असल से ज्यादा सूद प्यारा होता है – नीतिका गुप्ता

 रागिनी जी आज बहुत खुश हैं, हो भी क्यों ना भला..?? आज उनकी बेटी के साथ साथ उनकी इकलौती नातिन भी अपनी नानी के घर आ रही है। टिम्मी को उसके जन्म के समय ही तो देखा था जब नामकरण में छोछक भरने गई थीं। जब पहली बार उसे गोद में लिया तो लगा मानो … Read more

घर बिखरा है रिश्ते नहीं – पूजा अरोरा 

बच्चे स्कूल जा चुके थे और पीयूष भी अपने दफ्तर को जैसे ही निकले हर रोज की तरह माधवी ने जल्दी से रसोई घर में जाकर दो कप इलायची वाली कड़क चाय बनने के के लिए रख दी | यही तो समय होता था जब सुबह की भागदौड़ और शोर शोरगुल के बाद दो घड़ी  … Read more

तलाक- लड़की की बदनामी या नवजीवन ?? – संगीता अग्रवाल 

” बेटा नताशा कैसी हो तुम ?” रोहिणी जी ने अपनी नवविवाहित बेटी को फोन किया और पूछा। ” मैं ठीक हूं मां आप बताओ !” नताशा ने उत्तर दिया। ” बेटा हम भी ठीक हैं तुम्हारे पापा तुमसे मिलना चाहते है तो परसो हम लोग आ रहे हैं तुम्हारे ससुराल !” रोहिणी जी बोली। … Read more

उसने हमारी ख्वाहिश को तिरस्कृत नहीं किया पर पुरस्कृत किया है….. – भाविनी केतन उपाध्याय 

 वाह, भाभी,नई साड़ी और उस पर से सब मैचिंग क्या बात है ? कोई लॉटरी लगी या कोई नई दोस्ती हुई ? वैसे आप बहुत जंच रही है ” नीलम ने अपने मामा की बेटे की बहू दिपिका का सब के सामने मज़ाक उड़ाते हुए कहा । ” नहीं दीदी, यह तो आप के भतीजे … Read more

तिरस्कार – चंद्रकान्ता वर्मा

मैंनें सहेली के घर बुजुर्गों का जो तिरस्कार देखा निंदनीय है।एक बार मैंनें सहेली को फोन किया — हैलो कविता मैं मीरा बोल रही हूं। हमारा तेरे शहर लखनऊ में ही तबादला हो गया है। कविता… कितनें अरसे बाद तेरी आवाज सुनीं है। आओ मिलनें को बडा मन है। ठीक है आती हूं तुम अपनां … Read more

छालू नहीं शालू – लतिका श्रीवास्तव 

….सहमी सहमी सी थी वो जब मैंने उसे बुलाया तो बहुत झिझक रही थी काफ़ी कुरेदने के बाद जब उसने मुंह खोला तो सारे बच्चे ठहाका लगा कर हंस पड़े ….वो फिर से सहम कर अपने में सिमट गई थी….. शालू नाम था उसका …बहुत ही शालीन पर सहमी सी वो लड़की पूरी क्लास के … Read more

अपनों का तिरस्कार.. दूसरों का सम्मान – संगीता त्रिपाठी 

  “आंटी जी आप कैसी है, तबियत कैसी है आपकी “सुरभि यशोदा जी के पैर छूते हुये बोली        “सदा सुहागन रहो बेटा, सब ठीक है, तुम हमेशा हँसती रहती हो, बड़ा अच्छा लगता है तुम्हे देख कर,बड़ो का भी कितना ध्यान रखती हो, तुम्हारी सास तो बहुत भाग्यशाली है जो उन्हें इतनी प्यारी बहू मिली है, … Read more

समय का पहिया – अनु अग्रवाल

“नीलू दीदी आ रही हैं आज….सारे शॉपिंग बैग्स अलमारी में छुपा देना….नए कपड़े देख लिए तो हूबहू अपनी बेटी के लिए भी बिल्कुल वैसा ही बना देंगी…अब इतनी हैसियत तो है नहीं कि खरीद सकें इतने महँगे कपड़े… – कामिनी ने अपनी दोनों बेटियों से अपनी चचेरी ननद के लिए कहा। नीलू दीदी की आर्थिक … Read more

काश – डा. मधु आंधीवाल

नाव्या तुम बहुत भाग्यशाली हो तुमको इतनी अच्छी ससुराल और पति मिलें हैं। नाव्या की सारी सहेलियां आज करीब 20 साल बाद आपस में बात करके एक जगह  दो दिन के लिये एकत्रित हुई थी । नाव्या बहुत समझ दार थी क्योंकि वह एक गरीब परिवार से थी । उसको बस ईश्वर ने सुन्दरता देने … Read more

जब समधी ने अपने समधी का किया तिरस्कार – सुषमा यादव

इनके नहीं रहने पर मैंने अपने श्वसुर जी जिनको मैं, बाबू, बोलती थी,उनको अपने साथ अपने कार्यस्थल शहर ले चलने की तैयारी करने लगी, क्यों कि अब घर में कोई नहीं था, मैं अपने पिता जी से मिलने अपने मायके गई,, वो भी अकेले ही थे,भाई भाभी शहर में थे, कुछ कारण वश उनके साथ … Read more

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