“ममता का बंधन – सुधा जैन

   #यू हैव ए लविंग सन….   “यू हैव ए लविंग सन “डॉक्टर ने जब यह बात हम दोनों पति पत्नी से कहीं , हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैंने मन ही मन इस बात को स्वीकार किया कि मेरा बेटा हमारे  मुस्कुराने की वजह है “ पतिदेव के स्वास्थ्य लाभ … Read more

गंजी अम्मा (संस्मरण) – सुजाता पंत

गंजी अम्मा आई हैं जाओ उनके पैर छूकर आओ” माँ ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा। क्या गंजी अम्मा आ गयी ? स्कूल से वापस घर आते ही यह ख़बर सुनी तो मैं खिल उठी। गंजी अम्मा का आना मतलब घर में भूनी मूंगफली भुने ताल मखाने और और सूखे मेवों का आना! हर बार … Read more

धोखा – सुधा मिश्रा द्विवेदी

जिंदगी न जाने क्या दिन दिखाती है ।वर्षा के पिताजी ने न जाने कितने रुपये खर्च करके वर्षा का विवाह जमशेदपुर  के एक सुशिक्षित  सम्पन्न  परिवार  में किया ।परंतु उन्हें क्या पता था कि ये खूबसूरत पढा -लिखा छह फुट का जवान जन्मजात विक्षिप्त  है । वर्षा को पहले ही दिन पता चल गया कि … Read more

 रोली-मौली – गुरविंदर टूटेजा

   गुड मॉर्निंग डॉ…! गुड मॉर्निंग…!!    सिस्टर मैरी…डॉ० मौली कितनी अच्छी हैं ना सबसे अच्छे से बात करती हैं… मिलती है..!   हाँ सिस्टर पर सर (डॉ०कुनाल) के साथ जो हादसा हुआ उनके पैर कट गयें पर मौली मैम ने उनका साथ नहीं छोड़ा अब वो सर व हाॅस्पिटल दोनों की जिम्मेदारी कितनी हिम्मत व अच्छे से … Read more

स्नेह बंधन – रश्मि प्रकाश

“ कहाँ ख़्यालों में खोई हुई हो.. कब से रज्जो चाय रख कर गई वो भी ठंडी हो गई होगी ।” नरेंद्र ने मान्या को ख़्यालों में खोया देख कर कहा “ कुछ नहीं जी दोनों बच्चों को यूँ बारिश में भीगता देख कुहू और पीहू की याद आ गई , ये चारों साथ में … Read more

एक खामोश सा बंधन – गीतू महाजन

भोर का उजाला हो चुका था। रोज़ की तरह अपनी आदत अनुसार कामिनी जी उठी और स्नानादि कर मंदिर की ओर निकल गई। पिछले कई सालों से उनकी यही दिनचर्या थी।सुबह मंदिर से आते हुए गौशाला होते हुए आना।उनकी यह दिनचर्या शायद तब से थी जब से वह ब्याह कर चौधरी खानदान की बहू बनी … Read more

तेरे जाने के बाद इस घर में तेरी कोई जगह नहीं रहेंगी – रश्मि प्रकाश

“ महक दी आप ऐसे कब तक अपने कमरे में ऐसे बंद होकर रहोगी….चलो बाहर आओ .. सब आप का ही इंतज़ार कर रहे हैं ।” महक की भाभी श्यामा उसे अपने कमरे से निकालने की हज़ार कोशिश कर चुकी थी पर महक चुपचाप कमरे में बैठ कर रोये जा रही थी तभी महक की … Read more

औरतों को इतना सर पे नहीं चढ़ाना चाहिए – डॉ उर्मिला शर्मा

 अजय  और नीतीश गहरे दोस्त थे। वह गर्मी की छुट्टियों में महानगर से अपने होमटाउन आया था। जैसा कि वह हर साल आया करता था। प्रायः रोज ही वो दोनों मिलते थे। फोन पर भी अक्सर उनकी बातें होती रहती थीं। एक सप्ताह अभी आये हुए थे। और हर बार  की तरह इस बार नीतीश … Read more

बालमन –  आरती झा

रसोई घर से राकेश की मम्मी की आवाज आती है राकेश तुम्हें स्कूल नहीं जाना है ?   टिफिन बना दिया है   फटाफट तैयार हो जाओ । राकेश स्नान के लिए तुरंत चला जाता है और स्कूल जाने के लिए वह रेडी हो जाता है ।मम्मी उसका टिफिन और पानी बोतल बैग में रख … Read more

 बंधन – ऋतु अग्रवाल

 राध्या यही कोई नौ दस बरस की रही होगी। राध्या एक बहुत बड़ी सोसाइटी के अपार्टमेंट नंबर 502 में अपने पापा, मम्मी, दादी और छोटे भाई नभ के साथ रहती थी। राध्या के पापा,मम्मी दोनों ही नौकरी करते थे। वैसे भी महानगरों में महंगाई के चलते एक की नौकरी से कहाँ गुजारा होता है। राध्या … Read more

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