वो रुका हुआ फैसला – Family Story In Hindi

     “सुन कल कॉलेज मत जाना।लड़के के माता -पिता कल तुझे देखने आ रहे। “लड़के “.. क्या कह रही हो माँ, अभी तो मेरी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई। नहीं करनी मुझे शादी…। चुप कर पगली, रिश्ता बहुत अच्छा है, बस वो लोग तुझे पसंद कर ले, तो मै चट मंगनी पट ब्याह कर दूँ। … Read more

संपत्ति का वारिस बेटा और जिम्मेदारियों की वारिस बेटी क्यों… – संगीता त्रिपाठी

अर्पिता के पिता के असमय गुजर जाने से अर्पिता के कोमल कंधो पर घर की सारी जिम्मेदारी आ गई। असमय बड़ी हुई अर्पिता कभी बड़ी बन माँ को हौसला देती कभी छोटे भाई बहन की अभिभावक बन उनके भविष्य को सोचती। अनुकम्पा के आधार पर अर्पिता को पिता की जगह नौकरी मिल गई। सरकारी नौकरी … Read more

अब क्या रोटी भी ना खाने देंगी… – रश्मि प्रकाश

अपनी माँ को सिसकते देख रूहानी से रहा ना गया वो सोची आज जो कुछ हुआ है अपने पापा निकुंज को फ़ोन कर के बता दूँ ताकि जब वो घर आए तो पहले से जानकारी होने पर सब सामान्य कर सकें… उसने फ़ोन करके अपने पापा से आज की सारी घटना बता दी । शाम … Read more

समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान

राधिका अपनी ही तन्मयता में तेज तेज चली जा रही थी घर से काफी दूर आने के बाद उसे अपने हाथ में किसी का हाथ महसूस हुआ “पकड़ लिया  कहां भागे जा रही हो? कबसे आवाज लगाकर तुमहारे पीछे पीछे भाग रही हूँ? तुम सुन ही नहीं रही हो। ” राधिका की दोस्त बीना बोली।  … Read more

बेशर्मी नहीं शालीनता कहिए  – सोनिया कुशवाहा 

सर पर पल्लू जमाए भारी भरकम साड़ी में पंडाल के एक कोने में बैठ मैं मलाई कोफ्ते से नान का लुत्फ उठा रही थी कि तभी सामने से देवरानी आती दिखाई दी, अरे भाभी यहाँ अकेले में क्यूँ बैठी हो चलो थोड़ा चाट खाकर आते हैं! मैंने सिर उठाकर वीना को देख कर कहा ना … Read more

औरतों की जिंदगी में इतनी विवशता क्यों होती है? – नीतू सिंह

“रहने दो अनु! अगर उसे खाना नहीं खाना, तो उसकी सिफारिश करने की जरूरत नहीं।’ सुनील की एक तेज आवाज आई। अनु थोड़ा सहम गई। सुनील की बातों का टालना उसके बस में नहीं था फिर भी वह धीमे स्वर में बोली-लेकिन वो रात भर भूखे कैसे रहेंगी?” ‘रह लेगी उसे तो आदत है।’ सुनील … Read more

घर को दोनों की ही जरूरत है!!! – मधू वशिष्ठ 

मम्मी रीना ने आज फिर बिना नहाए ही रसोई में गैस जलाई है। बिना भगवान का भोग लगाए कुछ भी खा लेती है। आप तो उसे कुछ नहीं कहती जो मर्जी पहनती है। जब से रीना और पवन हैदराबाद से आए हैं तब से भावना जी दोनों बहुओं के बीच रेफरी की ही भूमिका निभा … Read more

मुझसे भी ढंग से बात न करती है – चाँदनी झा 

निहारिका, यदि तुम्हारी शिकायत सबसे है तो सबको भी तुमसे शिकायत है। ऐसे हमेशा अपनी किस्मत को कोसना, और जो किस्मत ने दिया, उसके लिए कभी खुश रहती हो तुम? आखिर क्या नहीं है तुम्हारे पास। माता-पिता, मायके में भाई, भतीजा, ससुराल में भरा परिवार, खुद भी दो प्यारे प्यारे बच्चे, इतना कमाता है मनीष(पति), … Read more

बाज़ारू औरत –  गीतू महाजन

बिस्तर पर औंधे मुंह लेटी नीला के कानों में अभी भी पड़ोसन मालती के शब्द गूंज रहे थे।अभी कुछ देर पहले ही वह उसकी छोटी बेटी दिया के साथ बात कर रही थी कि मालती ने आकर दिया को डांट कर कहा,” तू इस बाज़ारू औरत के साथ क्या कर रही है” और उसे घसीटते … Read more

आप भूल गई है कि आपकी बहू मां भी है –  किरण विश्वकर्मा 

आज सुबह से ही नंदिनी को उसका दो साल का बेटा पार्थ परेशान कर रहा था वह उसे कोई भी काम नही करने दे रहा था और न ही किसी के पास जा रहा था। यह देखकर पति नीरज ने कहा…..” कि तुम पार्थ को संभालो मैं दोपहर में खाना खाने आ जाऊंगा।” नंदिनी ने … Read more

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