मैं तो डर ही गया था – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मुठ्ठी में बीस रुपए दबाए तेज कदमों से घर से कुछ दूर पैदल चलने के बाद संदीप मोहल्ले की एक फोटो स्टूडियो की दुकान के पास आकर रुका दुकान में दो-चार कस्टमर पहले से ही वहां मौजूद थे दुकानदार उनकी फोटो खींच रहा था संदीप थोड़ा जल्दी में था बीस रुपए दुकानदार की तरफ बढ़ाते … Read more

मम्मी आप डस्टबिन (कूड़ेदान ) बन गई हो – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आप जिस व्यक्ति को फोन कर रहे हैं वो अभी अन्य कॉल पर व्यस्त है …. बाप रे , तीन बार फोन लगा चुकी ये मम्मी भी ना ….. मेरा फोन देख रही है फिर भी काट कर मुझे कॉल बैक नहीं कर रही …पता नहीं इतना जरूरी बात कहां हो रहा है उनका …गुस्से … Read more

झूठी शान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे रामसिंह हटवाओ इन रेहड़ीवालों को कैम्पस के अंदर से… तुम्हें कितनी बार समझाया है इन लोगों को अंदर मत आने दिया करो।” इंटरकॉम पर अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गार्ड को फ़ोन कर के मनोहर जी ग़ुस्सा जता रहे थे “ साहब हमने तो मना ही किया पर वो जो 204 में नए लोग शिफ़्ट … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -16 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

इस बीच रोहित की और रोहित की दादी की आरुणि और सबसे बातें होती रहती थी।  कार्य के कार्यान्वयन का समय आते ही सबसे पहले सब पचमढ़ी जाने और आरुणि से मिलने का विचार बनाते हैं… जिसकी सूचना आरुणि को दादी देती हैं और सबको मुंबई लेकर आने के बाद ही सरप्राइज देने की बात … Read more

अपने घर की बनुं मैं रानी – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीतू और विवेक के विवाह को 5 वर्ष हो गए। नीतू रंग से सांवली, बदन में भी थोड़ी भारी। वैसे नाक नक्श खिलता है। अपने रूप रंग को लेकर नीतू हमेशा हीन भावना से ग्रस्त रहती। उसके पापा ने उसके विवाह में अच्छा पैसा लगाया। विवेक नौकरी पेशा है, और उसकी अच्छी तनख्वाह है। रूप … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दो साल की छोटी सी मोनू का उंगली पकड़े सोनल चली जा रही थी विचारों में गुमशुम । क्या है एक बेटी का जीवन क्यों शादी होते ही वो घर पराया हो जाता है जहां वो पैदा हुईं,खेली खाई बचपन बीता , मां बाप के साए में महफूज रही कोई तकलीफ़ नहीं । क्यों इतनी … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है…. – सबीहा परवीन ” सबीह” : Moral Stories in Hindi

श्रद्धा तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। सबसे ज्यादा लाडली, समझदार और संस्कारो से भरी पूरी थी। श्रद्धा की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और वो पिछले एक साल से किसी प्राइवेट स्कूल में जॉब कर रही थी। बाकी की दोनों बहने पढ़ाई कर रही थी। श्रद्धा की पढ़ाई हो चुकी थी इसलिए माता पिता … Read more

हमेशा बना रहे बेटी का घर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहाँ की मेहमान है “ जैसे ही ये बात सरला ने रोते रोते अपनी बेटी की विदाई के वक़्त कही वही पास में खड़ी सुलोचना जी रोना भूल ग़ुस्से में सरला से बोली,” ये क्या सीखा रही है बहू…कुहू का ये घर वैसे ही … Read more

उतरन – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शगुन ने धीरे से शौर्य का हाथ अपने बाजू पर से हटाया और तकिये के नीचे फंसे अपने लंबे बालों को आहिस्ता आहिस्ता से निकाला, और बेड के पास लगे आदमकद आईने में अपना अक्स निहारने लगी। यूं तो वह काफी सुंदर थी ही ,पर आज वह खुद को बेहद खूबसूरत महसूस कर रही थी। … Read more

मनमुटाव – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 केशव और मैं आज अजनवी से एक दूसरे से व्यवहार कर रहे हैं… कहां गया हमारा प्यार…एक दूसरे से किए वादे… ओह छोटी छोटी बातें #मनमुटाव #का ऐसा रूप ले लेगी सोचा न था…. शादी के तीन साल कैसे गुजर गए पता हीं नहीं चला… कॉलेज के टाइम से हीं हम दोनो एक दूसरे को … Read more

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