“नहीं भूलेगी बरसात की वो रात” – कविता भड़ाना

बारिश को भी अभी आज ही आना था, सोचते हुए सिया ने अपना बैग पैक किया और सभी बच्चों को विदा करके ” ट्यूशन इंस्टिट्यूशन “से बाहर निकली, तब तक बरसात बहुत तेज होने लगी। सिया एक मध्यम वर्गीय परिवार की तीन भाई बहनों में सबसे छोटी बेटी है,जिसने अभी-अभी m.Ed की परीक्षा पास की … Read more

मैं माफी मांग लूँगी – रिंकी श्रीवास्तव

मिनी की शादी को एक साल हुआ था| उसके ससुराल मे सास ससुर ,जेठ जेठानी उनके दो बच्चे मिनी और उसके पति रमन थे|     मिनी आज अपने पति रमन के साथ अस्पताल गयीथी,उसकी एच एस जी जांच होनी थी,वही कराने के लिए वे दोनो अस्पताल गये थे| वहां काफी भीड़ थी , करीब एक घंटे  … Read more

मायके का पहला सिंधारा – कुमुद मोहन

बहूजी! कोई कमी ना होनी चाहिए,बेटी का पहला सिंधारा जा रहा है,हम जानती हैं तुम हर चीज में हाथ खींच कर चलती हो,भगवान के वास्ते आज अपनी कंजूसी ना दिखाना” दादी की कड़कती आवाज सुन नीरा का मुँह उतर गया! दो महीने पहले ही नीरा और अशोक की बेटी सुमा का ब्याह सुधीर से हुआ … Read more

कोई मेरे दिल से पूछे –  कुमुद मोहन

सुधा-सुधा कहां हो भई!तुम्हें पता है मुझे वाॅक से आते ही अखबार चाहिए। तुमसे ये भी नहीं होता कि अखबार वाला डाल गया है तो उठाकर ही रख दो। किचन में चाय चढ़ाकर सुधा ब्रश कर ही रही थी कि रमन दनदनाता हुआ चिल्लाता हुआ घर में घुसा! सुधा का मन तो हुआ कि तड़ाक … Read more

कॉलर ट्यून – डॉ अनुभूति दवे

आज की सुबह कुछ अलग है। सरला जी अपने बिस्तर पर लेटी हुई हैं। सरला जी जो सुबह सुबह ही राजधानी एक्सप्रेस की तरह काम में लग जाती हैं, आज बिस्तर पर निढाल है। इनका स्वभाव अपने नाम की तरह ही बिलकुल सरल और सीधा है। वे अपने समय से कहीं आगे हैं एवं समाज … Read more

इत्फ़ाक से बारिश में हुई मुलाकात की एक रात – बेला पुनीवाला

एक रात बारीश की और साथ में, मैं और वह।  हालात हुए थे कुछ ऐसे, कि हम दोनों के बिच उस रात जो भी हुआ, उसे ना वह रोक सकता था और नाहीं मैं, जो हम दोनों ने कभी सोचा नहीं था, कि एक रात ज़िंदगी में ऐसी भी होगी। उस एक रात में जैसे … Read more

चिडि़यों की टोली – कहानी-देवेंद्र कुमार

चिडि़यों की टोली उतरती है दोपहर में दो बजे। स्कूल बस ग्लोरी अपार्टमेंट्स के सामने रुकती है। सबसे पहले रजत की आवाज गूंजती है, ‘‘दादी, हम आ गए।’’ हम यानी ग्लोरी अपार्टमेंट्स के फ्लैटों में रहने वाले बच्चे भले ही अलग-अलग हैं, पर दादी सबकी एक हैं। उन्होंने ही बच्चों को नाम दिया है-चिडि़यों की … Read more

पतन  से रोकने वाली पत्नी –  सुधा जैन

” जहां चाय वही मित्र”, वसुंधरा  सुनंदा और आराधना  तीनों सहेलियों का यही नारा था। आज तीनों सहेलियां चाय की चुस्कियां का आनंद लेने के लिए आराधना के यहां इकट्ठे हुई ।आराधना के पति निलेश बाहर गए हुए थे, तो आराधना ने सोचा कि” चलो अपनी सहेलियों को बुलाकर बातें करते हैं”।, चाय की चुस्कियां … Read more

गुड़ की डली – कमलेश राणा

सहकारी कृषि पर दुनिया भर के लेख लिखे जा रहे हैं,,कोर्स में भी पढ़ाया जाता है पर असल के धरातल पर अभी यह कोसों दूर है,, पर आज से 45 साल पहले मैने अपने गाँव में इसका सुन्दर रूप देखा ही नहीं बल्कि मैं खुद इसका हिस्सा भी बनी और इसके आनंद को भरपूर जिया … Read more

मकान का किराया – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

मूसलाधार बारिश हो रही थी, एक बूढ़ा आदमी अपने कमरे का दरवाजा खोलकर फर्श पर बैठा बरसात को देख रहा था।निशा(छोटी बहू)…पिताजी (ससुर) के लिए पकौड़े बना रही थी तभी निशा के मोबाइल की घंटी बजती है निशा फोन रिसीव करती है,वह कुछ बोलती उससे पहले ही जेठ जी की कड़कती आवाज उसके कर्ण को … Read more

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