साजन बिन कैसी बरसात – रश्मि प्रकाश

‘‘ समधन जी, हमारे यहां शादी के बाद बेटी का पहला सावन पीहर में ही रहने का रिवाज है….आपको एतराज ना हो तो बेटी दामाद को कुछ दिनों के लिए हमारे पास भेज दीजिए?….आप इजाजत दे तो मैं यश को राशि और निकुंज जी को लेने भेज दूंगी !” राशि की माँ ने उसकी सास … Read more

नमक पर भारी पड़ी चीनी! – प्रियंका सक्सेना

मौसम अपने पूरे शबाब पर था। दिन भर बादल और सूरज ने जम कर आँखमिचौली खेली थी। शाम होते  होते सूरज ने थक कर हार मान ली। और अपने घर को प्रस्थान किया। बादल अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए पूरी तैयारियां कर चुके हैं। लाइटनिंग ( बिजली की चमक) के साथ घुमड़ घुमड़ … Read more

बरसात की एक रात – सोनल मंजू श्री ओमर

   रात के तीन-चार बज रहे होंगे। राहुल स्टेशन पर खड़ा है, अपने बैग्स के साथ। बारिश हो रही है और बहुत तेज हवा चल रही है। लगता है जैसे तूफान आने वाला है। राहुल ठिठुर सा रहा है, उसे ठंड लग रही है। राहुल आवाज लगाता है…. कोई है!…कोई है! पर उसे कोई नही दिखता … Read more

  ‘ नीरजा ‘ – विभा गुप्ता

 ” हैलो मैडम…., दस मिनट के अंदर मैं तुझे दर्शन देने आ रही हूँ।” कहकर वह हँसने लगी और फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।          पूरे सात साल के बाद मैं नीरजा से मिलूँगी, कैसी दिखती होगी? दो महीने पहले फेसबुक पर उसने अपनी जो तस्वीर पोस्ट की थी,उससे तो लग रहा था कि ….., तभी डोरबेल … Read more

मृगनयनी – कमलेश राणा

निन्नी,,ओ निन्नी,,चल न अब तो,,कितनी देर हो गई,,आज तो माँ से पिटवा के ही मानेगी मुझे,,, बस तानी,,थोड़ी सी देर और रुक जा,,मेरी प्यारी सखी,, बस तेरी ये बातें ही तो बाँधे हुए हैं मुझे,,ओ दैया,,याद आया,माँ ने कच्चे आम तोड़ कर लाने को बोला था,,अचार के लिये,,मैं तो भूल ही गई,, अरे,तो इसमें कौन … Read more

फिर से – सुधा शर्मा

  आज अपने को बार बार बहला रही थी वसुधा ।’ठीक किया मैने , यह कोई समय है प्यार मुहब्बत में पडने का ?कितनी पागल हूँ न मै ? कैसे इतनी जल्दी भावनाओं में बह जाती हूँ ।      बस खूबसूरत शब्दों के मोह जाल में भूल जाती हूँ कि जीवन के इस मोड पर क्या हक … Read more

अपने पास रहना है – नीरजा कृष्णा

वो हाथ में चाय का प्याला पकड़े बैठी रह गई थी। मन में विचारों का झंझावात चल रहा था…क्या करूँ …क्या ना करूँ। दोराहे पर खड़ी वो परेशान थी…पति तो जीवन में बहुत पहले ही साथ छोड़ गए थे…दो बच्चों की जिम्मेदारी और कॉलेज की नौकरी… दोनों को बहुत कुशलता से निभाया …दोनों बेटे अपनी … Read more

आदत  -पुष्पा कुमारी “पुष्प”

“साहब रिक्शा चाहिए क्या?” श्रीवास्तव जी पत्नी का हाथ थामें टहलते हुए पार्क के गेट से बाहर निकल ही रहें थे कि वहीं खड़े रिक्शाचालक ने उससे पूछ लिया। “भई रिक्शा तो मैं ले लेता!.लेकिन मुझे चलाना नहीं आता।” अपनी पत्नी की ओर देखते हुए उस हमउम्र रिक्शा चालक से श्रीवास्तव जी मजाक कर गए। … Read more

अनकही वेदना   – सरिता गर्ग ‘सरि’ 

आज माँ की याद मन के शैल- शिखरों से निकली वेगवती धारा-सी नयनों की झील भर गई। काम की व्यस्तता के बीच , मैं माँ की गोद और अहम रिश्ते को भुला बैठा था। बरसों से बीमार माँ से नहीं मिल पाया था। डबडबाई आँखों से अनन्त व्योम में नजरें गड़ाए मैंने निश्चय किया,आज मुझे … Read more

रॉंग नंबर – आभा सोनी

देवर जी की कल ही शादी हुई थी। सभी घर के लोग और मेहमान, लड़की वाले के यहाँ से अभी तक लौटे नहीं थे। मै और मेरी सासु माँ ही सिर्फ घर पे थी। दोपहर मे मोबाइल की रिंग टोन बजी, मैंने नंबर देखा, 3-4 दिनों से इस नंबर से कौल् आ रहा था, फोन … Read more

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