गुड़ न्यूज़ – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आधी रात बीत गई लेकिन लता की आँखों में नींद का नामों -निशान नहीं था..। कल क्या होगा यही सोच -सोच कर परेशान थी। सुबह चार बजे बिस्तर से उठ, नहा -धो कर मंदिर में दिया जला हाथ जोड़ कर बैठी थी, आँखों बंद जरूर थी लेकिन आँखों से बहते आँसू उसकी खराब मनोदशा को … Read more

दुराव – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पीछे से भैय्या भैय्या की जानी पहचानी आवाज सुन शंकर ठिठक कर रुक गया, अरे ये आवाज तो पलक की है।शंकर का अनुमान सही था,पलक ही शंकर को पुकार रही थी। शंकर भैय्या, मैं कब से आपको ढूंढ रही हूं,रुआँसी पलक  बोली।क्या बात है,पलक,सब ठीक तो है,परेशान सी लग रही हो? शंकर और मनु दोनो … Read more

गाजर मूली समझना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

रानी ओ रानी , कहाँ मर गई , अब घरवालों ने नाम रानी रख दिया तो क्या सच में ही ख़ुद को रानी समझने लगी , कबसे आवाज़ दे देकर मेरा गला सुख गया , ज़िंदा है या मर ही गई आज??? शांति देवी ने कामवाली रानी को बुलाने के लिए पूरा घर सर पर … Read more

गाजर-मूली समझना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

राखी  को  जितना अपने रुप और पैसे का  घमंड था ,उसके पति राजीव उतने ही सरल और विनम्र स्वभाव के थे।राखी अपने समक्ष हर किसी को गाजर-मूली के समान तुच्छ  समझती थी,चाहे वो परिवार के सदस्य हों, सहेलियाँ हों या नौकर -चाकर! उसके घमंडी स्वभावके कारण उसके पड़ोसी या दोस्त सभी उससे खिंचे-खिंचे से रहते … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहां की मेहमान है – मनीषा सिंह। : Moral Stories in Hindi

स्टेशन छोड़ते ही गाड़ी धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी ज्यों -ज्यों गाड़ी तेज रफ्तार पकड़ रही थी त्यों -त्यों सरस्वती की आंखों से मां-बाप ओझल होते जा रहे थे। आशु थमने का नाम नहीं ले रही थी मन मारकर अपनी सीट पर जाकर बैठ गई।   अपनी और बच्चों की छुट्टियां खत्म होने के बाद … Read more

बहु को छठी का दूध याद दिला दिया !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

क्या कहा तूने ?? दो दिन बाद तुम लोग वापस घर लौट रहे हो !! परसों सुबह की फ्लाईट की टिकटस हो गई हैं !! आंखो में आंसू लिए सुनीता जी बोली !! हां मां , बस दो दिन ओर फिर हम सब वापस साथ होंगे फोन पर बेटा आशीष बोला !! फोन रखकर सुनीता … Read more

बेटी ससुराल ही अब तेरा घर है , यहां की तो तू मेहमान है – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह मालती जी का बेटा मनन पाँच दिन के लिए टूर पर निकल गया,बहू सुमन ने अपनी सासूमां से कहा , मम्मी जी आजकल एक बहुत अच्छी मूवी लगी है ,क्यों न हम दोनों आज मूवी देख कर आऐं पापाजी के लिए उनकी पसंद का खाना मैंने तैयार कर दिया है और उनसे … Read more

परवरिश का मान – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

दस साल का था पीयूष जब उसकी मम्मी को आर्थराइटिस की बीमारी ने बुरी तरह घेरा । पीयूष की चाची स्नेहा जब शादी के बाद दूसरी बार ससुराल गयी तो उससे मासूम पीयूष का दुखद बचपन और अपनी जेठानी ( पीयूष की माँ रूपा ) का दर्द नहीं बर्दाश्त हुआ । घर की स्थिति भी … Read more

मायके की मेहमान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

निमिषा बहुत ही सुन्दर हँसमुख एवं खिलंदड़ स्वभाव की थी। वह अपने में ही मस्त रहती एवं किसी भी काम की चिन्ता नहीं पालती। जब उसे करना होता  तभी करती। हमेशा हँसती मुस्कराती रहती और  दूसरों को भी हँसाती रहती। अपने दोस्तों की बीच वह सबकी चहेती  थी। सबको हंसाती, बातें करने में कोई उसका … Read more

सास का महत्व..- विनोद सिन्हा “सुदामा : Moral Stories in Hindi

जबसे राखी की सास विमला देवी उसके साथ रहने शहर आई थी, पति आलोक के सामने ऐसा दिखावा करने लगी थी मानो उसके कांधे पर काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि उसे सांस लेने की फुर्सत नहीं रहती है.. जबकि ऐसा कुछ नहीं था.. राखी की सास बिल्कुल शांत स्वभाव एवं काफी मिलनसार … Read more

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