* ठोकर खाकर सम्हलना * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 घीसू ऑंगन में डली चारपाई पर लेटा हुआ, आसमान की ओर देख रहा था। आज मौसम खुला हुआ था। घीसू ने सोचा आज खेतो में धान बौने कै लिए अच्छा मौसम है, सब अपने खेतो में धान बो रहै होंगे और वह चारपाई पर पड़ा है। दो दिन आने वाले  ज्वर ने उसकी कमर चौड़ा … Read more

गरल- संगीता त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: नया शहर, नया घर.. व्यवस्थित करते कब महीना भर बीत गया, पता नहीं चला। रसोई में काम करते अचानक निगाहें उन बर्तनो पर चली गई, जिनमें पड़ोसी आंटी… अभी तक नाम भी नहीं पता, खाना दे गई थी। सोचा बच्चों की फरमाइश पर इडली बना रही हूँ तो थोड़ा ज्यादा बना … Read more

समर्पण – अर्पणा कुमारी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: समर्पण, यहीं तो किया है मैंने अपनी जिंदगी में! मैं श्रुति, आज भी वो दिन नहीं भूलती जब दीदी की आकस्मिक मौत ने हम सबको जीते जी मार दिया था। दीदी तो चली गई पर पीछे छोड़ गई नन्हीं से परछाई। लाड़ली परी तो हमेशा से ही मेरी जान थी, और … Read more

एक बार फिर (भाग 13) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : शेखर प्रिया को अपने साथ शॉपिंग पर ले जाता है। तभी प्रिया की दी का फोन आता है प्रिया फोन रिसीव करती है अब आगे- भाग-१३ हैलो दी दी क्या हुआ आप रो क्यों रहे हो??? शेखर ने गाड़ी रोक दी। प्रिया तेरे जीजा जी को हार्ट अटैक आया है। … Read more

एक बार फिर (भाग 12) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : प्रिया की फैमिली शेखर के यहां डिनर पर जाती है वहां शादी की डेट पक्की होती है। वापसी में वो सोचती है कि वो शेखर को अपने पास्ट के बारे में सब बता देगी अब आगे- उधेड़-बुन में रास्ता तय करते हुए उसका सिर भारी हो गया। जीजा जी ने … Read more

एक बार फिर (भाग 11) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : प्रिया और उसकी दी की फैमिली के लिए शेखर के घर से इन्विटेशन आता है। दी उसे कहती है कि ऑफिस से सीधे यहां आ जाओ। हमें शाम को उनके घर जाना है। वो सोचने लगी ये दी भी न बड़ी अजीब हैं बहुत शौक लग रहा है उनके घर … Read more

एक बार फिर (भाग 10 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : प्रिया और शेखर के घरवाले मिल कर उनका रिश्ता तय कर देते हैं। प्रिया अपनी दी से कहती है कि आपने उस बदतमीज इंसान से मेरा रिश्ता तय क्यों किया?? दी कहती है कि मुझे तो वो अच्छा लगा। प्रिया दी का मन रखने के लिए हां कर देती है। … Read more

बहू या एटीएम मशीन – डाॅ संजु झा: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: पूनम जल्दी-जल्दी अपने हाथ चला रही है।आज सुबह उसे उठने में देरी हो गई। घर की सफाई के बाद उसे रसोई में सास-ससुर,जेठ-जेठानी और उनके बच्चों के लिए खाना भी बनाना है,फिर नौकरी के लिए  बैंक भी जाना है। बैंक से आकर रात में सभी के लिए  खाना बनाना।पूनम की रोज … Read more

समर्पण जब हो नजरअंदाज – रोनिता कुंडू : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: मां..! अब मैं यहां नहीं रह सकता… इस घर में मेरा और अलका का दम घुटता है.. अतुल ने चीखते हुए कहा.. पर यह घर तेरा भी तो है… तू क्यों कहीं जाएगा..? जिसने यहां नर्क मचा रखा है… वहीं जाए… सरिता जी ने अक्षित की ओर देखकर कहा… हां मां… … Read more

इतना सा ख्वाब – डॉ पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : ख्वाब कहने को तो एक छोटा सा शब्द है पर देखा जाए तो हमारी सारी दुनिया ही इसके चारों तरफ घूमती है। यही हैं जिनकी वजह से हम कुछ कर गुजरने की क्षमता रखते हैं। चलिए जब बात ख्वाब की छिड़ी ही है तो किसी और के ही बारे में … Read more

error: Content is protected !!