चाहत एक स्वेटर की – सुषमा यादव

एक साल बहुत अधिक ठंड पड़ रही थी,,उस पर पूस की हड्डी तोड़ कंपकंपाती ठंड,, एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा कहावत सार्थक करती वर्षा की फुहारें,, स्कूल में पूरा स्टाफ अपने को ठंड से निजात पाने के लिए खूब पहन ओढ़ कर सिसियाते बैठा था ।। मैं भी किसी तरह पानी से बचते … Read more

गोल रोटियां – संजय मृदुल

महीना भर हो चुका था क्षिप्रा की शादी को। हनीमून, मायके जाना सब निपट चुका था। अब एक महीने ससुराल में रहना था। उसके बाद वापस मुम्बई जाकर नॉकरी जॉइन करनी थी, पवन कल ही जा चुके थे उनकी छुट्टियां नही थी ज्यादा। आज किचन में पहला दिन था क्षिप्रा का, सुबह सबके लिए चाय … Read more

छोटी सी चाहत – गीता वाधवानी

शिल्पी सोच रही थी कि जब उसकी शादी सागर से हुई थी, तब वह कितना हंसमुख और खुशदिल इंसान था और वह उसके साथ कितनी ज्यादा खुश थी। आज सागर कितना बदल चुका है। वह बिल्कुल अपने नाम की तरह गंभीर और गहरा हो गया है। उसे कोई मानसिक परेशानी भी नहीं है फिर उसे … Read more

खुशियों की चाहत – सुल्ताना खातून

आज फिर पिंकी ने रोते हुए फोन किया था। क्या हुआ पिंकी? उसके पूछते ही पिंकी फट पड़ी- दीदी आज फिर मम्मी पापा में बहस हुई, लड़ाई इतनी बढ़ गई, की दोनों एक दूसरे पर चीखने लगे,  कुछ ही दिनों में मेरे बोर्ड परिक्षा होने वाले हैं,,, मैं तंग आ गई हूं, इस रोज़ रोज़ … Read more

माँ – कल्पना मिश्रा 

लोग इकट्ठे हो रहे थे। चिरनिद्रा में लीन माँ की अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू होने लगी। उनको नहलाया जा रहा था.. वैसे तो ये काम बहुयें करती हैं और देवरानी अपना फर्ज़ निभा भी रही थी लेकिन मैं तो बस पत्थर सी बनी माँ को देखे जा रही थी।तब मात्र साढ़े चौदह बरस की … Read more

दमयंती जी की चाहत ‘ – विभा गुप्ता

        हर इंसान की कोई न कोई इच्छा अवश्य होती है और वह उसे पूरी करने अथवा प्राप्त करने की पूरी कोशिश करता है।लेकिन कुछ लोग अपनी चाहत को पाने के लिए हद से आगे भी गुजर जाते हैं।इस कहानी की पात्र दमयंती जी की भी एक चाहत थी।           अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी … Read more

बस कुछ शब्द दूरियां मिटा देते हैं – सविता गोयल

” हैलो नेहा ….” ” हां, बुआ नमस्ते , कैसी हैं आप??  और केशव भईया की शादी की तैयारियां कैसी चल रही हैं ?” अपनी इकलौती और प्यारी बुआ की आवाज सुनते हीं चहकते हुए नेहा पूछ बैठी। ” ठीक हूं नेहा और शादी की तैयारियां भी चल रही हैं लेकिन …. ,, ” लेकिन … Read more

पुरुष – कंचन श्रीवास्तव 

बढ़ती उम्र ने अमन को मानों खामोश कर दिया। जबकि कमी किसी चीज की नहीं है।कभी कभी उसे देख के लगता है उसकी जिंदगी में कोई है।फिर लगता है नहीं नहीं ऐसा अगर होता तो बताता। क्योंकि वो हमेशा से हर एक बात मुझसे बताता आया है मुझे अच्छे से याद है कि जब वो … Read more

बेटियों की चाहत – रोनिता कुंडू

मम्मी..! दादी..! देखिए आपकी बेटी डांस में प्रथम आई है, अब मैं नेशनल स्टेज पर डांस करूंगी… प्रियंका ने अपनी मां (रेनू) और दादी (सविता जी) से कहा रेनू:  वाह..! मेरा बच्चा.. शाबाश… ऐसे ही आगे बढ़ते रहो… मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है.. सविता जी:   क्या आशीर्वाद दे रही हो…? मां, बेटी तो … Read more

रखवाली – कमलेश राणा

पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही थी जिससे मैदानी इलाकों में भी ठंड का कहर बढ़ गया था। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी पड़ रही थी। लोग रजाई कंबल में दुबके हुए थे बाहर निकलने का मन ही नहीं करता। ऐसी ही एक सुबह खिड़की से लोगों की आवा जाही की भनक मिली, खोलकर देखा तो … Read more

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