*इम्तिहान* – *नम्रता सरन “सोना”*

*आशी-एक कोरोना योद्धा*  “ट्रिंग ट्रिंग…”रात साढ़े तीन बजे मोबाईल की घंटी सुनकर आशी का दिल हिल गया। “ह..ह..हेलो” “मिस्टर चौधरी इज़ नो मोर, बॉडी आपको नही मिलेगी, इलेक्ट्रिक क्रिमिएशन के बाद एशेज़ कलेक्ट करने के लिए आप कल आ जाईए” “पापा….” हाथ से मोबाइल छूट गया, आशी कटी पतंग की तरह निढाल बेड पर गिर … Read more

त्याग – चन्द्रकान्ता वर्मा

रोली पडी लिखी अच्छी पोस्ट पर थी चार भाई बहन थे एक भाई तीन बहनें। किस्मत की मार एसी पडी कि माता पिता एक सडक दुर्घटना में स्वर्गलोक सिधार गये। रोली बडी थी भाई बहन पड रहे थे। एक दिन पिता नें उसका रिश्ता जहां किया था वो लोग आये पर रोली नें इंकार कर … Read more

त्याग या तपस्या – अर्चना कोहली “अर्चि”

दो महीने तक ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती नीरा दिल की धड़कन बंद हो जाने से हमेशा के लिए शांत हो गई। नीरा के निधन की खबर सुनते ही मोहित की आँखों में रुका हुआ सैलाब उमड़ पड़ा। फूट- फूटकर वह रो पड़ा। उसकी आँखों के सामने दो महीने पूर्व का मंजर घूम … Read more

“मोगरे के फूल” – ऋतु अग्रवाल

       नीलिमा आज बहुत खुश थी। रसोई में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जा रहे थे। अम्मा बाबूजी की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था। अम्मा अपने खानदानी गहने निकाल निकाल कर नीलिमा को पहना कर देख रही थी।आखिर एक जड़ाऊ रानी हार, बाजूबंद और छोटी सी हीरे की नथ नीलिमा को देकर अम्मा बोली,”नीलू, … Read more

पहली नज़र का इश्क़ – निधि जैन

हेलो रति, क्या हम मिल सकते है, हाय समीर , अब हम ना ही मिले तो बेहतर है, तुम्हारी भी एक फैमिली है, और मेरी भी, रति ने जवाब दिया। रति फ़ोन कट करने ही वाली थी, कि दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई… एक एक मिनट फ़ोन मत रखना, मेरी बात सुन लो, मैं बस … Read more

ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा – डॉ. पारुल अग्रवाल

प्रिया आज जब शाम को  की आज शाम को टहल रही थी तो पीछे से किसी ने डॉक्टर प्रिया कह कर आवाज़ दी, प्रिया एकदम से चौंक गई क्योंकि कम ही लोग उसके नाम के आगे डॉक्टर लगाते थे। उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी ही सोसायटी में रहने वाली नीरजा थी।  औपचारिक बातचीत के … Read more

सारे फ़र्ज बहू के ही क्यूं? – कुमुद मोहन 

“बहू!तुमने सिया को फोन कर के उसकी सास  का हाल चाल नहीं लिया” रमाजी झुंझलाती हुई अपनी बहू अवनी से बोली जो ऑफिस से आकर घर में घुसी ही थी! “मम्मी!आप दिन में कई बार दीदी को फोन करती हैं आप ने नहीं पूछा? मेरे ऑफिस में आज मीटिंग थी मुझे जरा सा भी टाइम … Read more

मुखोटे – डा.मधु आंधीवाल

बानी आज सोच रही थी कि इन्सान इतने मुखोटे कैसे अपना लेता है । क्या उसका जमीर उसे कभी जगाता नहीं । अभी चार दिन ही तो हुये उस घर में जवान मौत हुये । सीमा और रमन उसके पड़ोसी कम  हितैषी अधिक थे । बानी ने जब अपना मकान बनवाना शुरू किया बराबर सीमा … Read more

तांत्रिक – कमलेश राणा

सेठ मनमोहन नगर के सबसे धनवान, दयावान और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे,, लक्ष्मी की उनपर विशेष कृपा थी,, उनके द्वार से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता था,, लोगों की दुआएं उन्हें भरपूर मिलती थी,,  वो बहुत बुद्धिमान भी थे,, पैसा कहाँ निवेश करके अधिकाधिक कमाया जा सकता है, वो बखूबी जानते थे,, काफी चल- अचल … Read more

माँ की पीड़ा – दीपनारायण सिंह

आज सुबह से ही उसकी आँखे नम थी वो किसी पीड़ादायी सोच में डूबी अपनी दैनिक क्रियाएँ निपटा रही थी।कल तक जो चरण चपल जान पड़ते थे,आज पता नहीं क्यों लड़खड़ा रहे थे।आज उसके हाथ से आँचल के छोर छूट नहीं रहे थे।कोई निकलते आँसू को देख न ले,इसीलिए पसीना पोछने के बहाने बार-बार अपनी … Read more

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