सपनें – Inspiring Story In Hindi 

“दादी माँ! अपनी पसंद बताओ ना, क्या खाओगी” मेरी बहू की बहू ने मेनू कार्ड मेरी तरफ कर पूछा तो आँखें छलक आईं जब अपने बाउजी के घर में थी तो चारदीवारी ही मेरी दुनिया थी। सिर्फ मेरी ही नहीं! मेरी माँ, भाभी,चाची और दादी की भी। स्कूल सिर्फ सातवीं तक गई वो भी बड़े … Read more

गुलाबी-स्कूटी – सीमा वर्मा

साथियों इतनी लम्बी जिन्दगी के न जाने कितनी खट्टी-मीठी यादें होगीं। उनमे से एक जो मैं सुनाने जा रही हूँ वो आज भी मेरे दिल के बहुत करीब है। ये कथा करीब २००२ में हमारे शहर की गली-मुहल्ले वाली संस्कृति से जुड़ी है। जहां आज भी विकास की हवा हौले-हौले ही बह रही है। सब … Read more

संस्कार’ – -पूनम वर्मा #लघुकथा

“मम्मी ! आजकल आप रोज चिड़ियों के लिए दाना-पानी क्यों रखती हैं ?” जिज्ञासु बंटी ने मम्मी को सकोरे में पानी रखते देखकर पूछा । ” मेरे प्यारे बंटी ! देख रहे हो आजकल गर्मी कितनी पड़ रही है ? सभी नदी-तालाब सूख गए हैं और खेतों में भी अभी फसल नहीं लगती । इसलिए … Read more

बेटे के लिए अंधा प्यार – के कामेश्वरी

प्रतीक माँ के सामने ग़ुस्से से खड़ा था । माँ उसे समझा रही थी कि बेटा ऐसे नहीं कहते वह तुम्हारी बहन है । प्रतीक अपने ग़ुस्से को क़ाबू में करते हुए कहता है कि माँ मुझे समझाने की ज़रूरत नहीं है मुझे मालूम है कि मुझे क्या करना है । बेटे के लिए अटूट … Read more

अंधे रिश्ते” – सुधा जैन

सौम्या कारपोरेट सेक्टर में काम करती है ।बहुत ही प्रतिभाशाली है। एक वर्ष पूर्व ही उसने अपने साथी नीरज से शादी की है ,और अपनी नई गृहस्थी का आनंद ले रही है ।उसी के ऑफिस में प्रमोशन लेकर राहुल आए हैं। राहुल ने सौम्या की प्रतिभा को पहचान कर उसे अपने प्रोजेक्ट में लिया है … Read more

फ्रीडम-द स्वतंत्रता – अनुज सारस्वत

********************** “तू बेटा जा शहर जाकर नौकरी ढूंढ कब तक यहाँ ट्यूशन पढ़ाकर अपने को रोक मत ..मुझे पता अच्छा खासा कमा लेता है ट्यूशन से लेकिन इस पैसों के फेर में नही पड़ना ..स्थायी नौकरी होना ज़रूरी है और अभी तो उम्र भी नही तेरी कुछ, हाथ पैर मार तभी जिंदगी के संघर्ष को … Read more

‘ ख्वाब की हकीकत हो ‘ – विभा गुप्ता | Short Hindi Moral Story

    ” माँ…. फाइनली मुझे कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल ही गया।ये देखो…” लाइसेंस दिखाते हुए श्रुति बोली और माँ के गले लग गई।लाइसेंस पर बेटी का नाम लिखा देख माँ की आँखों से आँसू छलक पड़े।             ” ये क्या माँ, तुम खुश नहीं हो।” श्रुति ने माँ की आँखों से आँसू पोंछते हुए बोली। “नहीं … Read more

ख्व़ाब – कमलेश राणा

शेखर गुनगुना रहा था,,देखा एक ख्व़ाब तो ये सिलसिले हुए,दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए,,,   वाह!!क्या बात है शेखर,,बड़े खुश नजर आ रहे हो आज तो,,,   हम तो हमेशा ही खुश रहते हैं,,   शेखर और सलोनी में अच्छी दोस्ती थी,,दोनों हाईस्कूल में पढ़ रहे थे,,   हाँ शेखर ,,,अभी जो … Read more

खुली आँखों के ख्वाब – ऋतु अग्रवाल

अक्सर नीता अपने सतरंगी ख्वाबों में डूब जाती और डूबती भी क्यों नहीं? आखिर वह पंद्रह बरस की युवा होती मध्यमवर्गीय लड़की थी। मध्यमवर्ग जहाँ, अच्छा भोजन, आम कपड़े, छोटा सा घर, संतुलित प्यार भरे रिश्ते नाते,कुछ अधूरी इच्छाएँ,परिवार और समाज का दबाव, बच्चों में कुछ बड़ा करने की ललक जगाता रहता है। तो ऐसे … Read more

मलाल – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’ | Very Small Story In Hindi

नीता ने ससुर जी के देहांत के बाद नौकरी करने का फैसला किया.एक अच्छी कंपनी मे उसकी नौकरी लग गई.आफिस जाते वक्त वह अपने बच्चे को बहन के पास छोड़ जाती थी. मां थी कसक तो रहती ही है दिन भर बच्चा मां से दूर रहता है पर बहन के पास रहता है यही सोच … Read more

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