*चाचाजी और मारिए मुझे* – ओम

#मन_के_भाव   मैं चौथी क्लास में था ,तभी मेरे पिताजी का स्वर्गवास हो गया और हमसब,मैं ,बड़े भैया और मां अपने चाचाजी के घर रहने लगे।चाचाजी का परिवार काफी छोटा था।परिवार में चाचाजी,चाचीजी और उनका एक साल का बेटा।चाचाजी बहुत बड़े बिजनेस मैन थे,और बहुत दबंग स्वभाव के थे।काफी मेहनती, सामाजिक और कड़क स्वभाव वाला … Read more

नया पन्ना  – डा. मधु आंधीवाल

#ख़्वाब मां आज मेरा फाइनल इन्टरव्यू है आज तो कुछ बोलो मां केवल तुम्हारे बोल सुनने को मैं तरस गयी । मां पापा और सब परिवार वालों की सजा मुझे क्यों दी मां ? ये एक विनती उस यौवना की थी जिसका नाम युविका था । वह मौन साधिका अपूर्व सुन्दरी कभी यौवनावस्था में चांद … Read more

बरगद की छांव में – संजय मृदुल

गांव के बाहर तालाब के किनारे एक विशाल बरगद का वृक्ष था, कोई नहीं जानता था कितना पुराना है वह। जितनी मुँह उतनी बातें। बुजुर्ग बताते की दो सौ साल से भी पुराना है। सुबह के समय तो वहां काफ़ी चहल पहल होती, गांव के लोग निस्तारी के लिए तालाब का उपयोग करते। एक घाट … Read more

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