” मजबूरी बनाम समझौता ” – अनिता गुप्ता
कोख में होती हलचल को महसूस करती नमिता उदास बैठी विचारों की दुनिया में खोई हुई थी। ज्यों – ज्यों समय निकलता जा रहा था , उसका अपने अजन्मे बच्चे से मोह बढ़ता जा रहा था।…… और बढ़े भी क्यों ना, वो अपने खून से जो सींच रही थी। कितना आसान लगा था, उसे जब … Read more