खुशी – सुधा शर्मा
शाम के साथ ही जैसे डूबते सूरज के साथ ही मन भी डूबने लगा था , रात की गहराती स्याही उतरने लगती थी चेतना में ।बरामदे में गौरी पिछले कुछ समय में घटी घटनाओं की त्रासदी में डूबने लगी थी। कितना प्यारा भरा पूरा परिवार ।बेटा , बहू, सात वर्ष की चहचहाती पोती।बेटा कनाडा में … Read more