तोड़ दो ये बंधन – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : जब जब सहदेव जी अपनी बेटी के लिए रिश्ता देखने जाते,तब तब संयोगवश एक युवक लंबा सा आकर्षक व्यक्तित्व वाला उनसे अक्सर टकरा जाता, उनके पूछने पर पता चला कि वो पंतनगर नैनीताल में कृषि विश्वविद्यालय में बी,एस,सी, ए ,जी  द्वितीय वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं,, उनकी ही बिरादरी … Read more

मृत शरीर –  विजय कुमारी मौर्य

कान्ती के पैर मानो हवा में उछाल भर रहे हों। वह एक बच्चे को गोद में और दूसरे बच्चे का हाथ पकड़े बदहवासी मेंं रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी। आज से कोई एक साल पहले गोविन्द जब परदेश जाने लगा था तो बेटी पुन्नी ने उसके शरीर से लिपटते हुए कहा था, बापू! … Read more

बंधन – ज्योति अप्रतिम

***** कहाँ जा रहे हो बेटा ? भोजन का समय हो गया है। माँ ने ऋतिक से पूछा । कहीं नहीं ! अभी आता हूँ ।आधे घण्टे में पहुँच जाऊँगा। ऋतिक ने लापरवाही से दरवाजा खोल कर जाते हुए कहा। माँ ने फिर टोका ,बेटा ,पापा आने वाले हैं और बुआजी भी कितने दिनों बाद … Read more

श्राद्ध  –   डॉ अंजना गर्ग

“मां ! परसों बाबू जी का श्राद्ध है ।तुम दिल्ली आ जाओ। इस बार यही करेंगे “। जितेंद्र टेलीफोन पर मां को कहता है । “बेटा ,हर बार गांव में करती तो हूं ।  इस बार भी यही कर लेती हूं “। ” नहीं मां तुम कल आ जाओ ।  मैं गाड़ी और ड्राइवर भेज … Read more

अटूट बंधन – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :बिट्टी रुक जा…अरे कहाॅ॑ भागी जा रही है, अपने बूढ़े बाप को छोड़कर…मुझे तो साथ लेती चल। बिट्टी का साथ पकड़ने के लिए बाबूजी तेजी से चल रहे थे, बिट्टी के नजदीक पहुंचते ही गिर गए। बिट्टी ने मुड़कर देखा कुछ लोग बाबूजी को उठा रहे थे। ‘बिट्टी मुझे कहाॅ॑ छोड़ … Read more

दीया और बाती – डा. मधु आंधीवाल

—————- दीपा एक संयुक्त रुढ़ि वादी परिवार की बड़ी बहू  थी । मां बाप की लाड़ली  दादी की परी  एक सुन्दर तितली की तरह पूरे घर में उड़ती रहती थी । जितनी पढ़ने में होशियार उतनी ही शरारती । जतिन एक धनवान व्यापारी परिवार का  लाडला पता ना कैसे किसी विवाह कार्यक्रम में इस हसीन … Read more

सांस्कृतिक धरोहर – कमलेश राणा

रुचि बाज़ार जा रही थी,, मम्मी,, थोड़ी देर में बच्चे स्कूल से आ जायेंगे,,    खाना बना रखा है,, आप खिला देंगी क्या उन्हें,,    हाँ बिल्कुल,, तुम निश्चिंत रहो,, मैं सब संभाल लूंगी,,    कैसे गणेश जी लाऊँ मां,,    क्यों बाज़ार से क्यों लाना है गणेश जी,, वो तो मैं घर पर ही … Read more

विश्वास का बंधन – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : मैं बहुत छोटी थी। लगभग दस साल की तभी बाबूजी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। शायद उन्हें लगने लगा था कि वह अब नहीं बचेंगे। मुझे याद है काका जब बाबूजी से उनका हाल पूछने घर से बाहर बने बरामदे वाले कमरे से दौड़ कर आए थे। बाबूजी … Read more

जीना इसी का नाम है – मधु वशिष्ठ 

आन्टी जी पड़ोस के घर में ही रहती थीं। 80 साल की उम्र में भी उन्होंने कोई काम वाली नहीं रखी थी। उनके बेटे और बेटी दोनों अमेरिका में रहते थे। आंटी और अंकल दोनों काॅलेज से रिटायर्ड थे। सुबह उठकर दोनों मिलकर घर की सफाई करते, फिर काफी देर तक पार्क में एक्सरसाइज करते। … Read more

पंजाबन बहु – ममता गुप्ता

ऋतु एक बहुत ही समझदार ओर पंजाबन  लड़की थी।वह पंजाब की रहने वाली थी। ऋतु ने पढ़ाई में भी काफी सारे अवार्ड प्राप्त कर कर रखे थे, ऋतु ओर मोहित  साथ साथ ही पढ़ते थे,साथ साथ पढ़ने की वजह से दोनों अच्छे मित्र बन गए और मित्रता कब प्यार मे बदल गया और दोनों ने … Read more

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