उम्मीदों का दिया बुझने मत देना
सुनीता और उसकी ननद नैना की शादी एक साथ ही हुई थी और किस्मत से दोनों एक साथ ही मां बनने वाली थी। नैना के ससुराल में उसकी सास नहीं थी बस उसके ससुर और उसके हस्बैंड थे इसलिए नैना को नैना की मां यानी कि सुनीता की सास ने अपने पास ही बुला लिया। … Read more