आपके लिए ! – रमेश चंद्र शर्मा

 विगत पंख लगाकर फुर्र  हो गया। गुजरे जमाने के सैड सॉन्ग की तरह कुछ स्मृतियां आज अचानक प्रत्यक्ष होने लगी। कॉलेज के दिनों की सीधी-सादी वंदना का चेहरा सामने आ गया ।किसी से बातचीत नहीं । लड़कों से तो बिल्कुल भी नहीं। इक्की दुक्की सहेलियां। सहज आकर्षण सौम्य चेहरा । सादगी दिखाती वेशभूषा। वंदना की … Read more

इस्तीफ़ा – रंजना बरियार

चाँद खिड़की से झाँक रहा है… मानों उसका चाँद उसकी आँखों में झाँक कर कह रहा हो..’उठ सुमी यहाँ क्या कर रही? चलो, चाँद के उस पार चलें’… नहीं , ये तो मेरा चाँद नहीं.. ये मौन है.. शीतलता देता है.. पर साथ चलने को नहीं कहता…पर मेरा चाँद तो शीतलता देता है…अग्नि को तुषार … Read more

“बस अब और नहीं…” – ऋतु गुप्ता

सत्रह बर्ष की सलोनी दो बर्ष की बेटी का हाथ थामे और आठ महीने के पेट के साथ अपने पिता के मरने पर उसके लिए रोने मायके आई है। दिल कहता है बाप था तेरा, जरा तो संवेदना दिखा, इन आंखों से दो आंसू तो इस रिश्ते के लिए गिरा दे, पर दिमाग तो कुछ … Read more

“विरोध नहीं सही का आगाज़” ऋतु अग्रवाल

      “सम्यक! तेरा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है। तू अपनी बड़ी बहन का विरोध कर रहा है। उस बहन का जो तुझे जान से भी प्यारी थी और वह बहन जो तेरे लिए कुछ भी कर गुजरे। आज तुझे अपनी बीवी इतनी प्यारी हो गई कि तू उसके लिए अपनी सगी बहन के खिलाफ … Read more

तुम्हारी माँ है वो नौकरानी नहीं है!! – मनीषा भरतीया

राहुल और पिंकी की मुलाकात एक लोकल ट्रेन में हुई थी. राहुल अपनी बहन के ससुराल और पिंकी अपने घर जा रही थी इत्तेफाक से दोनों एक ही स्टेशन टीटागढ़ में उतरने वाले थे अजनबी होते हुए भी इस 45 मिनट के सफर में दोनों ने ढेर सारी बातें की  बातों का सिलसिला शुरू हुआ … Read more

सिर्फ पैसों से रिश्ते नहीं बनते – सविता गोयल 

” दीदी, कल आपके भतीजे का जन्मदिन है। आपलोग बच्चों के साथ आ सको तो बहुत अच्छा लगेगा, ” एकता ने मनुहार करते हुए अपनी ननद मधु को फोन किया। ” देखती हूं भाभी…. वैसे मुश्किल हीं है क्योंकि आपके जीजा जी को कल जरूरी काम है,” मधु ने ठंडी सी प्रतिक्रिया देकर फोन रख … Read more

तुम्हारी वजह से मैं खुद से प्यार करने लगी हूँ। – संगीता अग्रवाल

” सुनिए मुझे आपसे कुछ कहना है ?” प्रतिभा अंधविद्यालय से बच्चो को पढ़ा कर निकली तो गेट पर एक लड़का उसे रोकता हुआ बोला। ” जी कहिये ?” प्रतिभा आश्चर्य से उस लड़के को देख बोली क्योकि प्रतिभा उस लड़के को नही जानती थी ना कभी मिली थी फिर यूँ अचानक उसका इस तरह … Read more

अब अपमान  सहन नहीं होता राजू के बापू  – मीनाक्षी सिंह

गीता – माँ जी कितनी बार कहा हैँ आपसे ये रानी विक्टोरिया की तरह साड़ी जमीन पर लहराते हुए मत चला करो ,,अब आपके पति नहीं हैँ जो नई-  नई साड़ी रोज लाकर दे आपको ! इतनी गंदी हो जाती हैँ ! कितना साबुन खर्च होता हैँ इसे धुलने में ! आपको अन्दाजा भी हैँ … Read more

चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो – सीमा वर्मा

” चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो” ‘ तनूजा, तनू…जा कहां गई यार मुझे आज चाय नहीं पीनी है। चलो सुबह की सैर पर चलते हैं ‘ आदतन बड़बड़ाते हुए अनिल ने बिस्तर की दूसरी तरफ रखे तकिए पर हाथ डाला , ‘ उंह कहां गई यार … कल करवा चौथ है ना चलो … Read more

फिर विरोध क्यूँ – गुरविंदर टूटेजा

    स्वाति का आज मन नहीं लग रहा था…बस बार बार संजय का चेहरा सामनें आ रहा था कि कैसे इतनी छोटी सी उम्र में ही एक्सीडेंट में वो चला गया विश्वास नहीं हो रहा था किअब वो इस दुनिया में नहीं हैं…आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थें…!!!!   संजय स्वाति के चाचा का बेटा … Read more

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