मैंने कहा ना आज मेरा मूड नहीं था खाना बनाने का… तो बिगड़े मूड में … Read more

अपना घर स्वर्ग -ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति लखमीचंद जी और उनकी पत्नी पुष्पा जी झूले पर बैठे अपने घर के आंगन में अपने स्वर्ग जैसे घर का आनंद ले रहे थे। तभी लख्मी चंद जी की आंखों के सामने  तीन वर्ष पहले का एक दृश्य सचित्र घूम गया, जब उन्होंने अपने बेटे से कहा था….. बेटा कहां थे … Read more

बहू बुढ़ापा सबको आता है। -अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बेटा, जरा सी तबीयत ठीक नहीं लग रही है, तू मुझे डॉक्टर के दिखा ला, अब तो हाथ-पैर भी काम नहीं करते हैं, शरीर में ढीलापन सा रहता है” विमला जी ने अपने बेटे अंकित से कहा। लेकिन अंकित तो अपने ऑफिस के काम में लगा था, और लैपटॉप पर नजरें गड़ाए हुए था, अपनी … Read more

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