एक और झूठा -पुष्पा कुमारी “पुष्प”
“अम्मा!.आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।” डाकिया बाबू ने अम्मा को देखते अपनी साईकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंखों में अचानक एक चमक सी आ गई.. “बेटा!.पहले जरा बात करवा दो।” अम्मा ने उम्मीद भरी निगाहों से उसकी ओर देखा लेकिन … Read more